देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को नई दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से भेंट की। उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्री को जोशीमठ क्षेत्र में हो रहे भू-धंसाव से उत्पन्न स्थिति की विस्तृत जानकारी दी, तथा आपदा राहत के लिए केंद्रीय सहायता का अनुरोध किया। मुख्यमंत्री ने गृह मंत्री को बताया कि जोशीमठ शहर जनपद चमोली का तहसील मुख्यालय, श्री बद्रीनाथ का शीतकालीन निवास स्थान है, तथा सामरिक, सांस्कृतिक एवं पर्यटन की दृष्टि से भी महत्वपूर्ण स्थान है। मुख्यमंत्री ने कहा कि जोशीमठ पुराने भू-स्खलन के मोटी परत के मलबे के ऊपर बसा है। यद्यपि भू-स्खलन, भवनों में दरारों का इतिहास पुराना है लेकिन 2 जनवरी की रात से भवनों में मोटी दरारें दृष्टिगोचर हुई तथा जेपी प्लान्ट के नीचे 500 एलपीएम की नई धारा फूटने की शिकायत प्राप्त हुई। उन्होंने कहा कि अभी तक क्षेत्र का 25 प्रतिशत भू-भाग, भू-धंसाव से प्रभावित है जिसकी अनुमानित जनसंख्या लगभग 25000 है, पालिका क्षेत्र में दर्ज भवन लगभग 4500 है, उसमें से 849 भवनों में चौड़ी दरारें परिलक्षित हो चुकी है, अस्थायी रूप से विस्थापित परिवार 250 हैं, सर्वे गतिमान है एवं इन प्रभावित परिवार तथा भवन निरन्तर बढ़ रहे हैं। जबकि पुनर्वास को पांच स्थल चिन्“ित किये गये है, जिनका भू-गर्भीय परीक्षण किया जा रहा है। जोशीमठ के कुल 9 वार्ड में से 4 वार्ड पूर्णरूपेण प्रभावित हैं जबकि 8 केन्द्रीय तकनीकी संस्थान प्रभावित क्षेत्र में वैज्ञानिक परीक्षण कर रहे है। उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्री को बताया कि 16 से 22 अगस्त 2022 के मध्य मल्टी डिशिप्लेनरी कमेटी (यूएसडीएमए, जीएसआई, आईआईटी, रूड़की, सीबीआरआई, रूड़की, डब्ल्यू आईएचजी) ने क्षेत्र का स्थलीय सर्वेक्षण किया था एवं भू-धंसाव के कारण एवं उपाय इंगित किये गये थे साथ ही प्रदेश के सचिव आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास विभाग ने भी मल्टी डिशिप्लेनरी कमेटी रूड़की के माध्यम से स्थलीय निरीक्षण किया था। केंद्रीय गृहमंत्री ने जोशीमठ के भू-धंसाव क्षेत्र के प्रभावितों की आवश्यक मदद का आश्वासन मुख्यमंत्री को दिया। मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि 8 जनवरी 2023 पीएमओ, भारत सरकार के कैबिनेट सचिव, एनडीएमए तथा यूएसडीएमए के अन्य केन्द्रीय विभागों के साथ एक समीक्षा बैठक की। 9 जनवरी 2023 को एमएचए, जीओआई की हाई पावर टीम एवं एनडीएमए के सभी सदस्यों ने देहरादून में वस्तुस्थिति की समीक्षा एवं जोशीमठ प्रभावित क्षेत्र का स्थलीय निरीक्षण किया। डीएम तथा गढ़वाल आयुत्त एवं अन्य वरिष्ठ अधिकारियों की ओर से जोशीमठ क्षेत्र में कैम्प किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने बताया कि विभिन्न केर्न्द्रीय तकनीकी संस्थानों से विचार विमर्श के बाद प्रारम्भिक रूप से बताया कि क्षेत्र में वृहद् पुनर्निर्माण की आवश्यकता होगी जिसका फाइनल इस्टीमेशन तकनीकी परीक्षण समाप्त होने के बाद प्राप्त होगा। मुख्यमंत्री ने प्रभावित क्षेत्रों के लिये तात्कालिक राहत शिविरों की व्यवस्था, पूर्वनिर्मित ट्रांजिट आश्रय, स्थायी पुनर्वास, नवीन स्थल विकास, आवास निर्माण, मूलभूत सुविधायें यथाः स्कूल, कालेज, जल निकासी, सीवरेज आदि, जोशीमठ का पुर्ननिर्माण, विस्तृत तकनीकी जांच, भू-स्खलन की रोकथाम, सम्पूर्ण जल निकासी व्यवस्था, शहर में सीवर लाईन की व्यवस्था, सभी घरों का सीवर लाईन से जुड़ाव आदि मूलभूत सुविधाओं के विकास के लिये मुख्यमंत्री ने गृह मंत्री से केंद्रीय सहायता के लिये अनुरोध किया।
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