उत्तराखंड के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत की पहल का असर, मरीजों को मिलेगी राहत, बेस चिकित्सालय श्रीनगर में जल्द होगी कार्डियो सर्जन की तैनाती, बेस चिकित्सालय में मरीजों को मिल रही बेहतर सुविधा
श्रीनगर। प्रदेश के पहले मेडिकल कॉलेज श्रीनगर के टीचिंग अस्पताल में स्वास्थ्य मंत्री डा. धन सिंह रावत की पहल पर जल्द ही कार्डियो सर्जन की स्थाई तैनाती के साथ ही क्रिटिकल केयर ब्लाक खुलने जा रहा है। जिससे मरीजों को हर प्रकार की स्वास्थ्य सुविधाएं मिलने शुरू हो जायेगी। मेडिकल कालेज श्रीनगर में विगत छह सालों में चिकित्सकीय सुविधा के साथ ही अत्याधुनिक उपकरणों एवं स्थाई डॉक्टरों की नियुक्ति की व्यवस्था बहाल होने से आज गढ़वाल के मरीजों को बेहतर सुविधा मिल रही है। सुविधाओं का इजाफा होने से बेस अस्पताल में पहुंचने वाले मरीजों का आंकड़ा साल दर साल बढ़ रहा है। जो बेस चिकित्सालय के लिए अच्छी खबर है, कि यहां मरीजों के इलाज के लिए अत्याधुनिक उपकरणों की मौजूदगी से आज मरीज देहरादून या ऋषिकेश जाने के बजाय बेस चिकित्सालय पर निर्भर हो गये है। भाजपा के ड्रीम प्रोजेक्ट में बेहतर सुविधाएं जुटाने में श्रीनगर विधायक एवं स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने अहम रोल अदा किया है।
बेस चिकित्सालय में चिकित्सकीय सुविधा के अलावा डॉक्टरों द्वारा करायी जाने वाली जांचें समय पर मरीजों को उपलब्ध हो रही है। बेस चिकित्सालय में सीटी स्केन, एक्सरे, अल्ट्रासाउंड, डायलिसिस, अत्याधुनिक आईसीयू, वेंटीलेटर जैसी सुविधाएं मरीजों को बेहतर मिल रही है। पहले लोगों को रेडियोलॉजिस्ट ना होने पर अल्ट्रासाउंड के लिए प्राइवेट क्लीनिक पर जाना पड़ता था, यहीं नहीं सीटी स्केन मशीन खराब या बंद रहने के कारण अन्य प्राइवेट में मंहगे दाम पर सीटी स्केन करना पड़ता था। यहीं नहीं गायनी विभाग में बेहतर सुविधाएं होने के बाद आज प्रसव के लगातार केस बढ़ रहे है। पिछले पांच सालों का डेटा बताता है कि यहां सुविधाएं जुटाने के बाद मरीजों की संख्या में इजाफा हुआ है। मेडिकल कॉलेज कॉलेज के प्राचार्य डॉ. सीएमएस रावत द्वारा भी बेस चिकित्सालय में व्यवस्थाओं को बेहतर ढ़ग से कराये जाने को लेकर लगातार प्रयासरत है। प्राचार्य द्वारा चिकित्सा स्वास्थ्य मंत्री एवं शासन के उच्चाधिकारियों से लगाातार बेहतर समन्वय बनाकर अस्पताल की व्यवस्थाओं में काफी परिवर्तन किया है। अस्पताल के एमएस डॉ. रविन्द्र बिष्ट ने बताया कि अस्पताल में चिकित्सकीय उपकरण बढ़ने के बाद स्वास्थ्य सेवाओं में इजाफा हुआ है।
बेस चिकित्सालय में अत्याधुनिक मशीनों के आने से बढ़ रहे मरीज
बेस अस्पताल में वर्ष 2018 में 2115 मरीजों के सीटी स्केन हुए थे, जिसके बाद अत्याधुनिक मशीन पहुंचने के बाद वर्ष 2022-23 में अभी तक 5500 से अधिक मरीजों का सीटी स्केन हो गया है। इसी तरह रेडियोलॉजिस्ट डॉक्टर की यहां चिकित्सा शिक्षा मंत्री द्वारा तैनाती की गई, जिसके बाद प्रसव, सर्जरी विभाग में आने मरीजों को बेहतर अल्ट्रासाउंड की सुविधा मिली है। वर्ष 2021-022 तक साढ़े नौ हजार अल्ट्रासाउंड मरीजों के हो चुके है। एक्सरें की बेहतर मशीन आने के बाद वर्ष 2018 में जहां 28 हजार एक्सरें हुए थे, जो वर्ष 2022 एक साल में 50 हजार के लगभग एक्सरें अस्पताल मरीजों के कर चुका है।
सुरक्षित प्रसव के लिए पूरे गढ़वाल से श्रीनगर के बेस चिकित्सालय पहुंचती है महिलाएं
बेस चिकित्सालय में सुरक्षित प्रसव कराने के लिए गढ़वाल भर के विभिन्न स्थानों से गर्भवती महिलाएं यहां पहुंचती है। गायनी विभाग में डॉक्टरों की तैनाती होने के बाद आज यहां हर साल प्रसव का आंकड़ा बढ़ा है। वर्ष 2018 में जहां 2406 हुए थे, जो आज वर्ष 2022-23 में 3729 से अधिक प्रसव एक साल में हुए है। प्रसव के बाद बेस अस्पताल में जज्जा-बच्चा को छोड़ने के लिए खुशियों की सवारी वाहन सेवा शुरु कराकर आज स्वास्थ्य मंत्री ने दूर-दराज की महिलाओं को सुविधा प्रदान की है।–
”श्रीनगर मेडिकल कालेज पर पौड़ी, टिहरी, रुद्रप्रयाग व चमोली जनपद के मरीजों का भारी दवाब है जिसको देखते हुये यहां पर बेहतर स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने का प्रयास किया जा रहा है। सीबीसी (क्रिटिकल केयर ब्लाक) बनाने तथा एमआरआई की सुविधा उपलब्ध कराई जायेगी। इसके अलावा मेडिकल कालेज में कार्डियो सर्जन सहित अन्य विशेषज्ञ चिकित्सकों की स्थाई तैनाती की जाएगी ”