उत्तराखण्ड

सरकार गठन के बाद भाजपा प्रदेश संगठन ने की हार की समीक्षा

चार अप्रैल तक सभी सीटों की रिपोर्ट आने की जताई उम्मीद
देहरादून। उत्तराखंड विधानसभा चुनाव में भाजपा ने बहुमत के साथ सरकार बनाई है। लेकिन इस चुनाव में भाजपा को 23 सीटों पर हार का मुंह भी देखना पड़ा। इतना ही नहीं मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी अपनी परंपरागत खटीमा सीट से हार बैठे। चुनाव के बाद भाजपा के कई प्रत्याशियों ने भितरघात की बात कही थी। भितरघात के आरोप के बाद पार्टी ने हारी हुई 23 सीटों पर वरिष्ठ नेताओं को समीक्षक के रूप में जिम्मेदारी सौंपी थी। इन सीटों में से कुछ की रिपोर्ट मुख्यालय को सौंप दी गई है। बाकि की रिपोर्ट चार अप्रैल तक आने की संभावना जताई जा रही है। उत्तराखंड में भाजपा को जिन विधानसभा सीटों पर हार का मुंह देखना पड़ा, उनमें ज्यादातर सीटें पर संवादहीनता और धुर्वीकरण को कारण माना गया है। वहीं कुछ सीटों पर भितरघात भी एक बड़ा कारण माना जा रहा है। पार्टी के समीक्षकों ने अपनी रिपोर्ट सौंपनी शुरू कर दी है। भाजपा ने इन सीटों पर हार की वजह का पता लगाने के लिए पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को समीक्षक के तौर पर जिम्मेदारी सौंपी थी। सभी नेता संबंधित विधानसभा सीटों पर जाकर स्थानीय कार्यकर्ता से बातचीत के आधार पर अपनी रिपोर्ट तैयार कर रहे हैं। सात से आठ सीटों की रिपोर्ट पार्टी मुख्यालय को सौंप दी गई है, जबकि अन्य सभी सीटों की रिपोर्ट चार अप्रैल तक मिलने की उम्मीद है। कुछ सीटों पर अब भाजपा को भितरघात के सुबूत भी मिले हैं। लिहाजा, अब राष्ट्रीय पदाधिकारी पड़ताल करेंगे। माना जा रहा है कि भितरघातियों पर बड़ी कार्रवाई हो सकती है। सरकार गठन के तत्काल बाद भाजपा प्रदेश संगठन ने हार की समीक्षा के लिए अलग-अलग पदाधिकारियों को नियुत्तफ किया था और हारी हुई विधानसभा सीटों में भेजा। कुछ सीटों पर हार के कारणों की रिपोर्ट तैयार कर प्रदेश संगठन को सौंपी जा चुकी हैं और बची हुई सीटों की रिपोर्ट प्रदेश संगठन को जल्द ही मिल जाएगी।
भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री संगठन बीएल संतोष के चार अप्रैल को देहरादून आने की संभावना जताई जा रही है। संतोष इन सब रिपोर्ट पर अलग-अलग बैठकों में पार्टी की हारी हुई सीटों की पड़ताल करेंगे। खटीमा सीट पर संवादहीनता की बातें सामने आई है। वहीं यमुनोत्री, भगवानपुर, खानपुर और मंगलौर जैसी अहम सीटों पर भाजपा प्रत्याशी तीसरे नंबर पर रहे। कई सीटों पर पार्टी को 10 से 15 हजार के अंतर से हार झेलनी पड़ी। पिरान कलियर की सीट भाजपा 15743 के बड़े अंतर से हार गई। इसके साथ ही ज्वालापुर सीट पर 13343, नानकमत्ता सीट पर 13020 वोटों से हार झेलनी पड़ी। पूर्व काबीना मंत्री यतीश्वरानंद को भी 4472 मतों से हारे। माना जा रहा है कि इन सीटों पर पड़ताल के बाद भाजपा अनुशासन समिति दोषी पाए जाने वाले पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं पर बड़ी कार्रवाई कर सकती है।

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