देहरादून । भाजपा, केंद्रीय बजट की उपयोगिता को आम
जनता तक पहुंचाने के उद्देश्य से पूर्व केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद के 5 फरवरी को प्रबुद्ध वर्ग के साथ विचार गोष्ठी को संबोधित करेंगे।
प्रदेश कार्यालय मे पत्रकारों से अनौपचरिक वार्ता मे उन्होंने कहा कि पार्टी केंद्र सरकार के बजट को सरल शब्दों में आम जनता तक पहुंचाने के उद्देश्य से कई कार्यक्रम आयोजित कर रही है। प्रदेश सरकार के मंत्री व पार्टी संगठन की टीम प्रदेश के जिलों व मण्डल स्तर पर महिलाओं, युवाओं, बुद्धिजीवी व समाज के अन्य वर्गों के बीच बजट आधारित गोष्ठियों में शामिल होंगे |
प्रदेश अध्यक्ष ने मीडिया के पूछे गए सवालों का जबाब देते हुए उन्होंने राहुल गांधी के जोशीमठ आगमन को राजनैतिक पर्यटन बताया और श्री बद्री विशाल के दरबार में उनके कभी दर्शन को नहीं आने पर कटाक्ष किया है। उन्होने आरोप लगाते हुए कहा, पहले अपनी यात्रा में जोशीमठ का खौफ दिखाकर देश दुनिया में छवि खराब करते हैं और अब प्रभावित क्षेत्रों के भ्रमण की आड़ में राजनैतिक मरहम लगाने की कोशिश कर रहे हैं।
उन्होंने पूर्व सीएम हरीश रावत के भराड़ीसेण में प्रस्तावित उपवास पर व्यंग करते हुए कहा, उन्हे तो उनकी पार्टी के नेता भी गंभीरता से नहीं लेते है फिर भी उम्र के इस पड़ाव में उनके हर कार्यक्रम का सम्मान व स्वागत है |
उम्र के इस पड़ाव में उनका कोई भरोसा नहीं वो कब क्या कह दें | वो बार बार उपवास पर बैठते है और मौन व्रत धारण करते है कभी खुद को प्रदेश की राजनीति से दूर करने का प्रण करते है, कभी सुझाव देते हैं कभी प्रशंसा करते हैं | अब तो ये हालत है कि उनकी ही पार्टी के नेता उनकी बातों को गंभीरता से नहीं लेते हैं, लेकिन अब भी उनके प्रत्येक कार्यक्रम का स्वागत व सम्मान करते हैं |
चमोली जिला पंचायत अध्यक्ष को लेकर आए हाईकोर्ट के निर्णय को लेकर उन्होने कहा कि न्यायालय ने उनकी अनियमितताओं को नकारा नहीं है और जो एक प्रक्रिया की कमी बताई गयी हैं उसका निस्तारण सरकार द्धारा शीघ्र कर, कार्यवाही पूर्ण की जाएगी | कॉंग्रेस की हाथ से हाथ जोड़ो यात्रा पर बोलते हुए उन्होने कहा, जनता ने कॉंग्रेस से पहले ही दोनों हाथ जोड़ दिये हैं, लिहाजा वो क्षमा याचना यात्रा भी निकाल ले जनता उन्हे कभी माफ नहीं करने वाली है । भट्ट ने कहा कि जोशीमठ को लेकर वैज्ञानिक रिपोर्ट का सभी को इंतजार है और यह पहली विस्थापन नीति है जो प्रभावित लोगों के सुझावों पर बनी है। थोड़ी विस्थापन के लिए स्थान विशेष की दिक्कत है और कुछ लोग अपनी भूमि भी नहीं छोड़ना चाहते है लिहाजा दोनों स्थानों की भूगर्भीय रिपोर्ट का इंतजार है
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