उत्तराखण्डदेहरादूनस्वास्थ्य

राज्यपाल ने उत्तर भारत की पहली हाईटेक एनआईसीयू एंबुलेंस का हरी झंडी दिखाकर किया रवाना, हिमालयन हॉस्पिटल के प्रयासों को सराहा, कहा,एंबुलेंस उत्तराखंड के लिए वरदान होगी साबित

देहरादून- राज्यपाल ले. ज. गुरमीत सिंह (सेनि.) ने हिमालयन हॉस्पिटल जॉलीग्रांट की एनआईसीयू (नियोनेटल इंटेंसिव केयर यूनिट) की हाईटेक एंबुलेंस को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इस दौरान राज्यपाल ने कहा कि उत्तराखंड जैसे विषम भौगोलिक परिस्थितियों वाले राज्य में इस तरह के अत्याधुनिक उपकरणों से लैस इस एबुलेंस से नवजात बच्चों को लाभ मिलेगा और उन्हें समय पर इलाज मिलेगा।
मंगलवार को राजभवन में आयोजित कार्यक्रम में मुख्य अतिथि राज्यपाल ले. ज. गुरमीत सिंह (सेनि.) व स्वामी राम हिमालयन विश्वविद्यलाय (एसआरएचयू) के कुलपति डॉ. विजय धस्माना ने एनआईसीयू हाईटेक एंबुलेंस को हरी झंडी दिखाकर दिखाई। राज्यपाल ने हिमालयन हॉस्पिटल के प्रयासों की सराहना करते हुए एंबुलेंस में मौजूद सुविधाओं की बारीकी से निरीक्षण किया। हिमालयन हॉस्पिटल में एनआईसीयू विभागाध्यक्ष डॉ.गिरीश गुप्ता ने राज्यपाल को एंबुलेंस में मौजूद स्वास्थ्य सुविधाओं की जानकारी दी। राज्यपाल ले. ज. गुरमीत सिंह (सेनि.) ने कहा कि स्वास्थ्य सुविधाओं की हर व्यक्ति तक पहुंचाना चुनौती है, ऐसे में हिमालयन हॉस्पिटल ने एक अच्छा कदम उठाया है जिससे पहाड़ी क्षेत्रों के नवजातों बच्चों को भी एंबुलेंस के माध्यम से समय से अस्पताल पहुचाया जा सकेगा। इस तरह यह एनआईसीयू हाईटेक एंबुलेंस मैदानी ही नहीं पहाड़ी क्षेत्र के लिए भी वरदान साबित होगी।
कुलपति डॉ.विजय धस्माना ने कहा कि हिमालयन हॉस्पिटल जॉलीग्रांट की स्थापना का मूल उद्देश्य राज्य के अति दुर्गम क्षेत्रों के उन लोगों तक भी स्वास्थ्य सुविधा देना है जो संसाधनों के अभाव में उपचार के लिए हॉस्पिटल नहीं आ पाते। यह हाईटेक एंबुलेंस उस मृत्यु दर को घटाने में मददगार साबित होगी।
विभागाध्यक्ष डॉ.गिरीश गुप्ता ने बताया कि उत्तर भारत का यह पहली एनआईसीयू हाईटेक एंबुलेंस है। 10-12 घंटे तक परिवहन किया जा सकता है, जिससे यह राज्य के पहाड़ी क्षेत्रों के लिए उपयोगी साबित होगी। इस दौरान प्रति कुलपति डॉ.विजेंद्र चौहान, मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ.एसएल जेठानी, डॉ.अशोक देवराड़ी आदि मौजूद रहे।

हाईटेक एंबुंलेंस में मौजूद सुविधाएं*
दो नवजात बिस्तर, ऑक्सीजन थेरेपी (ऑक्सीजन कॉन्सेंट्रेटर), रेसीपीरेट्री सपोर्ट, एडवांस कार्डिएक मैनेजमेंट, ब्रेन सपोर्ट, थर्मल सपोर्ट, पीलिया प्रबंधन: फोटोथेरेपी, ब्लड ग्लूकोज एंड मॉनिटरिंग, मेटाबॉलिक मॉनिटरिंग एंड सपोर्ट, एबीजी एंड टाइडल कैप्नोग्राफी, एडवांस मल्टीपैरामीटर मॉनिटरिंग, जीवनरक्षक दवाएं

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button