इंतजार हुआ खत्म : धामी मंत्रिमंडल ने दी जोशीमठ क्षेत्र के आपदा प्रभावित परिवारों , भूमि , भवनों के मुआवजे और स्थायी विस्थापन के लिए प्रस्तावित नीति को मंजूरी, व्यवसायिक भवनों को लेकर 5 सलैब बनाए गए
देहरादून। जोशीमठ क्षेत्र के आपदा प्रभावित परिवारों / व्यक्तियों की भूमि तथा भवनों के मुआवजे तथा स्थायी विस्थापन के सम्बन्ध में प्रस्तावित नीति को बुधवार को हुई धामी कैबिनेट की बैठक में मंजूरी दे दी।
नीति के मुख्य बिन्दु
(I) मुआवजे के लिए दरों का निर्धारण-
भूमि के लिए मुआवजे की दरः- तकनीकी संस्थानों की रिपोर्ट आने के बाद भूमि के मुआवजे की दरों का निर्धारण किया जायेगा।
भवनों के मुआवजे की दर –
(क) आवासीय भवनों के लिए दरें :- भवनों की लागत सीपीडब्ल्यूडी की प्लिंथ एरिया दरों में कोस्ट इंडेक्स लगाकर निकाली जायेगी। इनके अनुसार आने वाली भवन की लागत में से प्रभावित भवन के मूल्यह्रास (Depreciation) की धनराशि को घटाने के बाद शेष धनराशि का मुआवजा दिया जायेगा।
(ख) दुकान तथा अन्य व्यावसायिक प्रतिष्ठान (होटल, ढाबे आदि) के निर्मित भवन के मुआवजे के निर्धारण के लिए 5 क्षति स्लैब निर्धारित किये गये है। निर्धारित क्षति स्लैब के आधार पर मुआवजा प्रदान किया जायेगा।
(II) आपदा प्रभावितों के स्थायी पुनर्वास के लिए विकल्प:
(क) आपदा प्रभावित आवासीय भू-भवन स्वामी विकल्प 1, 2 अथवा 3 में से एक विकल्प का चयन करने की छूट दी गई है।
विकल्प-1:
आपदा प्रभावित अपने क्षतिग्रस्त आवासीय भवन का मुआवजा निर्धारित दर पर तथा भूमि का मुआवजा तकनीकी संस्थानों की रिपोर्ट के आधार पर भविष्य में निर्धारित होने वाली दरों के आधार पर प्राप्त कर सकते हैं।
विकल्प-2:
आपदा प्रभावित व्यक्ति द्वारा भवन का मुआवजा प्राप्त करते हुये आवासीय भवन के निर्माण के लिए अधिकतम क्षेत्रफल 75 वर्ग मी0 (50 मीटर भवन निर्माण हेतु तथा 25 मीटर गौशाला / अन्य कार्यों हेतु) तक की भूमि प्रदान की जा सकती है।
विकल्प-3:
आपदा प्रभावित द्वारा अपनी भूमि एवं भवन के सापेक्ष निर्मित आवासीय भवन की मांग की जा सकती है। अधिकतम 50 वर्ग मीटर क्षेत्रफल की सीमा तक की भूमि पर राज्य सरकार द्वारा भवन निर्माण कर दिया जायेगा तथा 25 मीटर भूमि गौशाला / अन्य कार्यों हेतु उपलब्ध करायी जायेगी।
(ख) दुकान / अन्य व्यावसायिक प्रतिष्ठान (होटल, ढाबे आदि) के लिये निम्नलिखित विकल्प संख्या-4, 5 एवं 6 मे से किसी एक विकल्प का चयन कर सकते हैंः-
विकल्प-4: आपदा प्रभावित अपने क्षतिग्रस्त व्यवसायिक भवन / दुकान का मुआवजा निर्धारित दर पर तथा भूमि का मुआवजा तकनीकी संस्थानों की रिपोर्ट के आधार पर भविष्य में निर्धारित होने वाली दरों के आधार पर मुआवजा प्राप्त कर सकते है।
विकल्प-5:
आपदा प्रभावित व्यक्ति द्वारा भवन का मुआवजा प्राप्त करते हुये दुकान / व्यावसायिक प्रतिष्ठान हेतु भूमि की मांग की जाती है तो ऐसी स्थिति में दुकान / व्यावसायिक प्रतिष्ठान निर्माण के लिए अधिकतम क्षेत्रफल 15 वर्ग मी0 तक की भूमि प्रदान की जायेगी।
विकल्प-6 :
आपदा प्रभावित दुकान / व्यावसायिक प्रतिष्ठान स्वामी द्वारा निर्मित दुकान / व्यावसायिक प्रतिष्ठान की मांग की जाती है, तो ऐसी स्थिति में चिन्हित स्थल पर अधिकतम 15 वर्ग मीटर क्षेत्रफल की सीमा तक की भूमि पर दुकान / व्यावसायिक प्रतिष्ठान का निर्माण राज्य सरकार द्वारा करते हुये उपलब्ध करायी जायेगी।
(ग) किराये पर रहने वाले परिवारों / व्यक्तियों के रोजगार के लिये व्यवस्था
यदि जोशीमठ में कोई ऐसा व्यक्ति, जो कि एक वर्ष से अधिक समय से जोशीमठ के आपदा प्रभावित क्षेत्र में किराये पर दुकान लेकर कार्य कर रहा है एवं आपदा के कारण दुकान / व्यावसायिक प्रतिष्ठान की भूमि एवं भवन दोनों असुरक्षित होने के कारण उसका रोजगार प्रभावित हुआ है, तो ऐसे व्यक्तियों को एक मुश्त रू. 2.00 लाख की वित्तीय सहायता उपलब्ध करायी जायेगी।
(घ) Retrofitting क्षति के लिए व्यवस्था
तकनीकी संस्थानों द्वारा किये गये सर्वेक्षण की रिपोर्ट के आधार पर सुरक्षित भूमि पर स्थित भवनों की Retrofitting क्षति की तीव्रता के अनुसार सहायता राशि दिये जाने के सम्बन्ध में पृथक से निर्णय लिया जायेगा।
ये विकल्प इन शर्तों के अधीन होगें :
1. यदि किसी प्रभावित परिवार के पास भूमि / भवन के स्वामित्व के वैध अभिलेख उपलब्ध नहीं है तो ऐसे परिवारों को सरकारी विभागों द्वारा प्रदत्त विभिन्न देयक बिलों यथा-विद्युत बिल, जलकर, सीवर कर भवन कर आदि के साथ ही शपथ-पत्र के आधार पर मुआवजा प्रदान किया जायेगा। उक्त देयकों के बिल दिनांक 02 जनवरी, 2023 से पूर्व के होने आवश्यक है।
2. भूमि की राहत राशि के भुगतान से पूर्व यह भी सुनिश्चित कर लिया जाय कि उनके द्वारा भूमि से सम्बन्धित समस्त देयतायें पूर्ण कर दी गई हो। सम्बन्धित विभागों के द्वारा इस सम्बन्ध में No Dues Certificate देने के उपरान्त ही सम्बन्धित प्रभावितों को राहत राशि का अन्तिम भुगतान किया जायेगा।
3. प्रभावित परिवारों / व्यक्तियों को स्वीकृत धनराशि सर्वेक्षण टीम के द्वारा किये सर्वेक्षण एवं मापन के आधार पर राहत सहायता वितरित की जायेगी।
4. पुनर्वास पैकेज / राहत सहायता के भुगतान से पूर्व प्रभावित परिवारों को पूर्व में वितरित पैकेज की अग्रिम धनराशि रू0 1,00,000/- (एक लाख रूपये मात्र ) / गृह अनुदान (यदि कोई हो) का समायोजन कर लिया जाए।
5. प्रभावित हुए भूमि / भवन / दुकान के स्वामी द्वारा चाहे गये विकल्प के अनुसार मुआवजा दिये जाने का कार्य तथा भूमि / आवास / दुकान आवंटन का कार्य उप जिलाधिकारी जोशीमठ की अध्यक्षता में गठित समिति द्वारा किया जाएगा।
6. मुआवजे से असंतुष्ट प्रभावित व्यक्ति अपर जिलाधिकारी चमोली की अध्यक्षता में गठित समिति के समक्ष अपील कर सकता है।