विधानसभा का बजट सत्र: सदन में हंगामे पर सभी कांग्रेसी विधायक निलंबित, विशेषाधिकार हनन पर वेल में आकर विधायकों ने किया जोरदार हंगामा, रुलबुक फाड़ने से नाराज हुईं स्पीकर एक दिन की कार्रवाई से किया गया निलंबन, टेबल पर चढ़े कांग्रेस विधायक
गैरसैण। गैरसैंण में आयोजित बजट सत्र के दूसरे दिन भी भारी हंगामे की स्थिति बनी रही। सदन के बाहर जहां कांग्रेसी विधायकों ने गन्ना किसानों की समस्याओं को लेकर सरकार पर जोरदार हमला किया, वही सदन के अंदर भी जब विधानसभा अध्यक्ष विशेषाधिकार हनन पर अपनी रिपोर्ट पेश कर रही थी तो विपक्ष के कांग्रेसी विधायकों ने इससे असहमति जताते हुए हंगामा शुरू कर दिया। वेल में आए कांग्रेसी विधायकों के टेबल तक आने और रूलबुक फाड़ने से नाराज विधानसभा अध्यक्ष ने हंगामा करने वाले सभी कांग्रेसी विधायकों को एक दिन के लिए विधानसभा की कार्रवाई से निलंबित कर दिया गया तथा सदन की कार्यवाही को 3 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया।
मंगलवार की सुबह जब विधानसभा की कार्यवाही शुरू हुई तो प्रश्नकाल के बाद स्पीकर ऋतु खंडूरी ने विशेषाधिकार हनन पर प्राप्त रिपोर्ट पर फैसला सुनाना शुरू किया तो कांग्रेस विधायक आदेश चौहान, वीरेंद्र बहादुर तथा फुरकान अहमद ने उस पर आपत्ति जताई और वह वेल में आ गए। विधानसभा अध्यक्ष ने इन कांग्रेस विधायकों को कई बार समझाने की कोशिश की गई लेकिन कांग्रेस के विधायक वेल में जमे रहे तथा उनके समर्थन में सभी कांग्रेस विधायक वेल में आ गए। विधानसभा में उस समय स्थिति बिगड़ गई जब कांग्रेस विधायक टेबल तक पहुंच गए और उन्होंने रूलबुक को फाड़ दिया। इसे सदन की अवमानना व नियमों का उल्लंघन मानते हुए नाराज विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूरी ने सभी कांग्रेसी विधायकों को एक दिन के लिए विधानसभा की कार्रवाई से निलंबित कर दिया गया और विधानसभा की कार्यवाही को 3 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया। सदन की कार्यवाही स्थगित होने के बाद भी जब हंगामा थमता नहीं दिखा तो विधानसभा अध्यक्ष ने मार्शल को हंगामा कर रहे विधायकों को बाहर निकालने के आदेश दिए।
वहीं सत्तापक्ष के विधायकों का आरोप है कि कांग्रेस के विधायकों की और से जानबूझकर विधानसभा की कार्यवाही को बाधित किया जा रहा है। यही नहीं विधानसभा के नियम व कानूनों का उल्लंघन किया जा रहा है। विधायक दिलीप सिंह रावत का कहना है कि पीठ का सभी को सम्मान करना चाहिए। उन्होंने कहा कि सत्र के पहले दिन भी अभिभाषण के बाद राष्ट्रगान के दौरान भी कांग्रेसी विधायक अपनी सीटों पर बैठे रहे थे। उन्होंने कहा कि पीठ का सम्मान सभी को करना चाहिए पीठ के खिलाफ टीका टिप्पणी करना गलत परंपरा है।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करण माहरा ने
निलंबन को बताया अलोकतांत्रिक , तत्काल वापस लेने की मांग
देहरादून। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा ने उत्तराखण्ड विधानसभा में कांग्रेस पार्टी के विधायकों के निलम्बन को अलोकतांत्रिक बताते हुए विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खण्डूड़ी से विधायकों के निलम्बन को तत्काल वापस लिये जाने की मांग की है।
उत्तराखण्ड विधानसभा में कांग्रेस पार्टी के सभी विधायकों के निलम्बन पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष माहरा ने कहा कि अलोकतांत्रिक तरीके से विपक्षी दल के सभी विधायकों के निलम्बन की कार्रवाई का उत्तराखण्ड प्रदेश कांग्रेस पुरजोर विरोध करते हुए इस कार्रवाई की कठोर शब्दों में निन्दा करती है। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र के सभी मानकों एवं मापदण्डों पर कुठाराघात करते हुए अलोकतांत्रिकता का परिचय देते हुए कांग्रेस पार्टी के उन विधायकों को, जो प्रदेश की जनता के हितों की रक्षा के लिए, उन्हें जनता ने जो कर्तव्य निर्वहन की जिम्मेदारी दी है, उसके अनुसार सरकार को चेताने का काम कर रहे थे, को विधानसभा से निलंबित कर दिया गया है। यह भाजपा के फासीवादी एवं तानाशाही चरित्र का द्योतक है, जिसे लोकतंत्र में विश्वास रखने वाला कोई भी दल सहन नहीं करेगा। माहरा ने कहा कि कांग्रेस पार्टी की सदैव लोकतंत्र में गहरी आस्था रही है तथा पार्टी विधानसभा सदन की कार्रवाई में विश्वास रखती है इसलिए कांग्रेस पार्टी लोकतांत्रिक तरीके से जनहित के मुद्दों को सदन के उठाना चाहती है।
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