उत्तराखण्डदेहरादून

धामी मंत्रिमंडल ने लिया फैसला, उत्तराखंड में सस्ती होगी शराब, वर्ष 2023-24 के लिए 4000 करोड़ का राजस्व लक्ष्य रखा, गोवंश संरक्षण, खिलाड़ियों और महिला कल्याण के लिए प्रति बोतल लिया जाएगा ₹3 सेस, एकल आवास नक्शे को लेकर भी दी राहत

एस.आलम अंसारी

देहरादून । उत्तराखंड की धामी सरकार ने प्रदेश की आबकारी नीति 2023- 24 को मंजूरी दे दी। अब प्रदेश में देशी व शराब के कई विदेशी ब्रांड सस्ते हो जाएंगे।  पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश से उत्तराखंड में शराब तस्करी को देखते हुए प्रदेश सरकार ने यह फैसला लिया है। इसके अलावा मंत्रिमंडल ने दो और अहम फैसले लिए हैं।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में सोमवार को सचिवालय स्थित विश्वकर्मा भवन के वीर चंद्र सिंह गढ़वाली सभागार में हुई मंत्रिमंडल की बैठक  में  कुल 3 प्रस्ताव आए। इनमें सबसे पहला प्रस्ताव

गौला, नंधौर और कोसी में ट्रांसपोर्टर की मांग पर बढ़ाए गए फिटनेस चार्जेस को अगले 1 साल के लिए स्थगित किया गया है। एक साल के बाद बढ़े हुए चार्जेज लगेंगे।इस संबध में पूर्व में मुख्यमंत्री धामी की और से अनुमोदन दिए गए थे जिसे सोमवार को कैबिनेट नै मंजूरी दी । मंत्रिमंडल की बैठक में दूसरे प्रस्ताव एकल आवास के नक्शे के पास होने को लेकर रखा गया।

राज्य सरकार  की और से  सरलीकारण की दिशा में उठाए गए कदम के अंतर्गत आवास विभाग के तहत यदि किसी को अप्रूव्ड लेआउट एरिया में एकल घर बनाना हो तो वह सेल्फ सर्टिफिकेशन के आधार पर घर का नक्शा विकास प्राधिकरण में जमा कराएगा। 7 दिन में नक्शे में आपत्ति नहीं जताए जाने की स्थिति में नक्शे को पास माना जाएगा और वह अपना घर बनाना शुरु कर सकेगा।

जबकि वहीं तीसरा प्रस्ताव आबकारी नीति का रखा गया। आबकारी नीति 2023 – 24 के अंतर्गत प्रदेश में गोवंश संरक्षण, खेलकूद एवं महिला कल्याण के लिए एक एक रुपए प्रति बोतल सेस के रुप में लिए जाएंगे। इस प्रकार कुल एक बोतल पर ₹3 सेस लिया जाएगा।

शराब में उत्तर प्रदेश से होने वाली तस्करी की रोकथाम के लिए उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड की शराब की कीमतों के 150 से 200 रुपए के अंतर को  कम कर ₹ 20 किया गया है,  ताकि शराब तस्करी पर पाबंदी लगाई जा सके एवं राज्य को अधिक राजस्व प्राप्त हो सके। वर्ष 2023- 24 के लिए आबकारी राजस्व लक्ष्य को 4000 करोड़ रखा गया है।

पूर्व में आवंटित शराब की दुकानों में  वर्ष 2023 – 24  के लिए  विदेशी मदिरा में 10 फीसदी  तथा देशी मदिरा में 15 फीसदी  पूर्व में निर्धारित राजस्व के अतिरिक्त लिए जाने पर उनका नवीनीकरण किया जा सकेगा

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