अच्छी खबर: उत्तराखंड के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कहा, 46 हजार यात्रियों का हुआ स्वास्थ्य परीक्षण, 10 हजार से अधिक तीर्थयात्रियों को मिली ओपीडी की सुविधा, आपात स्थिति में अलर्ट रहेंगे एम्स ऋषिकेश व राजकीय मेडिकल कॉलेज
एस.आलम अंसारी
देहरादून। राज्य सरकार की और से चारों धामों सहित यात्रा मार्गों पर तमाम स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं, जिनका लाभ यात्रा पर आये तीर्थयात्रियों को बखूबी मिल रहा है। अब तक चार धाम यात्रा मार्गों पर स्थापित विभिन्न चिकित्सा इकाईयों में 46 हजार से अधिक तीर्थयात्रियों का मेडिकल चेकअप किया जा चुका है जबकि 10 हजार से अधिक यात्रियों को ओपीडी की सुविधा प्रदान की गई है, दो तीर्थयात्रियों को आपात स्थिति में एयर लिफ्ट करने के साथ ही 35 यात्रियों को एम्बुलेंस के माध्यम से हायर सेंटर रैफर किया गया है। स्वास्थ्य विभाग यात्रा मार्गों पर तीर्थयात्रियों को बेहतर से बेहतर स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने में जुटा है इसके अलावा विभाग स्वास्थ्य सेवाओं की भी लागातर मॉनिटिरिंग कर रहा है।
सूबे के चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने बताया कि राज्य में चार धाम यात्रा जोर-शोर से चल रही है, जिसमें देश-विदेश के लाखों तीर्थयात्री पहुंच रहे हैं। उन्होंने बताया कि अब तक गंगोत्री-यमुनोत्री में एक लाख से अधिक यात्री दर्शन कर चुके हैं, जबकि बदरी-केदार धाम में पहुंचने वाले यात्रियों की संख्या सवा लाख पार कर चुकी है। राज्य का स्वास्थ्य महकमा यहां आने वाले यात्रियों के स्वास्थ्य को लेकर पूरी तरह से सजग है। जिसके फलस्वरूप विभाग अब तक चार धाम में आने वाले 55 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के 46 हजार से अधिक यात्रियों की स्वास्थ्य जांच कर चुका है जबकि यात्रा मार्गों पर स्थापित विभिन्न चिकित्सा इकाईयों में 10 हजार 385 यात्रियों की ओपीडी तथा 661 यात्रियों को आपातकालीन चिकित्सा सेवा मुहैया कराई जा चुकी है। उन्होंने बताया कि दो यात्रियों को आपात स्थिति में एयर एम्बुलेंस से एम्स ऋषिकेश पहुंचाया गया है जबकि 33 यात्रियों को एम्बुलेंस की सहायता से हायर सेंटर पहुंचाया गया।
चार धाम यात्रा मार्गों पर
48 स्थाई तथा 23 अस्थाई चिकित्सा इकाई स्थापित
29 विशेषज्ञ चिकित्सक एवं 182 चिकित्साधिकारी, किये गये हैं तैनात
देहरादून। स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रावत ने बताया कि चार धाम यात्रा मार्गों पर स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ बनाने के दृष्टिगत 48 स्थाई तथा 23 अस्थाई चिकित्सा इकाई स्थापित की गई है, जहां पर 29 विशेषज्ञ चिकित्सक एवं 182 चिकित्साधिकारी तैनात किये गये हैं। यात्रा मार्गों पर 95 पीओसीटी डिवासेज उपलब्ध कराई गई हैं जिनके जरिये यात्रियों की ईसीजी के साथ ही आक्सीजन लेवल एवं रक्तचाप की जांच भी की जा रही है। इसके अलावा 272 पैरामेडिकल स्टॉफ की तैनाती की गई है जिनमें 182 स्टाफ नर्स व 90 फार्मासिस्ट शामिल है। चार धाम यात्रा में 96 विभागीय एम्बुलेंस व 77 आपातकालीन सेवा 108 एम्बुलेंस के साथ ही एडवांस लाइफ सपोर्ट एम्बुलेंस व बेसिक लाइफ सपोर्ट एम्बुलेंस सहित कुल 200 एम्बुलेंस की तैनाती की गई है। आपात स्थिति से निपटने के लिये यात्रा मार्गों पर 11 ब्ल्ड बैंक व 2 ब्ल्ड संग्रहण केन्द्र भी क्रियाशील हैं। किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिये राजकीय मेडिकल कॉलेज श्रीनगर, देहरादून व एम्स ऋषिकेश को अलर्ट मोड पर रखा गया है।