त्रिस्तरीय पंचायतों के लिए 242.00 करोड़ की भारी भरकम कार्य योजना स्वीकृत, पंचायती राज मंत्री सतपाल महाराज ने बताया उत्तराखंड के लिए खुशी की बात
प्रदेश के पंचायतीराज मंत्री ने केन्द्रीय मंत्री गिरिराज सिंह का जताया आभार
त्रिस्तरीय पंचायतों को अलग-अलग कार्यों के लिए मंजूर की गई धनराशि
देहरादून। त्रिस्तरीय पंचायतों के सशक्तिकरण, प्रतिनिधियों एवं 29 विषयों से सम्बद्ध रेखीय विभागों के अधिकारियों, कार्मिकों, स्वयं सहायता समूहों की कार्य क्षमता एवं दक्षता में अभिवृद्धि के लिए प्रदेश की वार्षिक कार्य योजना 2023-24 के लिए पंचायतीराज मंत्रालय, भारत सरकार ने उत्तराखण्ड को 242.00 करोड़ की भारी भरकम धनराशि स्वीकृत करने पर प्रदेश के पंचायतीराज मंत्री सतपाल महाराज ने केन्द्रीय पंचायतीराज एवं ग्रामीण विकास मंत्री गिरिराज सिंह आभार व्यक्त किया है।
यह जानकारी देते हुए प्रदेश के पंचायतीराज मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि पंचायतीराज मंत्रालय, भारत सरकार, नई दिल्ली में राष्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान वित्तीय वर्ष 2023-24 की वार्षिक कार्य योजना पर विचार करने के लिए तृतीय केन्द्रीय कार्यकारिणी समिति की गुरुवार
को हुई बैठक में उत्तराखण्ड राज्य के साथ-साथ अण्डमान-निकोबार, छत्तीसगढ़, उड़ीसा, त्रिपुरा, सिक्किम व उत्तर प्रदेश की वार्षिक कार्य योजनाओं पर विचार किया गया। बैठक में राज्य द्वारा रू 267.42 करोड़ धनराशि की अनुमोदित कार्य योजना के सापेक्ष पंचायतीराज मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा लगभग रू. 242.00 करोड़ की कार्य योजना स्वीकृत की गई है।
पंचायत मंत्री महाराज ने कहा कि 242.00 करोड़ की स्वीकृत कार्य योजना के अन्तर्गत “क्षमता विकास एवं प्रशिक्षण घटक में सबसे अधिक धनराशि रू. 139.98 करोड़ स्वीकृत की गई है, जिसका उद्देश्य त्रिस्तरीय पंचायत प्रतिनिधियों एवं 29 विषयों से सम्बद्ध रेखीय विभागों के अधिकारियों, कार्मिकों, स्वयं सहायता समूहों की कार्य क्षमता एवं दक्षता में अभिवृद्धि करना है। मुख्यतः पंचायत विकास योजना, सतत विकास लक्ष्यों का स्थानीयकरण के थीमैटिक आधारित विषयों तथा ई-गवर्नेस अधिनियम, नियमावलियों से सम्बद्ध विषयों पर प्रतिनिधियों, अधिकारियों एवं कार्मिकों का क्षमता विकास किया जाना है, ताकि वे अपने कर्त्तव्यों एवं दायित्वों का पूर्ण दक्षता के साथ निर्वहन कर सकें।
महाराज ने बाताया कि प्रशिक्षण गतिविधियों के अतिरिक्त “एक्सपोजर विजिट में रु. 27.63 करोड़ की धनराशि स्वीकृत की गई है, जिसके तहत लगभग 12500 पंचायत प्रतिनिधिगणों को राज्य के भीतर एवं अन्य राज्यों में पंचायतीराज संस्थाओं के क्रियाकलापों एवं गतिविधियों का अध्ययन करवाया जायेगा, जिससे सम्बन्धित राज्यों की बैस्ट प्रैक्टिसेज का राज्य की विशिष्ट परिस्थिति के अनुरूप अनुकरण किया जा सकेगा।
उन्होने कहा कि केन्द्रीय कार्यकारिणी समिति की बैठक में समिति ने पंचायतीराज मंत्रालय द्वारा राज्य की विशिष्ट भौगोलिक परिस्थिति के आधार पर 100 नये पंचायत भवन, 100 पंचायत भवनों में सीएससी कक्ष निर्माण तथा 500 ग्राम पंचायतों में कम्प्यूटर के लिए कुल रू. 27.00 करोड़ की सैद्धान्तिक स्वीकृति प्रदान की गई है। साथ ही पंचायत भवन एवं सी एस सी कक्ष निर्माण के लिए गत वर्ष की देनदारी के रूप में रू. 24.00 करोड़ की धनराशि भी स्वीकृत की गई है। इस धनराशि से ग्राम पंचायतों के बुनियादी ढांचे का सुदृढीकरण किया जा सकेगा।
पंचायतीराज मंत्री ने बताया कि योजनान्तर्गत नवाचार गतिविधियों में गत वर्ष के लिए स्वीकृत 95 कॉम्पैक्टर्स क्रय के लिए Carry Over गतिविधि के रूप क्यारकुली भट्टा ग्राम पंचायत में मल्टीलेवल पार्किंग एवं कैफेटेरिया निर्माण के लिए रू. 4.00 करोड़ की धनराशि स्वीकृत की गई है।
राज्य की वार्षिक कार्य योजना वर्ष 2023-24 को स्वीकृति प्रदान करने पर प्रदेश के पंचायती राज मंत्री सतपाल महाराज ने इसके लिए केन्द्रीय पंचायतीराज एवं ग्रामीण विकास मंत्री, गिरिराज सिंह का विशेष रुप से आभार व्यक्त करते हुए कहा कि राष्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान के अन्तर्गत गत वर्ष में स्वीकृत कार्य योजना रू. 120.857 करोड़ की तुलना में इस वर्ष दोगुने से अधिक लगभग रु. 242.00 करोड़ की कार्य योजना स्वीकृत किया जाना प्रदेश के लिए प्रसन्नता की बात है।
केन्द्रीय कार्यकारिणी समिति की बैठक में उत्तराखण्ड राज्य से सचिव, पंचायतीराज नितेश कुमार झा ऑनलाईन माध्यम से तथा निदेशक, पंचायतीराज आनन्द स्वरूप ने प्रत्यक्ष रुप से भाग लिया।