कृषि मंत्री जोशी ने कहा, उत्तराखण्ड में 6000 कृषक व्यवसायिक रूप से कर रहे मधुमक्खी पालन,1700एमटी शहद का हो रहा उत्पादन, सरकार ने हर जिले में एक और जनपद चम्पावत व देहरादून में दो मधुग्राम किये हैं चयनित
शासकीय आवास में शहद उत्पादन के लिए स्थापित किए गए मधुमक्खी के बक्सों से निकाला गया हनी
मधु मक्खी उत्पादन से अपनी आय को बढ़ा सकते हैं कृषक , यह उन कृषकों के लिए लाभदायक जिनके पास उपलब्ध नहीं है भूमि
देहरादून। प्रदेश के कृषि एवं कृषक कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने अपने शासकीय आवास में शहद उत्पादन के लिए स्थापित किए गए मधुमक्खी के बक्सों से शहद निकाला। उन्होंने इस कार्य के तकनीकी विशेषज्ञों से शहद उत्पादन की प्रक्रिया के बारे में भी जानकारी प्राप्त की। उन्होंने जानकारी दी कि दो माह पूर्व लगाए गए 10 बक्सों से लगभग 40 किलोग्राम शहद निकाला गया और आज दूसरी बार इन्ही बॉक्सेज़ से 25 क्रिगा शहद निकाला गया।
कृषि मंत्री जोशी ने कहा उत्तराखण्ड में 6000 कृषक मधुमक्खी पालन व्यवसायिक रूप से कर रहे है, जिससे लगभग 1700एमटी का उत्पादन हो रहा है। इसके अतिरिक्त कई कृषक छोटे स्केल पर भी मधुमक्खी पालन कर रहे हैं। कृषको द्वारा मुख्यतः एपिसा और मेलिफेरा प्रजातियों से शहद का उत्पादन किया जा रहा है। कृषि मंत्री ने बताया कि हमारी सरकार ने हर जिले में एक मधुग्राम और जनपद चम्पावत व देहरादून में दो मधुग्राम भी चयनित किये गये हैं। जोशी ने कहा मधु मक्खी उत्पादन से कृषक अपने आय को बढ़ा सकते हैं। यह उन कृषकों के लिए अत्यधिक लाभदायक है, कि जिनके पास भूमि उपलब्ध नहीं है। मंत्री जोशी ने कहा उत्तराखण्ड में उत्पादित होने वाला शहद उच्च गुणवत्ता युक्त है। सरकार के विभिन्न प्रयासों के माध्यम से शहद उत्पादन के लिए किसानों को बेहतर सुविधाएं और प्रशिक्षण दिया जा रहा है। उन्होंने कहा सरकार का प्रयास है कि किसानों की आय दोगुनी हो उस दिशा में यह शहद उत्पादन से जुड़कर कृषक अधिक से अधिक लाभ प्राप्त कर सकते है।
इस अवसर पर उद्यान निदेशक डॉ एचएस बबेजा, संयुक्त निदेशक डॉ रतन कुमार, मुख्य उद्यान अधिकारी डॉ मीनाक्षी जोशी, अरुण कुमार पांडेय सहित अन्य अधिकारी भी उपस्थित रहे।