उत्तराखण्डदेहरादून

Big Action:  पिटकुल के जीएम (विधि) प्रवीन टंडन निलंबित प्रबंध निदेशक ने जारी किया सस्पेंशन ऑर्डर, नियंत्रक अधिकारी की अनुमति के बिना मुख्यालय छोड़ने पर रोक

विभागीय दस्तावेजों में हेराफेरी, दुराचार व अनुशासनहीनता के लगे हैं आरोप
निलम्बन की अवधि में टण्डन को नियमानुसार जीवन निर्वाह भत्ता अनुमन्य होगा
देहरादून। गंभीर आरोपों और विवादों में चर्चित रहे पिटकुल के महाप्रबंधक (विधि) प्रवीन टंडन को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया गया है। उन्हें निगम मुख्यालय से हटाकर मुख्य अभियंता कार्यालय रुड़की अटैच किया गया है। पद पर रहते हुए प्रवीन टंडन पर विभागीय दस्तावेजों में हेराफेरी, दुराचार व अनुशासनहीन जैसे संगीन आरोप भी लगे। इसके अलावा टंडन का शैक्षणिक व अनुभव के सर्टिफिकेट भी वैध नहीं हैं।
विवादों में घिरे पिटकुल के महाप्रबंधक (विधि) प्रवीन टंडन पर शिकंजा कसना शुरू हो गया है। महाप्रबन्धक टण्डन पर कार्यकाल के दौरान एवं वर्तमान में विभिन्न प्रकरणों में अपने वैधानिक कार्यदायित्वों के निर्वहन में बरती गयी लापरवाही, कार्यों के प्रति उदासीनता, गम्भीर दुराचार, व्यापक अनुशासनहीनता, प्रदेश की महिलाओं के विरुद्ध असत्य वाद दायर करना जैसे आरोप लगे हैं। वैधानिक कार्यों में व्यवधान उत्पन्न करना, कारपोरेशन को आर्थिक दण्ड  व क्षति की संभावना इत्यादि आरोपों पर विभागीय जाँच आदेशित की जा रही है। विभागीय जाँच में उनके खिलाफ कई मुद्दे हैं। जिनके आरोप-पत्र पृथक से जारी किये जायेंगे।
कारपोरेशन मुख्यालय में रहते हुए टण्डन ने दस्तावेजों से छेड़छाड़ करने एवं पद प्रभाव का दुरूपयोग करने की सम्भावना एवं जाँच को प्रभावित करने की संभावना के दृष्टिगत कारपोरेशन में प्रचलित सरकारी सेवक (अनुशासन एवं अपील) नियमावली, 1999 के प्रस्तर-4 में उल्लिखित प्राविधानों के अन्तर्गत उन्हें जाँच कार्रवाई लम्बित रहने तक कारपोरेशन के प्रभावी नियमों के अधीन तत्काल प्रभाव से निलम्बित किया जाता है। जिन्हें कार्यालय मुख्य अभियन्ता (परिचालन एवं अनुशासन), गढ़वाल क्षेत्र, पिटकुल रूड़की के कार्यालय से सम्बद्ध किया जाता है। निलंबने आदेश में टण्डन को निर्देशित किया जाता है कि वह अपने नियंत्रक अधिकारी की अनुमति प्राप्त किये बिना अपने मुख्यालय नहीं छोडेंगे। निलम्बन अवधि में टण्डन अपने महाप्रबन्धक (विधि) के पद का कार्यभार अशोक कुमार जुयाल, महाप्रबन्धक (मा.सं.) (औ.) से अटैच रहेंगे।
निलम्बन की अवधि में टण्डन को नियमानुसार जीवन निर्वाह भत्ता अनुमन्य होगा। जीवन निर्वाह भत्ते का भुगतान तभी किया जायेगा, जबकि टण्डन इस आशय का प्रमाण-पत्र प्रस्तुत करेंगे कि वह किसी अन्य सेवायोजन, व्यापार, वित्त व्यवसाय में नहीं लगे हैं।

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