उत्तराखण्डकृषिदेहरादून
गोवा में उत्तराखंड के कृषि मंत्री जोशी ने किया राष्ट्रीय सम्मेलन का आगाज:कहा-राज्य की 16 मंडियां ई-नाम से जुड़ी , किसान बन रहे सशक्त एवं आत्मनिर्भर
किसान घर बैठे ई-नाम पोर्टल के माध्यम से देश की किसी भी मंडी में बेच सकता है अपनी उपज
उत्तराखंड सहित कई राज्यों के प्रतिनिधि कर रहे प्रतिभाग
देहरादून/गोवा। कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने मंगलवार को तीन दिवसीय कौसंब और गोवा राज्य कृषि विपणन बोर्ड “ई-एनएएमः परिचालन कठिनाइयों और अवसरों” पर आयोजित राष्ट्रीय सम्मेलन का शुभारंभ दीप प्रज्ज्वलित कर किया। इस कार्यशाला में भारत के विभिन्न राज्य कृषि विपणन बोर्डों अर्थात् तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, सिक्किम, पंजाब, राजस्थान, छत्तीसगढ़, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, गोवा आदि से कुल 25-30 भारतीय प्रतिनिधि इस सम्मेलन में भाग लिया और अपने विचारों का आदान-प्रदान किया।
आपको बता दें कि राष्ट्रीय कृषि बाजार (ई-एनएएम) एक अखिल भारतीय इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग पोर्टल है जो मौजूदा एपीएमसी मंडियों को कृषि वस्तुओं के लिए एक एकीकृत राष्ट्रीय बाजार बनाने के लिए नेटवर्क करता है। इसके अलावा, छोटे किसान कृषि-व्यवसाय संघ, सरकार के वक्ता। भारत, नागार्जुन फर्टिलाइजर एंड केमिकल लिमिटेड, हैदराबाद और कृषि अर्थशास्त्री, भारत सरकार के ई-नाम के बारे में अपने ज्ञान को साझा करने और प्रतिनिधियों के बीच विस्तृत चर्चा की गई।
इस अवसर पर मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि आज हमारे राज्य की 16 मंडियां ई-नाम से जुड़ी हैं, जिसकी सहायता से किसान सशक्त एवं आत्मनिर्भर बन रहे हैं। उन्होंने कहा देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कुशल नेतृत्व में ही ऐसा परिवर्तन संभव हो सका है। अब किसान घर बैठे ई-नाम पोर्टल के माध्यम से अपनी उपज को देश की किसी भी मंडी में बेच सकता है। उन्होंने कहा कि ई-नाम योजना के अन्तर्गत क्षेत्रीय कृषक, अपनी कृषि उपज को राज्य की ई-नाम मण्डी में संचालित टेस्टिंग लैब में परख कराकर आनलाईन विक्रय कर रहे है।
उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड राज्य में, प्रथम चरण में, वर्ष 2017 में राज्य की 05 मण्डियों हरिद्वार, काशीपुर, किच्छा, सितारंगज, गदरपुर में ई-नाम योजना का शुभःआरम्भ किया गया था एवं द्वितीय चरण में मार्च 2018 से उत्तराखण्ड की अन्य 11 मण्डियों क्रमशः देहरादून, विकासनगर, ऋषिकेश, हल्द्वानी, रुडकी, जसपुर, बाजपुर, रुद्रपुर, नानकमत्ता, खटीमा एवं रामनगर में ई-नाम योजना आरम्भ की गयी थी, वर्तमान में राज्य की कुल 16 मण्डियों में ई-नाम योजना संचालित है । ई-नाम मण्डियों द्वारा सैकड़ों जागरूकता अभियानों का संचालन करके, वर्तमान तक कुल 88971 कृषक, 5495 व्यापारियों, 193 एफ0पी0ओ0, 62 सर्विस प्रोवाइडरों एवं 2691 कमीशन एजेन्टों का पंजीकरण ई-नाम पोर्टल पर किया जा चुका है। मंत्री ने कहा किसानों की आय बढ़ाने की दिशा में परदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में उत्तराखण्ड की डबल इंजन सरकार केंद्र के साथ कंधे से कंधा मिलाकर लगातार किसान हित में कार्य कर रही है। मंत्री ने कहा निश्चित ही इस कार्यशाला का सकारात्मक परिणाम मिलेगा।
जोशी ने कहा कि अपेक्षा जताई की अगली बार से जो भी सम्मेलन हो उसमे कृषकों को अधिक से अधिक सम्मलित किया जाए। उन्होंने कहा कि वह शीघ्र ही केंद्रीय कृषि मंत्री भारत सरकार को पत्र के माध्यम से अनुरोध करेंगे की प्रत्येक राज्य 200 एकड़ भूमि निशुल्क स्टोरेज के लिए दें। जिसमे विभिन्न राज्यों के किसान अपने उत्पाद को रख सकें।ताकि किसानों को उनकी उपज का सही दाम मिल सके।
इस अवसर पर गोवा मंडी बोर्ड के अध्यक्ष प्रकाश विलीय, गोवा के कृषि निदेशक नेविल एल्फ़ोंसो, कौसंब के प्रबंध निदेशक डॉ जेएस यादव, मनोज दिवेदी, डॉ परसराम पाटिल, उत्तराखंड मंडी से महाप्रबंधक निर्मला बिष्ट, विजय कुमार, देहरादून मंडी समिति के सचिव विजय थपलियाल आदि उपस्थित रहे।
उत्तराखंड सहित कई राज्यों के प्रतिनिधि कर रहे प्रतिभाग
देहरादून/गोवा। कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने मंगलवार को तीन दिवसीय कौसंब और गोवा राज्य कृषि विपणन बोर्ड “ई-एनएएमः परिचालन कठिनाइयों और अवसरों” पर आयोजित राष्ट्रीय सम्मेलन का शुभारंभ दीप प्रज्ज्वलित कर किया। इस कार्यशाला में भारत के विभिन्न राज्य कृषि विपणन बोर्डों अर्थात् तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, सिक्किम, पंजाब, राजस्थान, छत्तीसगढ़, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, गोवा आदि से कुल 25-30 भारतीय प्रतिनिधि इस सम्मेलन में भाग लिया और अपने विचारों का आदान-प्रदान किया।
आपको बता दें कि राष्ट्रीय कृषि बाजार (ई-एनएएम) एक अखिल भारतीय इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग पोर्टल है जो मौजूदा एपीएमसी मंडियों को कृषि वस्तुओं के लिए एक एकीकृत राष्ट्रीय बाजार बनाने के लिए नेटवर्क करता है। इसके अलावा, छोटे किसान कृषि-व्यवसाय संघ, सरकार के वक्ता। भारत, नागार्जुन फर्टिलाइजर एंड केमिकल लिमिटेड, हैदराबाद और कृषि अर्थशास्त्री, भारत सरकार के ई-नाम के बारे में अपने ज्ञान को साझा करने और प्रतिनिधियों के बीच विस्तृत चर्चा की गई।
इस अवसर पर मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि आज हमारे राज्य की 16 मंडियां ई-नाम से जुड़ी हैं, जिसकी सहायता से किसान सशक्त एवं आत्मनिर्भर बन रहे हैं। उन्होंने कहा देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कुशल नेतृत्व में ही ऐसा परिवर्तन संभव हो सका है। अब किसान घर बैठे ई-नाम पोर्टल के माध्यम से अपनी उपज को देश की किसी भी मंडी में बेच सकता है। उन्होंने कहा कि ई-नाम योजना के अन्तर्गत क्षेत्रीय कृषक, अपनी कृषि उपज को राज्य की ई-नाम मण्डी में संचालित टेस्टिंग लैब में परख कराकर आनलाईन विक्रय कर रहे है।
उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड राज्य में, प्रथम चरण में, वर्ष 2017 में राज्य की 05 मण्डियों हरिद्वार, काशीपुर, किच्छा, सितारंगज, गदरपुर में ई-नाम योजना का शुभःआरम्भ किया गया था एवं द्वितीय चरण में मार्च 2018 से उत्तराखण्ड की अन्य 11 मण्डियों क्रमशः देहरादून, विकासनगर, ऋषिकेश, हल्द्वानी, रुडकी, जसपुर, बाजपुर, रुद्रपुर, नानकमत्ता, खटीमा एवं रामनगर में ई-नाम योजना आरम्भ की गयी थी, वर्तमान में राज्य की कुल 16 मण्डियों में ई-नाम योजना संचालित है । ई-नाम मण्डियों द्वारा सैकड़ों जागरूकता अभियानों का संचालन करके, वर्तमान तक कुल 88971 कृषक, 5495 व्यापारियों, 193 एफ0पी0ओ0, 62 सर्विस प्रोवाइडरों एवं 2691 कमीशन एजेन्टों का पंजीकरण ई-नाम पोर्टल पर किया जा चुका है। मंत्री ने कहा किसानों की आय बढ़ाने की दिशा में परदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में उत्तराखण्ड की डबल इंजन सरकार केंद्र के साथ कंधे से कंधा मिलाकर लगातार किसान हित में कार्य कर रही है। मंत्री ने कहा निश्चित ही इस कार्यशाला का सकारात्मक परिणाम मिलेगा।
जोशी ने कहा कि अपेक्षा जताई की अगली बार से जो भी सम्मेलन हो उसमे कृषकों को अधिक से अधिक सम्मलित किया जाए। उन्होंने कहा कि वह शीघ्र ही केंद्रीय कृषि मंत्री भारत सरकार को पत्र के माध्यम से अनुरोध करेंगे की प्रत्येक राज्य 200 एकड़ भूमि निशुल्क स्टोरेज के लिए दें। जिसमे विभिन्न राज्यों के किसान अपने उत्पाद को रख सकें।ताकि किसानों को उनकी उपज का सही दाम मिल सके।
इस अवसर पर गोवा मंडी बोर्ड के अध्यक्ष प्रकाश विलीय, गोवा के कृषि निदेशक नेविल एल्फ़ोंसो, कौसंब के प्रबंध निदेशक डॉ जेएस यादव, मनोज दिवेदी, डॉ परसराम पाटिल, उत्तराखंड मंडी से महाप्रबंधक निर्मला बिष्ट, विजय कुमार, देहरादून मंडी समिति के सचिव विजय थपलियाल आदि उपस्थित रहे।