उत्तराखण्डदेहरादून

उत्तराखंड के वन मंत्री सुबोध उनियाल ने कहा, प्रदेश में 15 हजार है0 पर 1.24 करोड़ वृक्षारोपण  का लक्ष्य, प्लांटेशन को पारदर्शिता से करने  व स्थानीय जलवायु के अनुसार वृक्षारोपण करवाने को कहा 

देहरादून । उत्तराखंड के वन मंत्री सुबोध उनियाल की अध्यक्षता  में वर्ष 2023 के वर्तमान वृक्षारोपण सत्र में सघन वृक्षारोपण को किरण-केन्द्र पर राज्य वन मुख्यालय के मन्थन सभागार में बैठक क्रियान्वयन की समीक्षा बैठक आयोजित करते हुए वृक्षारोपण कार्यक्रम वर्ष 2023 के लिए वन प्रभागवार समीक्षा की गई। जिसमें  जन-प्रतिनिधियों स्कूल/कालेज व सामाजिक संस्थाओं एवं ग्रामीणों की वृक्षारोपण  के लिए  सक्रिय सहभागिता के सम्बन्ध में विस्तार पूर्वक चर्चा हुई। वन मंत्री ने बैठक में समस्त प्रभागीय वनाधिकारियों से कार्यक्रम से जुड़े अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।
वन मंत्री ने निर्देश दिए कि 15 अगस्त को आजादी के 75 वर्ष पूरे होने पर प्रत्येक वन पंचायत में लगाए जायेंगे 75 पेड़,  सभी वन विभाग के अधिकारियों को सर्कुलर जारी करने के दिए निर्देश, प्रदेश में बाहर की नर्सरी से अब नही खरीदे जाएंगे पौधे, वन विभाग अपनी या वन पंचायत की नर्सरी से ही लेंगे पौधे। वन मंत्री उनियाल ने कहा कि जिन डिविजन का पौधे को जीवित रखने में सबसे अच्छा परिणाम रहेगा, उस डिविजन को समानित किया जाएगा। बताया कि प्रदेश में 15 हजार है0 पर लगभग 1.24 करोड़ वृक्षारोपण किये जाने का लक्ष्य है। उन्होने प्लांटेशन को पारदर्शिता से करने तथा स्थानीय जलवायु के अनुसार वृक्षारोपण करवाने के निर्देश दिए साथ ही कहा कि महिला समूहों एवं स्थानीय नर्सरियों से ही पौधे खरीदे जाए।
बैठक में मानव-वन्य जीव संघर्ष के न्यूनीकरण की दृष्टि से फलदार प्रजातियों का रोपण विभिन्न वनीकरण कार्यक्रमों के तहत कवर किए जाने का प्रस्ताव, विभिन्न राज्य और केंद्र योजनाओं के तहत वृक्षारोपण अभियान चलाने के लिए राशि की व्यवस्था आदि विषयों पर माननीय मत्रंी ने प्रभावी कार्यवाही करने के निर्देश दिए। उत्तराखण्ड वृक्षारोपण नीति, 2005 के क्रियान्वयन की समीक्षा के दौरान वन मंत्री ने निर्देश दिए कि स्थानीय घरेलू मांग की पूर्ति की स्थिति, कार्बन क्रेडिट्स प्राप्त करने  के लिए  परियोजनाओं की स्थिति, प्रजातियों के वर्गीकरण की समीक्षा, क्षेत्र विशिष्ट योजनाओं के अनुमोदन की समीक्षा, पारम्परिक प्रजातियों के रोपण की समीक्षा की गई।

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