क्रैच बिल्डिंग बोले तो, छोटे बच्चों के लिए अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त डे केयर सुविधा का शानदार स्थान, अभी तक किया जा चुका 10 बच्चों का एडमिशन, बाल विकास विभाग के विशेषज्ञों की देख-रेख में किया जा रहा पालन-पोषण
देहरादून। वर्तमान समय में महिलाएं पुरूषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चल रही है। हर क्षेत्र में महिलाएं नित नए आयामों को छू रही हैं और खुद को साबित भी कर रही है। एक महिला के तौर पर जहां उसका सामाजिक स्तर और भी बेहतर हो रहा है वहीं इस तथ्य को भी नकारा नहीं जा सकता कि बाहर जाकर नौकरी करने से उसे कुछ पारिवारिक पारेशानियों का सामना भी करना पड़ रहा है। जिसमें सबसे महत्वपूर्ण है छोटे बच्चों का लालन-पालन करना।
कामकाजी महिलाओं की इस समस्या को समझते हुए देहरादून स्मार्ट सिटी लिमिटेड* द्वारा क्रैच बिल्डिंग का निर्माण कर जनता को समर्पित की जा चुकी है।
वात्सल्य डे केयर” क्रैच बिल्डिंग* का निर्माण तीलू रौतेली कामकाजी महिला छात्रावास परिसर में किया गया है, जो कि कामकाजी महिलाओं के छोटे बच्चों (1 वर्ष से 4 वर्ष तक) की डे केयर के लिये अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त है। शिशु पालन केंद्र लागत 1.03 करोड रू0 से निर्मित किया गया है।
क्रैच बिल्डिंग अपने उद्देश्य सरकारी और गैर सरकारी विभागों के साथ ही निजी संस्थाओं में कार्यरत महिलाओं के छोटे बच्चों के लिए अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त डे केयर सुविधा उपलब्ध करा रही है।
वात्सल्य डे केयर में नर्सरी, शयन कक्ष, अध्ययन कक्ष, एक्टिविटी एवं क्रीडा कक्ष आदि शामिल हैं। डे केयर में अभी तक 10 बच्चों का एडमिशन किया जा चुका है। बच्चों की किसी तरह की परेशानी न हो इसके लिए बाल विकास विभाग के विशेषज्ञों की देख-रेख में बच्चों का पालन-पोषण किया जाता है। जिससे कामकाजी महिलाएं अपने बच्चों की चिन्ता से मुक्त होकर अपने काम में पूरी तरह ध्यान दे पा रही है।वात्सल्य डे केयर सेंटर में अपने बच्चों का एडमिशन कराना चाहते हैं तो आप कार्यालय के मोबाइल नंबर 9675467500 में संपर्क कर सकते हैं।
क्रैच बिल्डिंग में ये सुविधाएं हैं उपलब्ध
1. 01 वर्ष तक के बच्चों के लिए पालने/नर्सरी की व्यवस्था।
2. 01 वर्ष से ऊपर 3 वर्ष तक के बच्चों के लिए बंक बेड।
3. बच्चों के लिए पूल।
4. सन्तुलित आहार के लिये किचन।
5. बच्चों के खेलकूद के लिए एक्टिविटी एरिया।
6. शौचालय, पानी और बिजली की उचित व्यवस्था।
7. वातानुकूलित एवं रोशनीयुक्त वातावरण।