मुख्यमंत्री धामी ने कहा , भाषाओं की जननी संस्कृत को बढ़ावा देना भी हम सबकी जिम्मेदारी ,जनपद स्तर पर संस्कृत ग्रामों की स्थापना पर दिया जाय ध्यान
संस्कृत के संरक्षण एवं संवर्द्धन के लिये विस्तृत कार्ययोजना तैयार करने के निर्देश
उत्तराखण्ड संस्कृत आकदमी की सामान्य समिति की 09वीं बैठक
देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने देव भाषा संस्कृत के संरक्षण एवं संवर्द्धन के लिये विस्तृत कार्ययोजना तैयार करने के निर्देश दिये है। हम सबकी जिम्मेदारी है कि देवभूमि उत्तराखण्ड में संस्कृत-भाषा के विकास में समेकित प्रयास हो। संस्कृत अकादमी द्वारा इस दिशा में किये जा रहे प्रयासों की सराहना करते हुए मुख्यमंत्री ने इस दिशा में और अधिक प्रयासों की भी जरूरत बतायी। मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि उत्तराखण्ड संस्कृत भाषा के विकास में भी अग्रणी राज्य बने इसके लिये नवाचार के प्रति ध्यान देना होगा। इसके लिये धनराशि की कमी नहीं होने दी जायेगी।
शुक्रवार को सचिवालय में उत्तराखण्ड संस्कृत आकदमी की सामान्य समिति की 09वीं बैठक की अध्य़क्षता करते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने संस्कृत भाषा को बढावा देने में विज्ञान एवं तकनीकि का भी सहयोग लेने पर बल देते कहा कि व्याकरण से सिद्ध भाषा संस्कृत कम्प्यूटर के लिये भी उपयुक्त मानी गई है। उन्होंने कहा कि देवभूमि के कारण हमारी पहचान है। संस्कृत हमारे परिवेष से जुडी भाषा है।
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि भाषाओं की जननी संस्कृत को बढ़ावा देना भी हम सबकी जिम्मेदारी है। ताकि इससे हमारी प्राचीन संस्कृति के संरक्षण के साथ ही संस्कृत भाषा के प्रति युवाओं का रूझान बढ़ सके। उन्होंने कहा कि जनपद स्तर पर संस्कृत ग्रामों की स्थापना पर ध्यान दिया जाय।
इस अवसर पर कुलपति पतंजलि योगपीठ हरिद्वार आचार्य बालकृष्ण,
निदेशक प्राच्यविद्या प्रतिष्ठान एवं सचिव हिन्दी एवं गढवाली कुमाऊँनी, जौनसारी अकादमी नई दिल्ली डॉ. जीतराम भट्ट, हे.न.ब. गढवाल केन्द्रीय वि.वि. श्रीनगर के प्रोफेसर एवं विभागाध्यक्ष इतिहास एवं पुरातत्व विभाग प्रो. आर.पी.एस. नेगी के अतिरिक्त अन्य सदस्यों ने भी अपने विचार व सुझाव रखे।
सचिव उत्तराखण्ड संस्कृत अकादमी एस.पी.एस. खाली द्वारा संस्थान के कार्यकलापों की जानकारी दी गई। बैठक में गत वर्षों के आय व्ययक की कार्योत्तर स्वीकृति के साथ इस वर्ष के प्रस्तावित कार्य योजना को अनुमोदन प्रदान किया गया।
बैठक में सचिव विनोद प्रसाद रतूडी, अपर सचिव एस. के. सिंह, योगेन्द्र यादव, ललित मोहन रयाल, श्रीमती अनिता जोशी, उपसचिव प्रदीप मोहन नौटियाल, संस्कृत विभागाध्यक्ष राजकीय महाविद्यालय बनबसा, चंपावत प्रो. मुकेश कुमार, प्रभारी प्राचार्य श्री गुरूराम राय लक्ष्मण संस्कृत महाविद्यालय डॉ. रामभूषण बिजल्वाण, प्रभारी प्राचार्य श्रीमहादेव गिरी संस्कृत महाविद्यालय हल्द्वानी डॉ. नवीनचन्द्र जोशी, आदि उपस्थित थे।
संस्कृत विद्यालयों के छात्रों को भी मुख्यमंत्री छात्रवृति योजना का लाभ दिया जायेगा:डॉ. धन सिंह रावत
कैबिनेट मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कहा कि मुख्यमंत्री की सहमति से संस्कृत विद्यालयों के छात्रों को भी मुख्यमंत्री छात्रवृति योजना का लाभ दिया जायेगा। साथ ही शोध कार्यों के लिये भी संस्कृत विश्वविद्यालयों के छात्रों को धनराशि उपलब्ध करायी जायेगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश के अधिक से अधिक लोगों को संस्कृत शिक्षा का ज्ञान हो इसके प्रयास किये जायेगे। उन्होंने कहा कि प्रदेश में भव्य संस्कृत ज्ञानकुम्भ का भी आयोजन किया जायेगा। जिसमें सभी विश्वविद्यालयों की भागीदारी सुनिश्चित की जायेगी।