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भाजपा ने बहिनों के बाल उतरवाने के लिए कांग्रेस नेतृत्व की उकसावे की कार्यवाही को जिम्मेदार ठहराया  , प्रदेश अध्यक्ष भट्ट बोले-पाप की श्रेणी में आता है सनातनी संस्कृति और विशेषकर देवभूमि में किसी महिला के केश उतारना 

न्यायिक प्रक्रिया पर अविश्वास जताकर दिवंगत अंकिता का भी अपमान कर रही कांग्रेस
कहा , इस बार जनता ने सनातन को अपमानित करने वाले कांग्रेस के कृत्य को प्रत्यक्षता देख लिया 
देहरादून । भाजपा ने बहिनों के बाल उतरवाने के लिए कॉंग्रेस नेतृत्व को देवभूमि की मातृ शक्ति के अपमान का दोषी ठहराया है ।प्रदेश अध्यक्ष  महेंद्र भट्ट ने कहा कि न्यायिक प्रकिया पर अविश्वास जताते हुए कॉंग्रेस  राजनैतिक मकसद से लगातार दिवंगत अंकिता और उसके परिजनों को अपमानित कर रही है । पार्टी मुख्यालय में पत्रकार के सवालों का जवाब देते हुए प्रदेश अध्यक्ष  भट्ट ने कॉंग्रेस की बहिनों के मुंडन के लिए उनके नेतृत्व को दोषी ठहराया । उन्होने कहा कि सनातनी संस्कृति और विशेषकर देवभूमि में किसी महिला के केश उतारना पाप की श्रेणी में आता है, इस पाप का असल भागेदार है ,कॉंग्रेस प्रदेश नेतृत्व जिनके निर्देशों और उकसावे पर हमारी बहिनों ने यह सब किया ।उन्होने आरोप लगाते हुए कहा कि करन माहरा, हरीश रावत या अन्य किसी बड़े नेता ने अपना सिर क्यूँ नहीं मुंडवाया है । ये अपमान सिर्फ कॉंग्रेस की उन बहिनों का नहीं बल्कि नारी के स्त्रीत्व और समूची देवभूमि की मातृ शक्ति का का अपमान है । उन्होने कटाक्ष करते हुए कहा कि अब तक वे सनातन विरोधी बयान ही देते थे, लेकिन इस बार जनता ने सनातन को अपमानित करने वाले उनके कृत्य भी प्रत्यक्षता देख लिया हैं । बेहद अफसोसजनक है कि कॉंग्रेस द्धारा लगातार अंकिता प्रकरण जैसे संवेदनशील मुद्दे को राजनीति में घसीटा जा रहा है ,जिससे न केवल पीड़ित परिजनों एवं जनता की भावनाओं को चोट पहुंचाई जा रही है ।साथ ही दिवंगत अंकिता को अपमानित करने का प्रयास किया जा रहा है |
पीएम मोदी ने   27 वर्ष से अटके नारी सशक्तिकरण  बिल को दो दिन में संसद से पास कराया 
देहरादून।  भट्ट ने महिला आरक्षण को लेकर विपक्ष की तमाम आशंकाओं को दरकिनार करते हुए कहा कि जनता को  पीएम मोदी  पर पूर्ण विश्वास था और जिस पर खरा उतरते हुए उन्होने 27 वर्ष से अटके नारी सशक्तिकरण के बिल को दो दिन में संसद से पास करवाया है । उन्होने कहा, जिस कॉंग्रेस ने नैतिक साहस और राजनैतिक इच्छा शक्ति की कमी के चलते मातृ शक्ति के इस अधिकार को बंधक बनाए रखा, उन्हे इस पर बोलने या श्रेय लेने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है | कॉंग्रेस और 2010 में इसी बिल की कॉपी फाड़ने वाले इनके सहयोगियों ने जन दबाव में बेमन से इसका समर्थन तो कर दिया है, लेकिन अब फिर से इसकी तमाम तकनीकी बाध्यता और प्रक्रिया को लेकर भ्रम फैलाने की साजिश में जुट गए हैं ।फिलहाल देश और प्रदेश की जनता कोंग्रेसियों के इस दोगले चेहरे को बखूबी देख रही और मातृ शक्ति इन दोनों विषयों पर किए जा रहे अपने अपमान का बदला सही समय पर अवश्य लेगी ।

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