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मुख्यमंत्री पुष्कर धामी के स्वागत में उत्तराखंडी लोकगीतों में झूमा लंदन, यूके में भी बसता है  उत्तराखण्ड का छोटा यूके बसता , प्रवासी उत्तराखंड के लोगों से की गुजारिश , साल में एक बार अपने प्रदेश जरूर आएं

लंदन/  देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के सोमवार को लंदन पहुँचने पर वहां मौजूद प्रवासी भारतीय एवं लंदन में रह रहे उत्तराखंड के निवासियों द्वारा भव्य रंगारंग स्वागत कार्यक्रम आयोजित किया गया। लंदन में रह रहे उत्तराखण्ड के प्रवासियों द्वारा गढ़वाली, कुमाऊँनी, जौनसारी लोकगीतों पर मनमोहन प्रस्तुति दी गई। स्वागत कार्यक्रम में मौजूद समस्त प्रवासी भारतीय उत्तराखण्ड के पारंपरिक परिधानों में नजर आए।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने लंदन में रह रहे समस्त प्रवासी उत्तराखण्ड के लोगों का आभार प्रकट किया। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि “यह मेरा सौभाग्य है कि उत्तराखण्ड के मुख्य सेवक के रूप में मुझे इन्वेस्टर समिट की बैठक में शामिल होने के लिए लंदन आने का अवसर प्राप्त हुआ।” उन्होंने कहा लंदन में उत्तराखण्ड के लोगों की इतनी बड़ी भारी संख्या में उपस्थित देखकर यह प्रतीत हो रहा है कि यूके में भी उत्तराखण्ड का छोटा यूके बसता है।
मुख्यमंत्री धामी ने कार्यक्रम में मौजूद प्रवासी उत्तराखंडियों को संबोधित करते हुए कहा कि उत्तराखंड देवभूमि होने के साथ ही योग, आध्यात्मिक की भी भूमि है। इसके साथ ही उत्तराखंड देश की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का प्रतीक  भी है। उन्होंने कहा कि हमें गर्व है कि हमारी जड़े उत्तराखण्ड से जुड़ी हुई हैं।
मुख्यमंत्री  धामी ने समस्त प्रवासी उत्तराखण्डियों से आह्वान करते हुए कहा कि वह साल में एक बार अपने प्रदेश उत्तराखण्ड ज़रूर आएँ। मुख्यमंत्री ने कहा कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में दुनिया भर में भारत का मान, सम्मान और स्वाभिमान बढ़ा है। उन्होंने कहा कि आज विदेशों में भी एक भारत श्रेष्ठ भारत की परिकल्पना को मूर्त रूप दिया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज भारत विश्व गुरु बनने की दिशा में तेजी से बढ़ रहा है, हाल में ही चंद्रयान-3 का सफल प्रक्षेपण और चंद्रमा पर सेफ लैंडिंग इसका प्रत्यक्ष उदाहरण है। इस अवसर पर सचिव मुख्यमंत्री डॉ. आर मीनाक्षी सुंदरम, सचिव विनय शंकर पांडेय, महानिदेशक उद्योग रोहित मीणा, स्थानीय आयुक्त अजय मिश्रा समेत समेत बड़ी संख्या में उत्तराखण्ड के निवासी एवं प्रवासी भारतीय मौजूद रहे।

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