उत्तराखंड में निवेश पर पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत का बयान दुर्भावना से प्रेरित, राज्य की अर्थिकी को बढ़ाने के प्रयास पचा नही पा रही कांग्रेस:मनवीर चौहान
महिला आरक्षण बिल पर भी फैला रही भ्रम
अब तक राज्य हो चुका है 15 हजार करोड़ का निवेश एमओयू, राज्य की परिस्थितियों के अनुरूप लगेंगे उद्योग
देहरादून । भाजपा ने इन्वेस्टर समिट को लेकर पूर्व सीएम हरीश रावत के बयान को दुर्भावना से प्रेरित बताते हुए कहा कि राज्य की अर्थिकी को बढ़ाने के लिए किये जा रहे कोशिशों को वह पचा नही पा रही है और उसमे मीन मेख निकाल रही है।
पूर्व सीएम की समस्या यही है कि वह अर्थशास्त्र के विषय को गणित की पहेली से उलझाने की कोशिश कर रहे हैं
प्रदेश मीडिया प्रभारी मनवीर सिंह चौहान ने कहा कि राज्य मे इंवेस्टर समिट दिसंबर में है और अब तक 15 हज़ार करोड़ रुपए के एमओयू हो गए हैं। भारत दुनिया में अर्थव्यवस्थता को लेकर 11 वे से 5 वे स्थान पर पहुँच गया है, लेकिन कॉंग्रेस इसे देश की प्रगति और उपलब्धि के तौर पर नही देख रही है।
चौहान ने कहा कि महिला आरक्षण समाप्त करने के झूठे आरोप लगाने वालों को नज़र नहीं आता कि उन्होंने ही 27 वर्षों से लटकाएँ हुए महिला आरक्षण बिल को संसद से पास करवाया है । जब जब कॉंग्रेस सत्ता में रही तो राज्य की अर्थव्यवस्थता बेहतर करने के लिए कभी भी निवेश को लेकर गंभीर प्रयास नहीं किए गए । इस दौरान कॉंग्रेस नेताओं और उनके सहयोगियों ने अपनी जेबों को भरकर सिर्फ अपनी अर्थिकी सुधारने के लिए भ्रष्टाचार किया । उन्होने कहा कि आज मुख्यमंत्री पुष्कर धामी विशेषज्ञों के साथ निवेश की संभावनाओं पर फूलप्रूफ प्लान तैयार कर विदेश में और फिर देश में निवेशकों को राज्य की और आकर्षित करने की मुहिम पर निकले हैं । इस मुहिम के शुरुआती दिनों में ही महिंद्रा ग्रुप के 1000 करोड़ समेत ब्रिटेन में अभी तक कुल 15 हजार करोड़ निवेश के एमओयू किए जा चुके हैं और उम्मीद की जा रही है। राज्य की परस्थितियों के अनुरूप योजना के तहत निवेश राज्य मे होगा। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी उन्ही औधोगिक घरानों के संपर्क मे हैं जो राज्य मे निवेश को धरातल पर उतारे। उन्होंने कहा कि निवेश के लिए जो दल सीएम के साथ गया है वह पूरे अध्ययन के साथ गया है। प्रदेश सरकार उत्तराखंड विकास के लिए 2.5 लाख करोड़ का निवेश लक्ष्य इन्वेस्टर समिट तक पूरा करने में अवश्य सफल होगी ।
उन्होने कटाक्ष करते हुए कहा कि समिट से निवेश लक्ष्य पूरा होने की संभावनाओं को देख कर तमाम कॉंग्रेस नेता परेशान हो गए हैं और यही वजह है कि राज्य की खुशहाली के लिए किए जा रहे प्रयासों की सराहना और सहयोग करने के बजाय भ्रम फैला रहे हैं ।