निकाय चुनाव में ओबीसी आरक्षण को लेकर प्रवर समिति की बैठक, सभापति और शहरी विकास मंत्री डॉ अग्रवाल ने कहा, 2011 की जनसंख्या के आधार पर होंगे निकाय चुनाव
2018 में भी हुए थे 2011 की जनसंख्या के आधार पर चुनाव, 10 नवंबर को हाई कोर्ट में जमा किया जाएगा चुनाव कार्यक्रम
देहरादून।उत्तराखंड में निकाय चुनाव को लेकर आशा की किरण सामने आ रही है। शनिवार को निकाय चुनाव में ओबीसी आरक्षण को लेकर प्रवर समिति की बैठक हुई । हालांकि बैठक में तो ओबीसी आरक्षण पर कोई हल नहीं निकाला, लेकिन निकाय चुनाव दिसंबर तक होने की उम्मीद अब जरूर की जा रही है। आगामी निकाय चुनाव भी 2011 की जनगणना के आधार पर ही कराए जा सकते हैं। बैठक के बाद समिति के सभापति और प्रदेश के शहरी विकास मंत्री डॉ अग्रवाल ने कहा कि 2011 की जनसंख्या के आधार पर हम प्रदेश में निकाय चुनाव कराएंगे,इसी तरह 2018 में भी चुनाव हुए थे।उन्होंने कहा कि 10 नवंबर को हाई कोर्ट में हम चुनाव कार्यक्रम भेजेंगे।
धामी सरकार उत्तराखंड हाईकोर्ट में 9 नवंबर से पहले निकाय चुनाव कार्यक्रम जारी करने और 25 दिसंबर से पहले संपन्न कराने का एफिडेविट भी दे चुकी है।दरअसल, देहरादून विधानसभा भवन में शनिवार को निकाय चुनाव में आरक्षण को लेकर गठित की गई प्रवर समिति की बैठक आयोजित की गई। बैठक करीब डेढ़ घंटे तक चली।
विधानसभा अध्यक्ष ने गठित की गई इस प्रवर समिति का शहरी विकास मंत्री डॉ प्रेमचंद अग्रवाल को सभापति बनाया है। समिति के सदस्य के रूप में विधायक विनोद चमोली, मुन्ना सिंह चौहान, खजान दास, मोहम्मद शहजाद , ममता राकेश और हरीश धामी शामिल हैं।बता दें कि नगर निगम संशोधन विधेयक पर गठित प्रवर समिति को अपनी रिपोर्ट नौ अक्टूबर से पहले विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी को सौंपनी है, लेकिन अब समिति रिपोर्ट देने के लिए एक महीना और मांगने की बात कह रही है। गौरतलब है कि नौ सितंबर को विधानसभा सचिवालय ने प्रवर समिति गठन की अधिसूचना जारी की थी. इसके बाद 18 सितंबर को गठित समिति की पहली बैठक की गई थी।
कहा,ओबीसी आरक्षण पर चर्चा को लेंगे अभी और समय
देहरादून। समिति के सभापति और शहरी विकास मंत्री डॉ अग्रवाल ने बैठक के बाद बताया कि प्रवर समिति के सभी सदस्यों ने अपने विचार रखे और समिति इस फैसले पर पहुंची है कि निकाय चुनाव 2018 की तरह ही 2011 की जनगणना के आधार पर कराए जा सकते हैं। हालांकि ओबीसी आरक्षण का विषय बेहद बड़ा है और यह केवल इस निकाय चुनाव के लिए नहीं, बल्कि भविष्य में आने वाले चुनावों और तमाम अन्य विषयों में भी जहां-जहां पर ओबीसी आरक्षण लागू होता है, उसके लिए बेहद महत्वपूर्ण है।इसलिए प्रवर समिति ने तय किया है कि वह अभी इस विषय पर और चर्चा करेंगी और समय विधानसभा अध्यक्ष से लेंगे। उन्होंने कहा कि 10 नवंबर को हाई कोर्ट में हम चुनाव कार्यक्रम भेजेंगे और उसके बाद प्रक्रिया शुरू कर चुनाव के लिए आगे बढ़ेंगे। डॉ अग्रवाल ने कहा कि अब हम चुनाव कराने की स्थिति में है। विधानसभा अध्यक्ष से समय मिलने के बाद समिति ओबीसी आरक्षण के मुद्दे पर और ज्यादा व्यापक चर्चा करेगी। इस मुद्दे पर और बैठकें करेंगे। सामाजिक राजनीतिक और शैक्षणिक स्तर पर चर्चा की जाएगी। उन्होंने कहा कि समिति का कार्यकाल 8 अक्टूबर को खत्म हो रहा है। ऐसे में विधानसभा अध्यक्ष से समिति के लिए और ज्यादा समय की मांग की जाएगी।
समिति सदस्य हरीश धामी बोले,
निकाय चुनाव को लेकर सरकार को लेना है फैसला
देहरादून।कांग्रेस विधायक और प्रवर समीति के सदस्य हरीश धामी ने कहा कि निकाय चुनाव के लिए सरकार ने हाईकोर्ट में दिसंबर तक का कार्यक्रम दिया है और यह सरकार ने एफिडेविट के रूप में कोर्ट में दिया है। इसलिए सरकार को निकाय चुनाव दिसंबर में करवाने होंगे।
हरीश धामी ने कहा कि जहां तक बात ओबीसी आरक्षण की है, तो उससे चुनाव पर किसी तरह का कोई फर्क नहीं पड़ेगा। चुनाव 2011 की जनगणना के अनुसार किया जा सकता है।इसी आधार पर 2018 में भी निकाय चुनाव हुए हैं। उन्होंने कहा कि चुनाव को लेकर सरकार को फैसला लेना है। सरकार नवंबर में चुनाव कार्यक्रम जारी किए जाने को लेकर के कोर्ट में हलफनामा दे चुकी है।