कृषि मंत्री जोशी ने किया उत्तराखंड और असम में कृषि विपणन के बनियादी ढांचे के आदान-प्रदान के लिए मंथन ,उत्तरकाशी के सीमांत क्षेत्र हर्षिल के सेब की असम तक पहुंच बढ़ाने के लिए हुई सकारात्मक चर्चा
गुवाहाटी में असम राज्य कृषि विपणन बोर्ड के अधिकारियों के साथ की बैठक
असम की कृषि और मंडियों की कार्यप्रणाली के बारे में ली जानकारी
गुवाहाटी (असम)/ देहरादून । प्रदेश के कृषि गणेश जोशी ने असम दौरे के दौरान रविवार को गुवाहाटी में असम राज्य कृषि विपणन बोर्ड के अध्यक्ष मनोज बरुआ व मुख्य कार्यकारी अधिकारी तेज प्रसाद भुसाल एवं अन्य अधिकारियों के साथ बैठक की। बैठक के दौरान कृषि मंत्री जोशी ने असम की कृषि और मंडियों की कार्यप्रणाली के बारे में जानकारी ली तथा दोनों राज्यों में कृषि विपणन के बनियादी ढांचे के आदान-प्रदान के लिए महत्वपूर्ण चर्चा हुई।
बैठक में असम एग्रीकल्चर मार्केटिंग बोर्ड के अध्यक्ष ने मंत्री गणेश जोशी को बताया कि प्रदेश में लगभग 23 मड़ियां है। इस वक्त असम बोर्ड में 700 कर्मचारी हैं जिसमें 42 बोर्ड के सदस्य हैं और अन्य मंडियों में कार्यरत हैं। जिनके माध्यम से मंडियों का सुचारू रूप से संचालन हो रहा है। इस दौरान अधिकारियों ने जोशी को असम में कृषि के क्षेत्र में उर्वरक क्षमताओं, मार्केटिंग, उत्पादन, फसल कटाई के बाद प्रबन्धन, प्रसंस्करण और विपणन आदि के बारे में विस्तार से जानकारी दी। बोर्ड के अधिकारियों ने बताया कि असम का ड्रोंगगिरी जिला गोलपाड़ा केले का बहुत बड़ा उत्पादक है और यहां के केला भारत के अन्य हिस्सों में भी जाता है।
बैठक में कृषि मंत्री जोशी ने उत्तराखंड के सेब की असम तक पहुंच बढ़ाने के लिए सकारात्मक चर्चा की गई। जोशी ने कहा कि उत्तराखंड के जनपद उत्तरकाशी के सीमांत क्षेत्र हर्षिल का सेब कोलकत्ता तक पहुंचता है।कृषि मंत्री ने असम की मंडियों में उत्तराखंड का सेब के व्यापार बढ़ाने पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने कहा कि यदि असम उत्तराखंड के साथ सेब का व्यापार करता है,तो इसके लिए उत्तराखंड सरकार उनका हर तरीके से सहयोग करने के लिए तैयार है। इस दौरान बैठक में बोर्ड के चेयरपर्सन ने कृषि मंत्री जोशी का पुष्पगुच्छ देकर स्वागत व अभिनंदन भी किया ।
इस अवसर पर अध्यक्ष कृषि विपणन बोर्ड असम मनोज बरुआ व मुख्य कार्यकारी अधिकारी तेज प्रसाद भुसाल, मंडी समिति देहरादून से विजय थपलियाल, बोर्ड उप निदेशक पी.मुदिर सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।