उत्तरकाशीउत्तराखण्ड

उत्तरकाशी टनल हादसा: सुरंग में फंसी  40 जिंदगियों को सही सलामत बाहर निकालने के लिए जद्दोजहद जारी ,  रेस्क्यू ऑपरेशन में लगी हैवी ऑगर मशीन  में तकनीकी खराबी आने के कारण पाइप डालने के काम पर पडा असर

आईटीबीपी-एनडीआरएफ ने अब तक ड्रिल किया 24 मीटर, प्रधानमंत्री कार्यालय ने संभाली जिम्मेदारी
उत्तरकाशी।  सिलक्यारा टनल में पिछले 130 घंटें से फंसे 40 मजदूरों को निकालने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन पर  ऑगर मशीन में तकनीकी खराबी आने के कारण सुरंग में पाइप डालने का काम बंद हो गया है । दूसरी ऑगर मशीन के जरिये भी रेस्क्यू ऑपरेशन पूरा नहीं हो पाया है, इसके साथ ही टनल ने पाइप लाइन बिछाने का काम भी रुक गया है। अब टनल में बोरिंग के लिए इंदौर से तीसरी मशीन मंगाई  है। अब तक टनल के अंदर 25 मीटर ही खुदाई की गई है।
अत्याधुनिक मशीनों के जरिए टनल में फंसे लोगों को निकालने के लिए पाइप डाले जा रहे हैं। अब तक सुरंग में पांच पाइप ड्रिल करने के बाद डाले जा चुके हैं। रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए लाई गई ऑगर मशीन की बेयरिंग खराब हो गई है, जिसके कारण ड्रिलिंग रुक गई है। अब इंदौर से तीसरी मशीन मंगाई गई है।
इधर  कुछ श्रमिकों की तबीयत भी खराब बताईं जा रही है। प्रधानमंत्री कार्यालय ने भी सर्च एंड रेस्क्यू का कार्य अपने हाथ में ले लिया है। भारत तिब्बत सीमा पुलिस बल और एनडीआरएफ अमेरिकी जैक एंड पुश अर्थ ऑगर मशीन से लगातार ड्रिल कर आगे बढ़ रही है। यह हाईपावर मशीन एक घंटे में पांच से छह मीटर तक ड्रिल कर रही है, लेकिन डेढ़ घंटे में तीन मीटर पाइप ही मलबे में जा पा रहे हैं। इधर डीएम अभिषेक रूहेला ने बताया कि शुक्रवार देर शाम तक भी 25 मीटर ड्रिल किया जा चुका है। पांच पाइप अंदर जा चुके हैं। पाइपों को वेल्ड करने में और एलाइनमेंट करने में अधिक समय लग रहा है। ड्रिलिंग जारी है और उम्मीद है अब जल्द ही फंसे हुए 40 श्रमिकों का जल्द सकुशल रेस्क्यू कर लिया जाएगा। वहीं थाइलैंड की रेस्क्यू टीम से भी  सलाह ली जा रही है।
बैकअप के लिए इंदौर से एक और ऑगर मशीन मंगवाने की तैयारी 
उत्तरकाशी। उत्तरकाशी जिले में स्थित सिलक्यारा ऑलवेदर रोड की सुरंग में भीतर कंपनी की लापरवाही से हुए भूस्खलन का मलबे के भीतर 900 एमएम के पाइप ड्रिल किए जा रहे हैं। शुक्रवार दोपहर 1:30 बजे तक पांच पाइप ड्रिल किए जा चुके हैं, यानि लगभग 25 मीटर तक मलबे के भीतर पाइप पहुंच चुके हैं। अब कंपनी ने सुरंग के भीतर फंसे श्रमिकों की सूची जारी कर बताया है आज सुबह सुरंग के भीतर सरिया, लोहे के साथ एक बड़ा बोल्डर आ गया था, जिस वजह से पाइप आगे नहीं बढ़ रहा था। इंजीनियर पाइप के जरिए भीतर पहुंचे और बोल्डर और सरिया को कटर के माध्यम से हटया गया।
एनएचडीआईएल के निदेशक अंशु मनीष खलको ने मीडिया ब्रीफिंग में कहा कि सिलक्यारा टनल में फंसे मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकालने के लिए एमएस पाइप की स्केप टनल बनाने के लिए ऑगर मशीन की सहायता से पाइप पुशिंग का कार्य प्रगति पर है। अभी तक मलवे के भीतर 25 मीटर की दूरी तक पाइप डाला जा चुका है। रेस्क्यू अभियान की प्रतिधारण क्षमता बढ़ाने के लिए इंदौर से एक और ऑगर मशीन बैकअप के लिए एयर लिफ्ट कर लाये जाने की भी व्यवस्था की गई है ताकि रेस्क्यू अभियान किसी भी स्थिति में जारी रहे। उन्होंने बताया कि मशीन शनिवार सुबह तक पहुंच जाएगी। सिलक्यारा में जिलाधिकारी अभिषेक रूहेला, पुलिस अधीक्षक अर्पण यदुवंशी, उपजिलाधिकारी बृजेश तिवारी के साथ ही एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, आईटीबीपी के अधिकारी भी मौजूद है। वहीं मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी लगातार संपर्क में हैं।
सुरंग में फंसे  श्रमिकों के परिजन अपनों के बाहर आने का बेसब्री से कर रहे इंतजार
उत्तरकाशी। पौड़ी गढ़वाल के गब्बर सिंह नेगी भी सुरंग में बीते 6 दिनों कैद है उनके पुत्र गणेश नेगी भी अपने पिता की एक झलक पाने को बेताब है। वहीं झारखंड, बिहार, उत्तर प्रदेश, उड़ीसा आदि राज्यों के परिजनों की अपनों की एक झलक पाने को बेसर्बी से इंतजार कर रहा हैं।

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