उत्तरकाशीउत्तराखण्ड

UttarkashiTunnel Rescue Operation: 57 मीटर पर 9 इंची पाइप की ड्रिलिंग भी रुकी,  बचाव और राहत अभियान हो रहा प्रभावित

दोबारा नये सिरे से पाइप ड्रिलिंग का काम  हुआ शुरू 
नौ दिन से ड्राई-फ्रूट्स पर  हैं सुरंग में फंसे  श्रमिक
उत्तरकाशी। जनपद के सिलक्यारा स्थित निर्माणाधीन सुरंग में बीते नौ दिनों से फंसे 41 श्रमिकों को सुरंग से बाहर निकालने के लिए जिस फूड प्रोसेसिंग पाइप लाइन की बात गत रविवार को केन्द्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी कर रहे थे कि दो ढाई घंटे में ही नौ इंच पाइपों के ड्रिल का काम पूरा हो जायेगा और ये पाइप मजदूरों के लिए फूड प्रोसेसिंग की लाइफ लाइन बनेगी मगर वह पाइप लाइन भी अब सत्तावन मीटर बिछने के बाद थम गई है। बता दें कि अभी लगभग 70-80 मलबा फैला है ।57 मीटर तक ड्रिलिंग हुई उससे आगे जवाब दे गई है। बताया जा रहा है कि 9 दिन से सुरंग  में फंसे श्रमिक ड्राई फ्रूट्स पर जिंदा हैं।
गत रविवार को जब केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी पत्रकारों से वार्ता कर रहे थे तो उन्होंने बताया कि मजदूरों को जल्द ही नौ इंच की इस पाइप लाइन से पौष्टिक भोजन मिलना शुरू हो जायेगा, क्योंकि उस समय तक बयालीस मीटर यह पाइप लाइन बिछ चुकी थी। इसकी पुष्टि भी पीसी में की गई थी, मगर लगता है कि सुंरग के अंदर मलबे के ढेर में या तो भारी मशीने दबी हैं या डम्फर आदि हैं, जिन‌ पर ड्रिल होते ही पाइप अंदर जाकर टकरा रहे और उसी कारण बार-बार कार्य प्रगति प्रभावित हो रही है।
सूत्रों की माने तो भोजन, दवा, हवा व पानी के लिये बिछाये जा रही यह नौ इंची पाइप लाइन भी अब सत्तावन मीटर तक अंदर जाने के बाद हैंग होने लगी है और अब पाइप अंदर नहीं जा रहे हैं। जिस कारण इस लाइन को यहीं पर रोककर दोबारा नये सिरे से पाइप ड्रिलिंग का काम शुरू हो चुका है। अंदर फंसे एक मजदूर के परिजन से जानकारी मिली है कि अंदर फंसे मजदूरों का मनोबल अब खत्म हो रहा है। उनकी हिम्मत जबाव देने लगी है, वो कहते हैं क्या अब हम कभी खुली हवा में सांस ले सकेंगे। दूसरी तरफ आज क्षेत्र के कई लोगों ने राडी घाटी में जाकर बौखनाग देवता की पूजा अर्चना कर टनल के अंदर फंसे मजदूरों को शीघ्र सुरक्षित बाहर निकालने के लिए  प्रार्थना की। इस दौरान मजदूर संगठन के अध्यक्ष वृजपाल आदि लोग शामिल थे।

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