उत्तराखण्डदिल्लीदेहरादून

नई दिल्ली में आयोजित रैबार कार्यक्रम में  वर्चुअल रूप में  जुड़े मुख्यमंत्री पुष्कर धामी, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में उत्तराखंड के विकास का महायज्ञ जारी , राज्य सरकार सैनिक कल्याण को प्रतिबद्ध

नई दिल्ली/ देहरादून । इंडिया इंटरनेशनल सेंटर नई दिल्ली में शनिवार को रैबार कार्यक्रम हुआ। जिसमें उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी वर्चुअल रूप में वीडियो कांफ्रेंसिंग से जुड़े। महाराष्ट्र के पूर्व राज्यपाल और वरिष्ठ बीजेपी नेता भगत सिंह कोश्यारी, सीडीएस अनिल चौहान, राज्यसभा सांसद अनिल बलूनी, स्वर्गीय जनरल बिपिन सिंह रावत की बेटी तारिणी रावत, पूर्व लेफ्टिनेंट जनरल अनिल भट्ट और केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड के अध्यक्ष प्रसून जोशी सहित कई गणमान्य शख्सियतों ने शिरकत की और मंच से अपने विचारों को साझा किया।
अपने संबोधन में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में उत्तराखंड के विकास का महायज्ञ जारी है। उन्होंने कहा- मैं खुद के एक सैनिक का पुत्र हूं। हमारी सरकार सैनिकों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदृष्टि का विश्व में कोई सानी नहीं है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि इस बार 56 लाख तीर्थयात्रियों ने चार धाम में दर्शन करके नया रिकॉर्ड बनाया है।कार्यक्रम में पूर्व डीजी कोस्ट गार्ड और मेंबर एनडीएमए राजेंद्र सिंह ने कहा कि सिल्क्यारा में 41 मजदूरों को निकालने की मुहिम चल रही है। 25 एजेंसियां लगी हुई हैं। सूबे की सरकार के साथ ही केंद्र सरकार भी स्थिति को मॉनिटर कर रही है। पीएमओ स्थित पर नजर बनाए हुए है।
सीडीएस चौहान ने कहा , हमें  बनना है विकसित देश
सीडीएस अनिल चौहान ने कहा  कि 2047 तक हमें विकसित देश बनना है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भी यही सपना है। उन्होंने कहा कि मैं भारतीय सेना का सिपाही हूं। हमारा स्टेट देव भूमि है, इसे आप सैन्य भूमि भी कह सकते हैं। हर परिवार से उत्तराखंड में एक सैनिक जरूर है। अभी तक सैनिकों के नाम के स्मारक बनते थे अब उत्तराखंड में धाम बन रहा है जो कि बहुत बड़ी बात है।
राज्यसभा सांसद अनिल बलूनी बोले, 
वन नेशन वन इलेक्शन से होगी तरक्की
राज्यसभा सांसद अनिल बलूनी ने कहा कि देश में वन नेशन वन इलेक्शन होना चाहिए, इससे देश तरक्की और विकास करेगा। उन्होंने कहा कि अन्य राज्यों में आबादी के हिसाब से उत्तराखंड के लोगों को राजनीतिक प्रतिनिधित्व नहीं मिलता है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button