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चार दिवसीय छठे विश्व आपदा प्रबंधन सम्मेलन का समापन, ‘देहरादून डिक्लेरेशन’ के नाम से घोषणा पत्र हुआ जारी, कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर हुआ मंथन, पर्वतीय राज्यों के युवाओं को आपदा प्रबंधन के लिए प्रोत्साहित करने पर दिया गया जोर

राज्यपाल गुरमीत सिंह, केंद्रीय मंत्री किरण रिजिजू, व सांसद नरेश बंसल हुए शामिल
देहरादून ।चार दिवसीय छठे वैश्विक आपदा प्रबंधन सम्मेलन की समाप्ति पर देहरादून डिक्लेरेशन के नाम से घोषणा पत्र जारी किया गया है। इस छठे विश्व सम्मेलन का केन्द्रीय विषय रहा है- जलवायु क्रियाशीलता एवं आपदा-सम्मुख लचीलेपन को सुदृढ़ करना विशेषतः पर्वतीय पारिस्थितिकी प्रणालियों और समुदायों के सन्दर्भ में। यह विश्व सम्मेलन विश्व की सबसे युवा पर्वतीय प्रणाली की चुनौतियों, स्थानीय समुदायों के अनुभवों और इन प्राणिलियों पर निर्भर जनजीवन का संज्ञान लेता है। हिमालय निरंतर बढ़ते पर्यावरणीय संकटों, आपदाओं और जलवायु परिवर्तन से उत्पन्न वैश्विक संकटों का सजीव उदाहरण है।
पर्वतीय राज्यों के भावी कर्णधार युवाओं को आपदा प्रबंधन की दिशा में विशेष रूप से तैयार करने की आवश्यकता है। इस लक्ष्य को प्राप्त करने  के लिए  स्कूल-कॉलेज सुनिश्चित करना, गतिमान परियोजनाओं की निरन्तर निगरानी और मूल्यांकन की अवधारणा को अनुकूल एवं सुदृढ़ बनाना प्रमुख रूप से अनिवार्य है।
सामुदायिक भागीदारी और स्थानीय समुदायों के सम्मुख आने वाले विशिष्ट जोखिमों के बारे में उन्हें पूर्णरूपेण शिक्षित करना, और आपदाओं का सामना करने के लिए उन्हें तैयार करना आवश्यक है। पारिस्थितिकी की बेहतर समझ और सामुदायिक भागीदारी के लिए पारम्परिक ज्ञान और स्थानीय भाषा-संस्कृति का व्यापक पैमाने पर उपयोग सुनिश्चित किए जाने की आवश्यकता है। आपदा प्रतिरोधी व्यवस्था के लिए  सहयोग बढ़ाने के लिए समुदायों, स्वयं सहायता समूहों, सरकारी, गैर-सरकारी संस्थानों और अन्य हितधारकों के बीच नेटवर्क और साझेदारी की स्थापना सुनिश्चित करना आवश्यक है।
उन नीतियों और व्यवस्थाओं के पूर्णरूपेण समर्थन की आवश्यकता है जो आपदा जोखिम की दुर्बलताओं पर ध्यान केंद्रित करती हैं और समय-समय पर आपदा प्रतिरोध को सुदृढ़ बनाती हैं। राज्य में एक ऐसे अत्याधुनिक ‘आपदा प्रबन्धन संस्थान’ की स्थापना अत्यन्त आवश्यक है, जो हिमालय में आपदा जोखिम लचीलेपन के लिए अनुकूल नीतियों तथा कार्यवाहियों का इनपुट प्रदान करने पर विशेष रूप से केंद्रित हो।
आपदा के मामलों में प्रधानमंत्री मोदी के कार्यों को सराहा
राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (सेवानिवृत) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यों की प्रशंसा करते हुए कहा कि आपदा के मामलों में प्रधानमंत्री मोदी ने त्वरित गति से कार्य किए हैं, जिससे पीड़ित के दुख दर्द कम करना संभव हुआ है।
कार्यक्रम में केंद्रीय भूविज्ञान मंत्री किरण रिजिजू ने कहा कि प्राकृतिक आपदाओं के आने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सुरक्षा कवच के रूप में त्वरित उपाय समय-समय पर किए गए हैं जिसके लिए केंद्र सरकार निश्चित रूप से बधाई की पात्र है
महासम्मेलन में राज्यसभा सांसद नरेश बंसल ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि उत्तराखंड की सरकार ने राज्य में आने वाली आपदाओं का सामना जीरो ग्राउंड पर रहकर किया है, यह बहुत सराहनीय है I

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