उत्तराखण्डदेहरादून

प्रदेश में समान नागरिक संहिता विधेयक  विधान सभा से पारित होने पर मुख्यमंत्री धामी  को किया गया सम्मानित ,  कहा- UCC  पास होने के पीछे उत्तराखण्ड की जनता की ताकत

महिला सशक्तिकरण की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा यह कानून
देहरादून। मुख्यमंत्री  पुष्कर सिंह धामी का गुरूवार को सर्वे चौक स्थित आई.आर.डी.टी. सभागार में प्रदेश में समान नागरिक संहिता विधेयक विधान सभा से पारित होने पर गर्मजोशी से स्वागत के साथ सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। स्वर्णिम देवभूमि परिषद द्वारा आयोजित नागरिक अभिनंदन कार्यक्रम में बडी संख्या में बुद्धिजीवियों, जनप्रतिनिधियों एवं अन्य गणमान्य लोगों द्वारा प्रतिभाग किया गया। प्रदेश में समान नागरिक संहिता लागू किये जाने के लिये मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी के प्रयासों की सभी ने प्रशंसा की। मुख्यमंत्री ने राज्य विधान सभा में नागरिक संहिता विधेयक पास होने के पीछे उत्तराखण्ड की जनता की शक्ति बताते हुये कहा कि महिला सशक्तिकरण की दिशा में यह कानून मील का पत्थर साबित होगा। मुख्यमंत्री  धामी ने इसके लिये प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, केन्द्र सरकार तथा प्रदेश की देवतुल्य जनता का भी आभार व्यक्त किया।
मुख्यमंत्री धामी  ने कहा कि हम सौभाग्यशाली हैं कि हमारे देश का नेतृत्व आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सक्षम हाथों में है, जिनके लिए देश सर्वप्रथम है, जो इस देश को ही अपना परिवार समझते हैं और अपने परिवारजनों का सुख-दुःख ही उनका सुख-दुःख है। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने समान नागरिक संहिता पर देवभूमि की सवा करोड़ जनता से किये गए अपने वादे को निभाया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हम जनता के हैं और जनता हमारी है, यह कानून जनता के लिये  है, जनता की भलाई, समता और समानता के लिये बनाया गया है।मुख्यमंत्री धामी  ने कहा कि समान नागरिक संहिता, विवाह, भरण-पोषण, गोद लेने, उत्तराधिकार, विवाह विच्छेद जैसे मामलों में भेदभाव न करते हुए सभी को बराबरी का अधिकार देगा और जो प्रत्येक नागरिक का मौलिक अधिकार भी है। समान नागरिक संहिता समाज के विभिन्न वर्गों, विशेष रूप से माताओं-बहनों और बेटियों के साथ होने वाले भेदभाव को समाप्त करने में सहायक होगा। उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है कि महिलाओं के साथ होने वाले अत्यचारों को रोका जाए। हमारी माताओं-बहन-बेटियों के साथ होने वाले भेदभाव को समाप्त किया जाए। हमारी आधी आबादी को सच्चे अर्थों में बराबरी का दर्जा देकर हमारी मातृशक्ति को संपूर्ण न्याय दिया जाए।मुख्यमंत्री  पुष्कर  धामी ने कहा कि इस संहिता में पुरुष व महिलाओं को बराबरी का दर्जा देते हुए विवाह विच्छेद से संबंधित मामलों में विवाह विच्छेद लेने के समान कारण और समान अधिकार दिए गए हैं। समान नागरिक संहिता में महिला के दोबारा विवाह करने से संबंधित किसी भी प्रकार की रूढ़िवादी शर्तों को प्रतिबंधित किया गया है। उन्होंने कहा कि हमारे इस कदम से उन कुप्रथाओं का अंत होगा जिनसे महिलाओं के सम्मान को ठेस पहुंचाई जाती थी।
मुख्यमंत्री ने समान नागरिक संहिता में लिव इन संबंधों को स्पष्ट रूप से परिभाषित करते हुए कहा कि एक वयस्क पुरुष जो 21 वर्ष या अधिक का हो और वयस्क महिला जो 18 वर्ष या उससे अधिक की हो, वे तभी लिव इन रिलेशनशिप में रह सकेंगे, जब वो पहले से विवाहित या किसी अन्य के साथ लिव इन रिलेशनशिप में न हों और कानूनन प्रतिबंधित संबंधों की श्रेणी में न आते हों। लिव-इन में रहने वाले प्रत्येक व्यक्ति को लिव-इन में रहने हेतु केवल पंजीकरण कराना होगा जिससे भविष्य में हो सकने वाले किसी भी प्रकार के विवाद या अपराध को रोका जा सके।मुख्यमंत्री  पुष्कर धामी ने कहा कि उन्हें कई देशों में जाने का अवसर मिला। वे जहां भी गये वहां लागों का देवभूमि उत्तराखण्ड के प्रति लगाव उन्हें देखनों को मिला, जो इस महान देवभूमि की महिमा का ही परिणाम है।कार्यक्रम का संचालन कार्यक्रम के सहसंयोजक महानगर अध्यक्ष भाजपा सिद्धार्थ अग्रवाल ने किया ।
कार्यक्रम में राजपुर विधानसभा के विधायक खजान दास, अनिल गोयल ,विपिन नागलिया, रोशन धस्माना, विनय रोहिला ,राकेश ओबरॉय, पूर्व मेयर सुनील उनियाल गामा ,डॉ महेश कुडियाल, डॉ दत्ता स्वराज विद्वान, मधु भट्ट, पदम सिंह थापा, श्याम सुंदर गोयल ,बार एसोसिएशन के अध्यक्ष अनिल शर्मा, महानगर भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा की अध्यक्ष यासमीन आलम खान आदि उपस्थित थे।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button