संगज्यू-2024″ : कई कार्यक्रमों में शामिल हुए सीएम पुष्कर धामी, महिलाओं के साथ ओखली में धान कूटने के साथ ही रिंगाल की टोकरी बुनी, हाथ से बनने वाली कढ़ाई के लिए लोहे की चादर पीटी, कहा ,हमारी सरकार मातृशक्ति के उत्थान को समर्पित सरकार
स्टालों के निरीक्षण के दौरान बाल विकास विभाग के स्टाल में मुख्यमंत्री ने बच्चों के साथ केक काटकर बच्चों को केक भी खिलाया
चंपावत। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी रविवार को मातृ-शक्ति को समर्पित संगज्यू-2024″ कार्यक्रम में जनपद चंपावत के लोहाघाट पहुंचे। मुख्यमंत्री धामी ने इस दौरान के कार्यक्रमों में शिरकत की।
सीएम धामी ने पहाड़ की पारंपरिक वस्तुओं को बढ़ावा देने के उद्देश्य से महिलाओं के साथ ओखली में धान कूटने, रिंगाल की टोकरी बुनने के साथ ही लोहाघाट काली कुमाऊं की प्रसिद्ध हाथ से बनने वाली कढ़ाई व अन्य लोहे के सामान को अपने पूर्वजों की विरासत को आगे बढ़ाते आ रहे उद्यमियों की पीठ थपथपाते हुए कहा कि वे अपने आमा-बूबू के समय से ही लोहाघाट की कढ़ाईयों का प्रयोग ही नहीं करते बल्कि अपने ईष्ट मित्रों को सौगात के रूप में देते आ रहे हैं। उनका कहना था कि लोहे की कढ़ाई में भोजन बनाने से हमें प्राकृतिक रूप से आयरन मिलने लगता है, इस दौरान उन्होंने स्वयं भी लोहे की चादर पीट कर, कहा कि हमारे ये बुजुर्ग इसी प्रकार पीढ़ी दर पीढ़ी पसीना बहाकर हमें लोहे की कढ़ाई का गजब का स्वाद बनाए हुए हैं।
स्टालों के निरीक्षण के दौरान बाल विकास विभाग के स्टाल में मुख्यमंत्री ने बच्चों के साथ केक काटकर बच्चों को केक भी खिलाया। उन्होंने कहा की पहाड़ की विषम परिस्थितियों में भी पहाड़ की महिला हाड़तोड़ मेहनत कर अपनी आजीविका को सुदृढ़ बना अन्य को भी स्वरोजगार उपलब्ध करा रही हैं।मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि हमारी सरकार मातृशक्ति के उत्थान को समर्पित सरकार है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में सरकार लगातार महिलाओं के कल्याण के लिए विभिन्न कार्यक्रम आयोजित कर रही है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में यूसीसी (समान नागरिक संहिता) को पारित कर जनता से किया वादा उन्होंने पूरा किया है। उन्होंने समान नागरिक संहिता को देश एवं महिलाओं के विकास में मील का पत्थर कहा।उन्होंने कहा कि समान नागरिक संहिता किसी जाति, धर्म समुदाय के लिए न होकर पूरे राज्यवासियों के हितों के लिए है। उन्होंने कहा कि मातृ शक्ति को आगे लाने का सपना पीएम का है ।आज हमारी माताएं बहनें आगे बढ़ रही हैं।नए भारत की तस्वीर बनने में महिलाएं सबसे आगे खड़ी हैं व नेतृत्व कर रही हैं।
कार्यक्रम के दौरान लोकसभा सांसद अजय टमटा, दर्जा राज्य मंत्री गणेश भंडारी, अध्यक्ष जिला पंचायत ज्योति राय, विधायक लोहाघाट खुशाल सिंह अधिकारी, भाजपा जिलाध्यक्ष निर्मल महारा, पूर्व विधायक लोहाघाट पूरन फर्त्याल, ब्लाक प्रमुख विनीता फर्त्याल, नेहा ढेक, सुमनलता,रेखा देवी जिलाधिकारी नवनीत पांडे, पुलिस अधीक्षक अजय गणपति, मुख्य विकास अधिकारी संजय कुमार सिंह, जनपद के विभिन्न क्षेत्रों से आई महिलाएं, जनप्रतिनिधि व स्थानीय लोग व अन्य मौजूद रहे।
महिलाओं संग चूख सानकर स्वयं भी खाया व अन्य को भी खिलाया
मुख्यमंत्री धामी ने सरस्वती शिशु मंदिर में आयोजित कार्यक्रम में महिलाओं के साथ झोड़ा, चाचरी व होली गायन में प्रतिभाग कर पुरानी यादों को सांझा किया। इस दौरान उन्होंने महिलाओं संग चूख सानकर स्वयं भी खाया तथा अन्य को भी खिलाया। उन्होंने कहा कि महिला सशक्तिकरण को अधिक बल देने व महिलाओं की भूमिका को और मजबूत करने के उद्देश्य से सरकार विशेष कार्य कर रही है।
नारी शक्ति को समर्पित संगज्यू- 2024 कार्यक्रम अंतर्गत मुख्यमंत्री द्वारा महिलाओं का सम्मान किया गया। जिसमें उन्होंने 5 महिलाओं, अध्यक्ष जिला पंचायत ज्योति राय, ब्लाक प्रमुख रेखा देवी, नेहा ढेक, विनीता फर्त्याल व सुमनलता को सम्मानित किया। इस अवसर पर 4 सहकारी समितियों सचिव हरीश चंद्र की बहुउद्देशीय साधन सहकारी समिति लिमिटेड चंपावत, निर्मल चंद्र भट्ट की धरमघर समिति, डीकर चंद की बाराकोट समिति व श्याम सिंह बिष्ट की रोलमेल समिति को प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र के लाइसेंस वितरित किए गए।
वनराजी जनजाति के 14 परिवारों को भूमि पट्टे(आवास स्थल) किए प्रदान
रामलीला मैदान में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री धामी ने प्रधानमन्त्री जनमन योजना अंतर्गत जनपद की ग्राम खिरद्वारी की एक मात्र वनराजी जनजाति के 14 परिवारों को भूमि पट्टे(आवास स्थल) प्रदान किए।
अपने संबोंधन में मुख्यमंत्री ने केन्द्र और राज्य सरकार द्वारा नारी सशक्तिकरण के लिए चलायी जा रही योजनाओं, कार्यक्रमों, उपलब्धियों और प्रयासों से अवगत कराते हुए नारी शक्ति को इस पर्वतीय राज्य की रीढ़ कहा। कहा कि चाहे उत्तराखण्ड में महिलाओं के लिए सरकारी नौकरियों में 30 प्रतिशत आरक्षण देने की बात हो अथवा महिलाओं को उज्ज्वला गैस योजना के लाभ की बात हो, ऐसी योजनाओं से आज महिलाएं तेजी से आत्मनिर्भर और सशक्त होकर उत्तराखण्ड को देश के अग्रणी राज्य बनाने में अपना योगदान दे रही हैं।