संस्कृति मंत्री महाराज ने किया इंटरनेशनल थियेटर फेस्टिवल-2024 का शुभारंभ , कहा – भारत रंग महोत्सव वैश्विक एकता को बढ़ावा देने की सफल कोशिश
कहा ,कला साहित्य और संस्कृति हमारे जीवन-दर्शन का हिस्सा ,थिएटर भी इसका एक महत्वपूर्ण भाग
रामनगर। भारत भूमि में नाट्यशास्त्र भरतमुनि के समय से लोक और शास्त्र के बीच अध्ययन और प्रदर्शन का विषय रहा है। कला साहित्य और संस्कृति हमारे जीवन-दर्शन का हिस्सा है। थिएटर भी इसका एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।
यह बात प्रदेश के पर्यटन व संस्कृति मंत्री सतपाल महाराज ने गुरुवार को एनडी तिवारी ऑडिटोरियम में भारत सरकार के प्रतिष्ठित संस्थान राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय (एनएसडी) के तहत आयोजित भारत रंग महोत्सव-इंटरनेशनल थियेटर फेस्टिवल-2024 की ओपनिंग सेरेमनी के अवसर पर बतौर मुख्य अतिथि प्रतिभाग करते हुए कही। उन्होंने कहा कि थियेटर दर्शकों के सामने भावनाओं को जीवंत करने का सशक्त माध्यम है। इसके लिए अत्यधिक अभिनय कौशल और प्रशिक्षण की आवश्यकता होती है। फिल्मों के विपरीत, थिएटर में कोई रीटेक नहीं होता है।
महाराज ने कहा कि जहां तक उत्तराखण्ड की बात है तो यह देवभूमि भी अपने लोक रंग के लिए खास तौर पर जानी जाती है। उन्हें खुशी है कि भारत रंग महोत्सव के पच्चीसवें वर्ष का यह आयोजन देश के जिन चुनिंदा शहरों में हो रहा है उनमें से देवभूमि का एक स्थान यह भी है। देश के अलग-अलग शहरों में चलने वाले इस 21 दिवसीय थिएटर फेस्टिवल में 150 (एक सौ पचास) से अधिक नाटकों का प्रदर्शन, कार्यशालाएं, चर्चाएं और मास्टर क्लास का कार्यक्रम हमारे संस्कार और संस्कृति दोनों को सशक्त करेगा।
महाराज ने राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय के अधिकारियों तथा शाइनिंग स्टार स्कूल के प्रबंधकों को भारत रंग महोत्सव के सफल आयोजन के लिए अपनी बधाई देते हुए कहा कि यह रंगमंच के माध्यम से वैश्विक एकता को बढ़ावा देने, सामाजिक सद्भाव को समृद्ध करने का एक सकारात्मक प्रयास तो है ही साथ ही इसका उद्देश्य कला के माध्यम से विविध संस्कृतियों को एक साथ लाते हुए, एक साझा वैश्विक परिवार की भावना को साकार करना है। इस अवसर पर राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय के वीसी डा. भरत गुप्ता, माधवी बर्थवाल, संजय मिश्रा और प्रोफेसर रामजी बाली आदि अनेक लोग मौजूद थे।