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उत्तराखंड में पूरे उत्साह के साथ अदा की गई रमजान के पहले जुमे की नमाज , खुदा की बारगाह में अपने मुल्क और प्रदेश में अमनों अमान ,खुशहाली व तरक्की की दुआओं के लिए उठे हजारों हाथ
देहरादून। उत्तराखंड में रमजान की पहली जुमे की नमाज पूरे उत्साह के साथ अदा की गई। मस्जिदों के अंदर भारी भीड़ नजर आई।
रहमतों और बरकतों से भरे रमजान के पहले जुमे पर मौमीनों ने अल्लाह की सख्त कसौटी पर भूखे-प्यासे रहकर अकीदत और अहतराम के साथ अपना पहला रोजा रखकर नमाज अदा करने के लिए बड़ी संख्या में अलग अलग मस्जिद में पहुंचे। मुस्कान चौक सना मस्जिद के पेश इमाम मुफ्ती वासिल की इमामत में अदा की गई। इस दौरान रोजेदार मौमीन भाई सहित कई छोटे मासूम बालक भी अकीदत के साथ रोजा रख खुदा की बारगाह में सर झुकाते एवं कुरान शरीफ की तिलावत करते नजर आए। इस मौके पर देश की खुशहाली, साम्प्रदायिक सौहार्द्ध, अमनो-चैन, आपसी भाईचारा, गंगा-जमूनी तहजीब बरकरार रखने सहित गरीब, यतीम, बेरोजगार की जायज मांगों को पूरा करने को लेकर हजारों हाथ खुदा की बारगाह में दुआओं के लिए उठे। वहीं मौमीन भाईयों ने अपने गुनाहों की माफी मांगते हुए खुदा की राह पर एक और नेक बनने की दुआ की। इस अवसर पर मुफ्ती वासिल ने बताया कि माहे रमजान महीना मोहब्बत और भाईचारे का संदेश देता है। इस माह में रोजेदार तकवा को अपनाते हुए अनगिनत नेकियों के हकदार हो जाते हैं। खुदा के बंदे सदाकत और सदाअत की नेकियों को अपनाते हुए खुदा से अपने बख्शीश की दुआ करते हैं। सना मस्जिद में नमाज के दौरान बताया कि यह पाक महीना कई मायनों में खास है। खुदा ने इसी महीने में दुनिया में कुरान शरीफ को नाजिल किया और दुनिया के लोगों को इल्म और तहजीब की रोशनी दी। नमाज के बाद हजारों मौमीन भाईयों ने पहले जुमे एवं रमजान इसके बाद मौमीन भाई ने मगफिरत की दुआएं मांगी।
रहमतों और बरकतों से भरे रमजान के पहले जुमे पर मौमीनों ने अल्लाह की सख्त कसौटी पर भूखे-प्यासे रहकर अकीदत और अहतराम के साथ अपना पहला रोजा रखकर नमाज अदा करने के लिए बड़ी संख्या में अलग अलग मस्जिद में पहुंचे। मुस्कान चौक सना मस्जिद के पेश इमाम मुफ्ती वासिल की इमामत में अदा की गई। इस दौरान रोजेदार मौमीन भाई सहित कई छोटे मासूम बालक भी अकीदत के साथ रोजा रख खुदा की बारगाह में सर झुकाते एवं कुरान शरीफ की तिलावत करते नजर आए। इस मौके पर देश की खुशहाली, साम्प्रदायिक सौहार्द्ध, अमनो-चैन, आपसी भाईचारा, गंगा-जमूनी तहजीब बरकरार रखने सहित गरीब, यतीम, बेरोजगार की जायज मांगों को पूरा करने को लेकर हजारों हाथ खुदा की बारगाह में दुआओं के लिए उठे। वहीं मौमीन भाईयों ने अपने गुनाहों की माफी मांगते हुए खुदा की राह पर एक और नेक बनने की दुआ की। इस अवसर पर मुफ्ती वासिल ने बताया कि माहे रमजान महीना मोहब्बत और भाईचारे का संदेश देता है। इस माह में रोजेदार तकवा को अपनाते हुए अनगिनत नेकियों के हकदार हो जाते हैं। खुदा के बंदे सदाकत और सदाअत की नेकियों को अपनाते हुए खुदा से अपने बख्शीश की दुआ करते हैं। सना मस्जिद में नमाज के दौरान बताया कि यह पाक महीना कई मायनों में खास है। खुदा ने इसी महीने में दुनिया में कुरान शरीफ को नाजिल किया और दुनिया के लोगों को इल्म और तहजीब की रोशनी दी। नमाज के बाद हजारों मौमीन भाईयों ने पहले जुमे एवं रमजान इसके बाद मौमीन भाई ने मगफिरत की दुआएं मांगी।