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प्रदेश मीडिया प्रभारी मनवीर सिंह चौहान बोले, कांग्रेस का रुख हर आपदा में नकारात्मक, वनाग्नि पर भी कर रही राजनीति, रुख को बताया स्वाभाविक

वनाग्नि नियंत्रण की सीएम कर रहे लगातार मॉनिटरिंग, जन सहयोग से अधिकारी कर्मी भी जुटे दिन रात
कांग्रेस को वन संपदा, वन्य जीव और आम जन के हितों के लिए रचनात्मक रुख अपनाकर विपक्ष के धर्म का अनुपालन करने की जरूरत
देहरादून। भाजपा ने कहा कि राज्य के धधकते वनों की आग के मामले मे भी कांग्रेस राजनीति पर उतर गयी है और उसका यह रुख स्वाभाविक है। हर आपदा मे सवाल जवाब करने वाली कांग्रेस को वन संपदा, वन्य जीव और आम जन के हितों के लिए रचनात्मक रुख अपनाकर विपक्ष के धर्म का अनुपालन करने की जरूरत है, क्योंकि  कोरोना या बाढ़ तथा भूस्खलन जैसी आपदा मे भी वह आम जनता के साथ खड़ी नही दिखी।
पार्टी के प्रदेश मीडिया प्रभारी मनवीर सिंह चौहान ने कहा कि प्रदेश मे वनाग्नि की समस्या हर साल उत्पन्न होती है और सरकार की ओर से समय पूर्व आपदा प्रबंधन भी किया जाता रहा है और इस बार भी ऐसा किया गया है। ग्राम पंचायत स्तर पर कमेटियों का गठन और अधिकारियों की जिम्मेदारियां तय की गयी जो कि ग्रामीणों के साथ समन्वय स्थापित कर वनाग्नि पर नियंत्रण के लिए कार्य कर रही है।
वन अग्नि नियंत्रण के लिए चल रहे कार्यों का मुख्यमंत्री स्वयं लगातार मॉनिटरिंग कर समीक्षा बैठकें कर रहे हैं। व्हाट्स ऐप ग्रुप के माध्यम से पल पल से पूरा महकमा यहाँ तक कि वन मंत्री भी हर  पल की रिपोर्ट ले रहे हैं । वन अग्नि के लिए ज़िम्मेदार लोगों को नामज़द भी किया गया है  और इसे गंभीर अपराध की श्रेणी में रखा गया है। आग के नियंत्रण के लिए पूर्व में ही 3983 फ़ायर वाचर नियुक्त किए गए इसके अलावा 1200 फारेस्ट गार्ड तथा 400  वन दारोग़ाओं की भी नियुक्ति की गई।
वनाअग्नि के नियंत्रण के लिए अन्य मैंन पवार भी लगाई गई है और सेना की मदद ली जा रही है। ज़रूरत पड़ने पर और भी हेलीकॉप्टर  को लगाया जाएगा ।
चौहान ने कहा कि मुख्यमंत्री ने सभी ज़िलाधिकारियों को अलर्ट रहने तथा एक सप्ताह तक वन अग्नि  नियंत्रण में लगने के लिए कहा है । संबंधित महकमे के कर्मचारियों की छुट्टियाँ रद्द करने के निर्देश भी  दिये गए हैं।
सीएम ने वन एवं पर्यावरण के संरक्षण के लिए फसलों के अवशेष जलाने पर भी रोक लगाने सहित दीर्घकालिक योजना बनाने के लिए भी जोर दिया है। पहली बार विगत वर्ष  में वन अग्नि को आपदा घोषित किया गया है।
वन अग्नि के नियंत्रण में जन सहभागिता के सुनिश्चित करने के लिए  ग्राम स्तर पर ग्राम प्रधान की अध्यक्षता में समिति का गठन एवं 30 हज़ार रुपये ग्राम समितियों को वन अग्नि नियंत्रण के लिए मुहैया कराया गया है। अधिक अग्नि की शिकायतों वाले 441 स्थानों को चिह्नित किया गया जहां जन सहभागिता के माध्यम से ग्राम समितिया कार्य कर रही हैं । प्रत्येक फारेस्ट डिवीज़न में वन अग्नि नियंत्रण यंत्रों को ख़रीदने के लिए स्वीकृति दी गई है। ज़िला स्तर पर ज़िलाधिकारी एवं प्रदेश स्तर पर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में वन अग्नि नियंत्रण मॉनिटरिंग समिति बनाई गई है जो लगातार मॉनिटरिंग कर रहे हैं।
चौहान ने कहा कि कांग्रेस का वनाग्नि के मुद्दे पर आरोप प्रत्यारोप स्वाभाविक है, क्योंकि वह ऐसा कोरोना काल, जोशीमठ, रैनी सहित प्रदेश के कई हिस्सों मे आयी आपदा मे कांग्रेस का रुख नकारात्मक रहा। कांग्रेस खामियां गिनाती रही है, लेकिन विपक्ष के रचनात्मक सहयोग और जनता के साथ आपदा मे खड़े होने के बजाय वह हमेशा विरोध तक ही सीमित रही। उन्होंने कहा कि इस समय जन सहयोग के बिना इस लडाई को नही जीता जा सकता और राज्य के वन संसाधनों, वन्य जीवों तथा आम जन को इस आपदा की घडी मे सुरक्षित करने के लिए सरकार और सरकारी तंत्र आम जनता के साथ जुटा है। कांग्रेस को भी इस वक्त राजनीति के बजाय सहयोगात्मक रुख अपना कर विपक्ष के धर्म का पालन करना चाहिए।

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