उत्तराखण्ड

हिंदी फिल्म ”हमारे बारह” को लेकर बीकेटीसी अध्यक्ष अजेंद्र कट्टरपंथियों के निशाने पर

देहरादून। श्री बदरीनाथ – केदारनाथ मंदिर समिति (बीकेटीसी) के अध्यक्ष अजेंद्र अजय को सोशल मीडिया पर अभद्र टिप्पणियों के साथ ही जान से मारने की धमकियां दी जा रही हैं। एक समुदाय विशेष के लोगों द्वारा उनके इंस्टाग्राम पर ”सर तन से जुदा” करने जैसी धमकी दीं गयी हैं। उन्हें यह धमकियां चर्चित हिंदी फिल्म “हमारे बारह” के क्रिएटिव डायरेक्टर के रूप में दी जा रही हैं।

प्रसिद्ध अभिनेता अन्नू कपूर अभिनीत “हमारे बारह” का ट्रैलर व टीजर रिलीज होते ही यह फिल्म चर्चाओं में है। जनसंख्या वृद्धि पर आधारित इस फिल्म को समुदाय विशेष के लोगों द्वारा मुस्लिम विरोधी बताते हुए आपत्ति जताई जा रही है। सोशल मीडिया पर इस फिल्म को लेकर खासा बबाल मचा हुआ है। फिल्म में अन्नू कपूर के अलावा पद्मश्री मनोज जोशी, अश्विनी कालसेकर, पार्थ समथान, पारितोष त्रिपाठी आदि ने अभिनय किया है। फिल्म के प्रोडूयसर बीरेंद्र भगत, रवि गुप्ता, संजय नागपाल व शिव बालक सिंह हैं। फिल्म के डायरेक्टर कमल चंद्रा हैं, जबकि क्रिएटिव डायरेक्टर अजेंद्र अजय हैं।

फिल्म का ट्रैलर व टीजर रिलीज होने के बाद से ही फिल्म के कलाकारों और प्रोडक्शन टीम को लगातार धमकियां दी जा रही हैं। यहां तक कि फिल्म को प्रदर्शित करने वाले सिनेमाघरों को आग के हवाले करने तक की खुलेआम धमकियां दीं जा रहीं हैं। बीकेटीसी अध्यक्ष अजेंद्र के इंस्टाग्राम प्रोफाइल पर भी समुदाय विशेष के नामों से बनी आईडी से ना केवल अभद्र भाषा और गाली – गलौज की जा रहीं हैं, बल्कि फिल्म के रिलीज होने पर जान से हाथ धोने तक की धमिकयां दी गयी हैं।

अजेंद्र ने बताया कि कट्टरपंथियों की धमकियों के चलते फिल्म की टीम को महाराष्ट्र सरकार ने सुरक्षा प्रदान कर दी है। उनको व्यक्तिगत रूप से मिल रही धमकियों के बारे में उन्होंने उत्तराखंड सरकार को लिखित में सूचना दी है। उन्होंने यह भी बताया कि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने फिल्म के रिलीज होने और प्रदर्शन के दौरान सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए सभी राज्य सरकारों को निर्देश जारी किये हैं।

पहले यह फिल्म 7 जून को रिलीज होनी थी। मगर फिल्म रिलीज होने से पहले कानूनी दांवपेचों में उलझ गई। एक मुस्लिम संगठन द्वारा बांबे हाई कोर्ट में फिल्म पर प्रतिबंध लगाने की मांग को लेकर जनहित याचिका दाखिल की गई थी। यह कानूनी लड़ाई सुप्रीम कोर्ट तक पहुंची। सुप्रीम कोर्ट ने फिल्म पर प्रतिबंध लगाते हुए बांबे हाई कोर्ट को मेरिट के आधार पर सुनवाई करने को कहा।

अजेंद्र ने बताया कि मंगलवार को हाई कोर्ट ने लंबी सुनवाई के फिल्म को प्रदर्शित करने की अनुमति प्रदान कर दी है। फिल्म अब 21 जून को देशभर के सिनेमाघरों में रिलीज होगी। अजेंद्र ने कहा कि यह फिल्म किसी धर्म विशेष के विरुद्ध नहीं है। अपितु बढ़ती जनसंख्या पर केंद्रित है और महिलाओं को केवल बच्चा पैदा करने मशीन समझने वाली मानसिकता पर प्रहार करती है।

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