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भाजपा प्रदेश मीडिया प्रभारी मनवीर चौहान ने कहा, मन्दिर/ धाम पर ट्रस्ट या समिति बनाने के खिलाफ पूरे देश मे कार्य करेगा कानून

दिल्ली और मुंबई मे बने मंदिरों पर कांग्रेस का रवैया दोहरा मापदंड
कहा,विपक्ष को इस निर्णय का खुले मन से इसकी सराहना करनी चाहिए
देहरादून। भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी मनवीर सिंह चौहान ने कहा कि राज्य के मन्दिर और धामों पर कोई ट्रस्ट या समिति न बने इसके लिए धामी सरकार द्वारा कैबिनेट मे लाया गया प्रस्ताव स्वागत योग्य है और विपक्ष को इस निर्णय का खुले मन से इसकी सराहना करनी चाहिए।
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष के द्वारा जतायी गयी आशंका को निर्मूल बताते हुए चौहान ने कहा कि मामले मे विधिसम्मत कार्यवाही की जायेगी। उन्होंने कहा कि पौराणिक धाम अथवा मन्दिर के नाम से ट्रस्ट या समिति खोलकर दुरूपयोग नही होने दिया जायेगा। सरकार एवं मुख्यमंत्री  पुष्कर सिंह धामी की मंशा साफ है कि राज्य के पौराणिक धाम और मंदिरों के सरंक्षण के लिए हर कोशिश की जायेगी।
चौहान ने कहा कि कांग्रेस महज राजनीति के लिए केदार नाथ मन्दिर पर शोर शराबा कर रही है और उसका सनातन और श्रद्धा से कोई लेना देना नही है। कांग्रेस अन्य राज्यों मे भी ऐसे मंदिरों के निर्माण की बात कर रही है, लेकिन उसे इतनी चिंता है तो वह कांग्रेस शासित प्रदेशों में विरोध जताकर इसे रोकने की दिशा मे नैतिक साहस दिखाये।
चौहान ने कहा कि देश मे कहीं भी मंदिर बने भाजपा इसके खिलाफ नही है। मामला धामों और मंदिरों के नाम पर ट्रस्ट और समिति बनाने से हैं। जबकि कांग्रेस को मन्दिर अथवा धाम शब्द से ही नफरत है और वह ऐसा तुष्टिकरण के लिए करती रही है। हमेशा ही सनातन संस्कृति और मंदिर तथा धामों का विरोध करने वाली कांग्रेस अचानक सनातन की पैरोकार होने का दावा कर रही है। उसके इस पाखंड को जनता भली भाँति जानती है।
उन्होंने दिल्ली मे बन रहे मंदिर और मुंबई मे बने बद्रीनाथ धाम पर कांग्रेस के रवैये को दोहरा मापदंड बताया। अगर, वहां कुछ गलत था तो तत्कालीन अध्यक्ष ने शिलान्यास से दूरी क्यों बनाई और तत्कालीन सीएम ने भागेदारी क्यों की। अब पूर्व अध्यक्ष उस धाम को एक वैडिंग पॉइंट मे होने की सफाई दे रहे हैं। जबकि दिल्ली मे बन रहे मन्दिर पर ट्रस्ट स्थिति स्पष्ट कर चुकी है कि न ही कोई धाम और न ही कोई शिला वहां पर स्थापित की गयी है। कांग्रेस कितने ही दुष्प्रचार और आरोप प्रत्यारोप की राजनीति क्यों न करे उसके सनातन विरोधी स्वरूप को लेकर जनता निश्चिंत है।

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