उत्तराखंड ः भाजपा प्रदेश मीडिया प्रभारी मनवीर चौहान ने साधा निशाना , कहा – गुट विशेष की यात्रा को आम कांग्रेसी का समर्थन नही, पूरे प्रदेश से कांग्रेस के वरिष्ठ नेता, विधायक और पदाधिकारी भी बना रहे दूरी
आपदा काल मे कार्यकर्ताओं को सेवा कार्य का संदेश के बजाय यात्रा पर निकले अध्यक्ष
देहरादून। भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी मनवीर सिंह चौहान ने कहा कि केदारनाथ और सनातन के खिलाफ निकल रही कांग्रेस की यात्रा मे प्रदेश अध्यक्ष के साथ कुछ दर्जन लोग शिरकत कर रहे हैं और उन्हे जनता अथवा बड़े नेताओं का समर्थन नही है।
कांग्रेस की यात्रा से संबंधित सवाल पर चौहान ने कहा कि कांग्रेस की यह दुष्प्रचार यात्रा अब गुटीय बनकर रह गयी है। इसमें कांग्रेस के अध्यक्ष और उनके कुछ दर्जन समर्थक हैं और पूरे प्रदेश से वरिष्ठ नेता, विधायक और पदाधिकारी भी इससे दूरी बना रहे हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की हरिद्वार से केदारनाथ तक की यात्रा में यह बात पूरी तरह से साफ नजर आयी कि किसी भी बड़े चेहरे ने शिरकत नही की। वहीं गढ़वाल मे यात्रा चली लेकिन पूर्व अध्यक्ष भी यात्रा से दूर रहे।
उन्होंने कहा कि यात्रा का उद्देश्य पूरी तरह से राजनैतिक और प्रायोजित है यह पहले ही स्पष्ट हो गया था। आपदा काल मे आम जन की दिक्कतों, बादल फटने, भूस्खलन और अन्य दिक्कतों मे आम आदमी के साथ खड़ा होने के बजाय कांग्रेस अध्यक्ष को धार्मिक स्थलों के सरंक्षण कि याद आई यह आश्चर्य चकित करने वाला सवाल जरूर है। जबकि वह ऐसे वक्त पर अपने कार्यकर्ताओं को ऐसे क्षेत्रों मे जाकर लोगों के मध्य जाने और उनका हाल चाल जानने की बात करते। लेकिन वह खुद को साबित करने के लिए यात्रा पर निकल गए और अब कांग्रेसियों की दिलचस्पी महज यात्रा के समापन पर है।
उन्होंने कहा कि यात्रा निकालने के लिए जो मकसद बताया जा रहा है वह पूरा हो गया है। तीर्थ धाम और मंदिरों के नाम के दुरूपयोग न हो इसके लिए धामी सरकार कानून बना रही है और कैबिनेट मे प्रस्ताव पास हो चुका है। अब इस मामले मे दुष्प्रचार का भी कोई औचित्य नही रह गया है।
चौहान ने दावा किया कि पूर्व मे निकली कांग्रेस की यात्राओं की भाँति इस यात्रा का भी वही हश्र निश्चित है। पहले भी एक यात्रा मे समर्थन न मिलने से खीज उठे अध्यक्ष गढवाल वासियों पर बरसते हुए थूकने की बात कह चुके है। यात्रा कब शुरू और कब खत्म होती है यह वैसे भी पता नही लगता है। गुटीय राजनीति मे खुद को साबित करने के लिए जूझ रहे कांग्रेस अध्यक्ष अब केदारनाथ और सनातन को लेकर जो राजनीति कर रहे है, उससे न उनको और न ही कांग्रेस को कुछ हासिल होने वाला है। सनातन के अपमान और मंदिरों की दुर्भावना से अनादर करने वाली कांग्रेस को जनता किसी भी सूरत मे माफ करने वाली नही है।