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आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर आयोजित  सेमिनार में सीएम पुष्कर धामी एआई के लिए राज्य में बनेगा सेंटर ऑफ एक्सिलेंस,राज्य के विकास में एआई तकनीक का किया जाएगा इस्तेमाल

सीएम आवास में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर आयोजित हुआ सेमिनार
ए.आई. के सहयोग से इकोलॉजी, इकोनॉमी, टेक्नोलॉजी, अकाउंटेबिलिटी और सतत विकास में  होने वाला है महत्वपूर्ण विकास
देहरादून। राज्य में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस यानी एआई तकनीक के इस्तेमाल से विकास की विभिन्न आयामों को कैसे बेहतर तरीके से हासिल किया जा सकता है ,इसको लेकर एक सेमिनार का आयोजन किया गया। मुख्यमंत्री आवास के सभागार में आयोजित सेमिनार में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल हुए। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने राज्य में एआई मिशन को सफल बनाने के लिए सेंटर ऑफ एक्सीलेंस बनाने की घोषणा की ।
मुख्यमंत्री पुष्कर  धामी ने कहा कि ए.आई. के सहयोग से राज्य को आगे बढ़ाने के लिए सभी ने मिलकर मंथन करना है।  ए.आई. के सहयोग से इकोलॉजी, इकोनॉमी, टेक्नोलॉजी, अकाउंटेबिलिटी और सतत विकास में महत्वपूर्ण विकास होने वाला है। सभी विशेषज्ञ एवं विभिन्न दायित्व का निर्वहन कर रहे लोगों को भी ए.आई. की विशेषता हासिल करने पर कार्य करना होगा। उन्होंने कहा उत्तराखंड में साइंस टेक्नोलॉजी और इनोवेशन नीति के साथ ए.आई टेक्नोलॉजी को विकसित करने का रोड मैप तैयार किया गया है। ए.आई हमारे जीवन के हर पहलू को प्रभावित करता है।  इस अवसर पर उपाध्यक्ष अवस्थापना अनुश्रवण परिषद विश्वास डाबर, सचिव नितेश झा एवं विभिन्न विश्वविद्यालय के कुलपति मौजूद रहे।
कहा,एआई से बढ़ सकती है सफलता की संभावना
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का साइंस टेक्नोलॉजी एवं ए.आई पर विशेष ध्यान रहता है। उद्योग, चिकित्सा, कृषि, शिक्षा, स्वास्थ्य, विज्ञान, में नवाचार का प्रमुख कारण ए.आई बन रहा है। ए.आई राज्य के विकास और समृद्धि में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। धामी ने कहा कि उत्तराखंड के विकास में ए.आई का सही उपयोग करने पर इन संसाधनों का प्रयोग सर्वोत्तम तरीके से किया जा सकता है। कृषि, पर्यटन, स्वास्थ्य, शिक्षा एवं अन्य क्षेत्रों में ए.आई के उपयोग को बढ़ा कर सफलता की संभावनाओं को बढ़ाया जा सकता है।
एआई से जोड़ते हुए होगा राज्य का विकासः प्रो. दुर्गेश
महानिदेशक यूकॉस्ट प्रो. दुर्गेश पंत ने कहा कि वर्तमान समय ए.आई का समय है। उत्तराखंड, देवभूमि के साथ ही स्पिरिचुअल, साइंटिफिक  सॉल्यूशन की भूमि है। यहां अनेक  केंद्रीय संस्थान हैं । उत्तराखंड राज्य नॉलेज स्टेट के रूप में आगे बढ़ रहा है। नॉलेज स्टेट की अवधारणा से ही राज्य सशक्त और समृद्ध हो सकता है।  ए.आई. को राज्य के विकास से जोड़ते हुए कृषि, पर्यटन, गुड गवर्नेंस, लाइवलीहुड, स्वास्थ एवं अन्य क्षेत्र में कार्य करना है। आज होने वाले मंथन से प्रभावी एवं निर्णायक सुझाव सामने आंएगे।
स्कूल-कॉलेज में बेसिक शिक्षण देना जरुरीः त्यागी
आईटी विशेषज्ञ डॉ. दिनेश त्यागी ने कहा कि उत्तराखंड में आज का परिवेश अलग है। राज्य में बड़ा सकारात्मक बदलाव आया है। राज्य में ए.आई. को बढावा देने के लिए मूलभूत बुनियादी ढांचे की स्थापना की आवश्यकता है। वर्तमान समय में राज्य के प्रत्येक स्थान को हाई स्पीड इंटरनेट कनेक्टिविटी से आच्छादित करना होगा। अधिक से अधिक विद्यार्थियों को स्कूलों-कॉलेजों में ए.आई. का बेसिक शिक्षण देना आवश्यक है।
डिस्टेंस एजुकेशन बनेगी प्रभावीः प्रो. नेगी
प्रो.ओपीएस नेगी ने कहा कि ए.आई समय की जरूरत है। ए.आई. के माध्यम से इनोवेशन, टेक्नोलॉजी और क्वालिटी पर कार्य करना है।  हमने ए.आई. को अपनी शिक्षा व्यवस्था में स्थापित करना होगा, हमारा प्रयास एआई के माध्यम से डिस्टेंस एजुकेशन और प्रभावी बनाना है। इंटरनेट आइडियाज के माध्यम से शिक्षा व्यवस्था को मजबूत करने पर जोर दिया जायेगा।

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