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भाजपा प्रदेश प्रवक्ता विनोद सुयाल बोले, आपदा के समय ओछी राजनीति करने का कोई मौका नहीं छोड़ती कांग्रेस

घनसाली विधानसभा क्षेत्र में विकराल आपदा के समय कांग्रेस निकली है सैर सपाटे पार्टी पर, रचनात्मक विपक्ष के रूप में सरकार और पीड़ितों का देना चाहिए था साथ
देहरादून।उत्तराखंड में बरसात के मौसम में अनेकों आपदाएं आती है। इस वर्ष भी घनसाली विधानसभा के तोल, तीनगढ़, थाती, बूढ़ाकेदार में विकराल आपदा आई है। भाजपा प्रदेश प्रवक्ता विनोद सुयाल ने आपदा में जान ग॑वाने वाले और आपदा से ग्रस्त लोगों के प्रति अपनी संवेदनाएं व्यक्त की है। उन्होंने बताया कि उत्तराखंड का 86 प्रतिशत भूभाग पर्वतीय है। हमेशा आपदा का जोखिम बना रहता है। और उन्होंने इस संकट की घड़ी में प्रदेश सरकार द्वारा किए जा रहे कार्यों की सराहना की। उन्होंने कहा कि एक तरफ भाजपा सरकार राहत एवं बचाव के कार्यों में तेजी से कार्य कर रही है तो दूसरी ओर कांग्रेस को एक रचनात्मक विपक्ष के रूप में सरकार का और पीड़ितों का साथ देना चाहिए था इस ओर उनका किसी भी प्रकार का ध्यान नहीं है इससे यही पता चल रहा है कि कांग्रेस आपदा के समय ओछी राजनीति करने का कोई मौका नहीं छोड़ रही है।
विनोद सुयाल कहा कि कांग्रेस इस समय जिस प्रकार के सैर सपाटे पर निकली है और बड़े-बड़े होटलों में आराम फरमा रहे हैं, स्विमिंग पूल का आनंद ले रहे हैं और करोड़ों रुपए अभी तक खर्च कर चुकी है। बढ़िया यह होता कि वह घनसाली विधानसभा के लोगों पर जो आपदा आई है उसमें यह पैसा खर्च करते तो जनता के सरोकारों और मानवीय संवेदनाओं से तालमेल बैठ पाते।
भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि कांग्रेस का मकसद केवल संकीर्ण राजनीतिक हित साधना है। यह उनकी क्षुद्र राजनीति का सबसे उत्तम उदाहरण है।  विनोद सुयाल ने बताया कि चूंकि कांग्रेस का एक मात्र मकसद येन-केन प्रकारेण राज्य सत्ता को नीचा दिखाना है, इसलिए उसके नेताओं ने अभी तक किसी भी प्रकार का राहत कार्यों में सहयोग नहीं किया। उन्होंने बताया कि नर सेवा नारायण सेवा है। इससे बड़ा कोई धर्म नहीं होता है और न इससे कोई अन्य पवित्र कार्य है। कांग्रेस के नेताओं को यह बात समझ नहीं आ सकती क्योंकि वह भारतीय सांस्कृतिक मूल्यों का समय-समय पर विरोध करते आए हैं। इस मामले में कांग्रेस का कोई तोड़ नहीं। शायद उसे यह बुनियादी बात पता ही नहीं कि गहन संकट के समय राजनीतिक क्षुद्रता का परिचय देकर अपयश के अलावा और कुछ हासिल नहीं किया जा सकता।

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