भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी मनवीर चौहान ने कहा , घर मे नही मिल रही अहमियत तो दूसरों की सुध सूंघकर ले रहे हरदा
कहा,कांग्रेस के बिखराव की भनक तो लग नही पायी और अब चैंपियन बन रहे हरीश रावत
पूर्व मुख्यमंत्री का भाजपा में कुछ होने का दावा बताया हास्यास्पद
देहरादून। भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी मनवीर सिंह चौहान ने कहा कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व सीएम हरीश रावत को अपने मुख्यमंत्रित्व कार्यकाल मे कांग्रेस मे हुए बिखराव की भनक तो लग नही पायी और अब वह विरोधी भाजपा मे कुछ होने का दावा कर रहे हैं जो कि हास्यास्पद है। उन्होंने कहा कि हरदा दुखी है और उन्हें कांग्रेस मे अहमियत नही मिल रही है।
पार्टी मुख्यालय मे पत्रकारों के सवालों के जवाब में चौहान ने कहा कि हरदा का विरोधी दल में संभावित घटना का सूंघकर जायजा लेना हास्यास्पद है। उन्होंने कहा कि सांसदो, राज्य के सीएम और मंत्री पीएम और वरिष्ठ नेताओं से मिलना आम बात है। यह सुखद है कि पीएम मोदी और अन्य केंद्रीय मंत्रियों से मुलाकात सहज है। कांग्रेस अपने आला कमान की खूबियों से वाकिफ है, क्योंकि वहाँ किसी राज्य का सीएम भी वेटिंग लिस्ट मे रहता है। इसलिए उनके लिए यह आश्चर्यजनक होता है।
चौहान ने कहा कि हरदा अपनी पार्टी के कथित उज्याडु बल्द से दुखी हैं और वह अब सबको उज्याडु की श्रेणी मे रख रहे हैं। उन्होंने कहा कि हरदा कांग्रेस को अपने अनुभव का लाभ नही दिला पाए और राज्य तथा केंद्रीय स्तर पर अलग थलग पड़ गए हैं। वह ऐसे चौकाने वाले बयान से अपनी अहमियत साबित करना चाह रहे हैं। हालांकि वह जो सूंघने का दावा कर रहे हैं वह कांग्रेस की उपज है और वह उस अफवाह को आगे बढ़ाने की असफल कोशिश कर रहे हैं।
चौहान ने कहा कि भाजपा ने हाल ही मे राज्य की 5 लोक सभा सीटों पर बड़े अंतर से जीत हासिल की है। हरिद्वार मंगलोर की ऐसी सीट जहाँ पर पार्टी हमेशा तीसरे स्थान पर रही है वहाँ कुछ मतों के अंतर से हारी है। वहीं कांग्रेस महज बद्रीनाथ सीट पर इतरा रही है जो कि पहले से ही उसके पास थी।
चौहान ने कहा कि राज्य सरकार सीएम पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व मे बेहतर कार्य कर रही है और राज्य दशक का सर्वश्रेष्ठ राज्य बनने की राह पर अग्रसर है। उन्होंने कहा कि हाल ही मे केदारनाथ मे आई आपदा को कुशलता पूर्वक जिस तरह सीएम धामी ने एक सप्ताह मे ही संभाल लिया वह उनकी कार्य कुशलता को साबित करता है। वहीं कांग्रेस को इस पर भी दिक्कत है, क्योंकि उनकी राजनैतिक यात्रा आपदा की भेंट चढ़ गयी। कांग्रेस को तांक झांक के बजाय धरातल पर कार्य करने और सकारातमक विपक्ष की भूमिका का निर्वहन करने की जरूरत है।