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Uttarakhand : भाजपा प्रदेश मीडिया प्रभारी मनवीर चौहान ने कहा, आपदा को पुनर्निर्माण कार्यों से जोड़ना गलत, कांग्रेस बताये क्यों आयी 2013 की आपदा

कहा,केदारपुरी की भव्यता से कभी खुश नही रही कांग्रेस,
कांग्रेस अपने कार्यकाल मे केदारनाथ आपदा मे न बेहतर प्रबंधन नही कर पाई ,और न ही पुनर्निर्माण कार्यों पर ही कोई सोच सामने रख पायी
देहरादून । भाजपा ने केदारनाथ आपदा को पुनर्निर्माण कार्यों से जोड़ने के लिए कांग्रेस की कड़ी आलोचना की है। पार्टी ने कहा कि कांग्रेस केदारनाथ की भव्यता से कभी भी खुश नही रही।
प्रदेश मीडिया प्रभारी  मनवीर सिंह चौहान ने पलटवार किया कि कांग्रेस अपने कार्यकाल मे केदारनाथ आपदा मे न बेहतर प्रबंधन नही कर पाई और न ही पुनर्निर्माण कार्यों पर ही कोई सोच सामने रख पायी। इसलिए उसका श्री बद्री केदार धाम की बढ़ती भव्यता से नाखुश होना स्वाभाविक है। चौहान ने  सवाल किया कि यदि आज विकास वहां आपदा का कारण है तो 2013 में क्यों घाटी में विकराल आपदा आई थी ? कांग्रेसी वैज्ञानिकों एवं तकनीकी विशेषज्ञों को अब भव्य और दिव्य केदारपुरी की सच्चाई को स्वीकार करना चाहिए । साथ ही बिना तथ्यों के अनर्गल बयानबाजी कर भ्रम फैलाने से बचना चाहिए।
चौहान ने कहा कि केदार घाटी में आई आपदा से हुए नुकसान से सभी लोग दुखी हुए हैं । मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में सभी ऐजेंसियों ने शानदार काम कर लगभग 20 हजार लोगों को वहां से बचाया है। आम श्रद्धालुओं और स्थानीय लोगों के चेहरे पर आई यह मुस्कान कांग्रेस नेताओं को पच नहीं रही है । तभी सिर्फ और सिर्फ विरोध के लिए राजनीति करने के उद्देश्य से उनके नेता वहां आपदा की घटनाओं को विकास कार्यों से जोड़ रहे हैं। बेहतर होगा कि पूर्वाग्रह से ग्रस्त कांग्रेसियों को भव्य और दिव्य केदारपुरी की सच्चाई को स्वीकार करना चाहिए। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी के राज्य के प्रति विशेष लगाव से राज्य को बहुत लाभ हुआ है। केदारनाथ सहित अन्य धाम अब विश्व मानचित्र पर उभर कर आये है और पीएम मोदी के मार्गदर्शन तथा सीएम धामी के नेतृत्व मे राज्य लगातार आगे बढ़ रहा है और यही कांग्रेस की चिंता है।
कांग्रेस ने अपनी सरकार रहते कभी भी सनातन धर्म के पावन स्थलों के विकास को लेकर  नहीं किये प्रयास
प्रदेश मीडिया प्रभारी चौहान ने कहा कि कांग्रेस ने अपनी सरकार रहते कभी भी सनातन धर्म के पावन स्थलों के विकास को लेकर कोई प्रयास नहीं किये और 2013 की आपदा के बाद वहां सरकारी धन से वहां अपने प्रचार कार्यक्रम आयोजित किए। कांग्रेस ने केदार धाम का नया मार्ग खोजने के नाम पर लाखों रुपए की बंदर बांट की तो अब उनका पीएम मोदी के मार्गदर्शन और सीएम धामी के नेतृत्व में इन धामों का हो रहे कायाकल्प से नाखुश होना स्वाभाविक है। वह नहीं चाहते है कि श्री केदार धाम में विकास के कार्य हों ताकि देवभूमि का मान सम्मान दुनिया में बड़े और स्थानीय लोगों की आर्थिकी में वृद्धि हो ।

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