उत्तराखंड में साइबर अटैक को लेकर एसआईटी गठित, पुलिस महानिरीक्षक लॉ एंड ऑर्डर ने कई अन्य बातों को रखा सामने
प्रेस वार्ता कर बताया ,उत्तराखंड साइबर अटैक का सच, गुत्थी सुलझाने में जुटी है पुलिस
देहरादून। उत्तराखंड में हुए साइबर अटैक को लेकर आईजी कानून व्यवस्था नीलेश आनंद भरणे ने बताया कि मामले की जांच के लिए डीएसपी साइबर की अगुवाई में एसआईटी का गठन किया गया है।
पुलिस महानिरीक्षक, अपराध एवं कानून व्यवस्था, उत्तराखंड नीलेश आनंद भरणे एवं सेंथिल अब्दई कृष्ण राज. एस, पुलिस उप महानिरीक्षक एस.टी.एफ. ने प्रदेश में हुए साइबर अटैक के सम्बन्ध में कोर्ट रोड स्थित सरदार पटेल भवन में पत्रकारों से वार्ता करते हुए बताया कि 2 अक्टूबर 2024 को समय पौने तीन बजे से तीन बजकर 55 मिनट लगभग के मध्य सीसीटीएनएस कार्यालय में थाने द्वारा प्रेषित सीसीटीएनएस प्रोजेक्ट से सम्बन्धित शिकायतों का निस्तारण टेक्निकल टीम की और से किया जा रहा था । इस समय पर सीसीटीएनएस प्रोजेक्ट ने काम करना बन्द कर दिया। अन्य सिस्टम पर जांच की गई तो कोई भी सिस्टम काम नहीं कर रहा था जिस सम्बन्ध में आईटीडीए से जानकारी की गई तो आईटीडीए के सर्वर पर हैकिंग सम्बन्धी मैसेज (नोट पैड) में सर्वर के प्रत्येक फोल्डर में प्रदर्शित हो रहा था, जिसमें यह कार्य करने वाले व्यक्ति के द्वारा सम्पर्क करने के लिये मेल आई-डी दी गई व भुगतान के बाद डाटा सुरक्षित उपलब्ध कराये जाने से सम्बन्धित मैसेज अंकित किया है, जिसमें बिना अनुमति के एक्सेस कर कुछ बदलाव किए गए हैं। इस पर साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन में मुकदमा दर्ज किया गया। मौके की सूचना मिलते ही पुलिस विभाग के सीआईएसओ पुलिस उप महानिरीक्षक सेंथिल अब्दई कृष्ण राज. एस ने मामले की गम्भीरता को देखते हुये वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एसटीएफ को दिशा निर्देश दिये। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एसटीएफ उत्तराखण्ड नवनीत सिंह ने एक स्पेशल टीम का गठन किया । गठित टीम ने त्वरित कार्यवाही करते हुये मौके पर जाकर विधिक कार्यवाही अमल में लायी । एसटीएफ की साइबर थाने की टीम द्वारा मौके की गम्भीरता को देखते हुये जहाँ एक तरफ आईटीडीए के कर्मचारियों को अपने कार्य एवं सभी आईटी प्रणाली को पुनः सुचारू रुप से संचालित करने के लिए सहयोग दिया गया। वहीं अभियोग में साक्ष्य एकत्रित करने की कार्यवाही को बारीकी से प्रारंभ किया गया। पुलिस टीम द्वारा मौके से विभिन्न डिजिटल लॉग, साक्ष्य संरक्षित करने की प्रणाली एवं वायरस की फाईल को सफलता पूर्वक रिकवर कर लिया गया है ।साथ ही प्रांरभिक विश्लेषण में वायरस आने का तकनीकी कारण भी जांच में शामिल किया जा रहा है। पुलिस टीम द्वारा जो तकनीकी उपकरण की वर्चुअल मशीन है ,उसकी फॉरेन्सिक विश्लेषण को कॉपी भेजी जायेगी एवं आईटीडीए के साइबर विश्लेषकों के साथ वर्तमान साइबर ढाँचे को सफलता पूर्वक सुदृढ कर लिया गया है। एसटीएफ की विशेष टीम द्वारा आईटीडीए के कर्मियों के साथ निरंतर समन्वय स्थापित कर इस प्रकरण में हो सकने वाली हानि को रोक दिया गया है। भविष्य के लिये इस प्रकार के वायरस के आने के कारण को ढूँढ कर सूचना प्रौघौगिकी प्रणाली को बेहतर करने में सहायता मिलेगी। मामले की जटिलता को देखते हुये भारत की विभिन्न केन्द्रीय एजेंसी 14सी गृह मंत्रालय, एनआईए, सीईआरटी, एनसीआईआईपीसी आदि से समन्वय स्थापित कर उनकी टीम भी सहयोग के लिए मौके पर पहुँची है। सीसीटीएनएस प्रोजेक्ट पर साइबर अटैक के मामले की जांच के लिए केन्द्र गृह मंत्रालय ने एनआईए की टीम को दून भेजा है ,जिसने अपनी जांच शुरू कर दी है।
डाटा सेंटर की सभी मिशन को तीन बार स्कैन किया गया है। 1400 मिशन चल रहे हैं।साथ ही अलग-अलग टूल के माध्यम से इसकी स्कैनिंग की गई है।