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केदारनाथ उपचुनाव : सीएम पुष्कर धामी के एक बयान ने डाली जीत की नींव, क्षेत्र की जनता ने दिखाया पूरा भरोसा

उपचुनाव में सीएम धामी की ताबड़तोड़ जनसभाएं, 5 मंत्रियों का लगातार क्षेत्र में डटे रहना, क्षेत्र को कई सौगातें देकर बनाई खास रणनीति,
केदारघाटी में आई आपदा में सफल रेस्क्यू से बढ़ा लोगों का सरकार के प्रति बढा यकीन, संगठन स्तर पर भाजपा कार्यकर्ता सीधे लोगों तक पहुंचे
एस.आलम अंसारी
देहरादून: उत्तराखंड में हॉट सीट बनी केदारनाथ विधानसभा  उपचुनाव में भाजपा ने जीत हासिल की है। भाजपा प्रत्याशी आशा नौटियाल ने 5,622 वोटों से जीत हासिल की है। आशा नौटियाल की इस जीत में संगठन स्तर पर भाजपा की बनाई गई खास रणनीति ने उपचुनाव को पूरी तरह मोड़ने का काम किया। सीएम पुष्कर धामी की जनसभाएं और विधानसभा के पांच मंडलों में कैबिनेट मंत्रियों  का तूफानी प्रचार और जनसंपर्क पार्टी प्रत्याशी आशा नौटियाल की जीत में सबसे बड़े फैक्टर साबित हुए। ज्ञात हो कि इसी साल 9 जुलाई को देहरादून में केदारनाथ विधायक शैलारानी रावत का निधन हो गया था। उसके बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के उस बयान ने केदारनाथ के लोगों को सीधे तौर से प्रभावित किया, जब उन्होंने कहा था कि ‘जब तक केदारनाथ के लोगों को नया विधायक नहीं मिल जाता है, तब तक मैं केदारनाथ विधानसभा के लोगों का विधायक हूं। कहा जा रहा है कि इससे लोग बहुत ज्यादा प्रभावित हुए। दरअसल, केदारनाथ विधानसभा सीट पर विधायक शैलारानी रावत के निधन के बाद से ही कांग्रेस इस उम्मीद को पाल रही थी कि जिस तरह से मंगलौर और बदरीनाथ विधानसभा सीट में उन्हें जीत हासिल हुई है, उसी को आगे बढ़ाते हुए केदारनाथ विधानसभा सीट पर भी कब्जा कर लेंगे। लेकिन मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने केदारनाथ विधानसभा में विधायक के निधन के बाद से पूरी कमान और जिम्मेदारी संभाली। कई घोषणाएं केदारनाथ के लिए की। साथ ही प्रचार प्रसार का जिम्मा भी संभाला।
इसी साल जुलाई महीने के आखिर में केदारनाथ घाटी में आपदा आई।जिसने 2013 के केदारनाथ आपदा की यादें ताजा कर दी, लेकिन इस बार सरकार ने तत्काल तत्परता दिखाते हुए आपदा प्रबंधन के काम को बखूबी निभाया।बिना रुके रेस्क्यू अभियान को चलाया। महज एक हफ्ते के भीतर 16 हजार से ज्यादा तीर्थ यात्रियों और स्थानीय लोगों का रेस्क्यू किया। केदारघाटी में तहस-नहस हुई सड़कों और मार्गों को सुचारू किया गया,जिसके बाद एक महीने के भीतर यात्रा भी शुरू कर दी।
ऐसा पहली बार हुआ, जब इतनी बड़ी आपदा आने के बावजूद भी इतना कम नुकसान हुआ। कहीं न कहीं इससे केदारनाथ विधानसभा के लोगों में सरकार के प्रति भरोसा बढ़ा।अब तक जो कांग्रेस केदारनाथ धाम को लेकर सरकार पर सवाल खड़े कर रही थी,कहीं न कहीं सरकार ने अपने कामों के जरिए उनका उत्तर दिया। जिसका असर केदारनाथ उपचुनाव में देखने को मिला।

संगठन स्तर पर खास रणनीति के तहत किया काम
देहरादून। केदारनाथ विधानसभा में भाजपा ने 173 बूथ, 47 शक्ति केंद्र और 4 मंडलों में अपने संगठन  की मदद से जनता के बीच में जाकर तमाम समस्याओं की जानकारी ली। उसके बाद पार्टी की कई टीम ने इन तमाम समस्याओं का विश्लेषण किया। किस समस्या को प्राथमिकता देनी है? किस पर किस तरह से कम करना है? इसको लेकर रिपोर्ट तैयार की गई, जिसे सरकार को सौंपा गया। इसके बाद शासन में मौजूद तमाम वरिष्ठ अधिकारियों ने इस रिपोर्ट का अध्ययन किया और इन तमाम बिंदुओं पर होमवर्क किया।होमवर्क होने के बाद मुख्यमंत्री धामी ने केदारनाथ विधानसभा में चुनाव से ठीक पहले साढ़े 500 करोड़ की 39 योजनाओं की घोषणाएं कर दी।
केवल इन योजनाओं की सिर्फ घोषणाएं ही नहीं की, बल्कि वित्तीय स्वीकृति भी दी।  केदारनाथ की ऐसी तमाम समस्याएं, जो सालों से लटकी हुई थी, उनका उपचुनाव की वजह से निदान हो गया।

सीएम धामी  की 5 जन सभाओं ने बदला माहौल
भाजपा ने केदारनाथ विधानसभा उपचुनाव में लोगों के मन पर अपना असर डालने के लिए जहां एक तरफ सरकार ने जनहित मुद्दों को देखते हुए तमाम घोषणाएं की। जहां लोगों की समस्याओं का निदान कर उनका भरोसा जीता तो, वहीं उपचुनाव के लिए फाइनल राउंड में अपने पक्ष में माहौल बनाने के लिए भाजपा ने मुख्यमंत्री पुष्कर धामी सहित अपने तमाम जनप्रतिनिधियों को झोंक दिया। सीएम धामी ने 6 अक्टूबर को आचार संहिता लगने से पहले अगस्त्यमुनि, 12 नवंबर को चंद्रापुरी, 16 नवंबर को चोपता और चंदननगर, फिर आखिरी रैली 18 नवंबर को गुप्तकाशी में की।
केदारनाथ उपचुनाव को लेकर सीएम धामी ने आखिरी रैली 18 नवंबर को गुप्तकाशी में की थी, जहां पर जनसैलाब भाजपा के पक्ष में नजर आया। मुख्यमंत्री की जनसभाओं से केदारनाथ विधानसभा में माहौल पूरी तरह बदल गया।

विधानसभा के 5 मंडलों में डटे रहे मंत्री
केदारनाथ विधानसभा के पांच मंडलों में कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी, रेखा आर्य, डॉ प्रेमचंद अग्रवाल,
सौरभ बहुगुणा, सतपाल महाराज व डॉ धन सिंह रावत व सुबोध उनियाल  ने भाजपा के लिए जमकर काम किया। कैबिनेट मंत्री जोशी और रेखा आर्य ने कई दिन तक कैंप कर पार्टी प्रत्याशी आशा नौटियाल के लिए तूफानी प्रचार किया।

उपचुनाव में किस प्रत्याशी को कितने वोट मिले
भाजपा प्रत्याशी आशा नौटियाल को 22,814 वोट मिले, जबकि, उनके प्रतिद्वंदी कांग्रेस प्रत्याशी मनोज रावत को 18,192 वोट पड़े। तीसरे नंबर पर निर्दलीय प्रत्याशी त्रिभुवन सिंह चौहान को 9,311 वोट मिले। इसके अलावा यूकेडी के प्रत्याशी आशुतोष भंडारी को 1,314 वोट पड़े। पीपीआई (डी) के प्रत्याशी प्रदीप रोशन को 483 तो निर्दलीय प्रत्याशी आरपी सिंह को 493 वोट पड़े। उपचुनाव में 834 वोटरों ने नोटा का बटन दबाया। इस तरह से भाजपा ने जीत हासिल की। भाजपा ने केदारनाथ उपचुनाव में यह जीत एक खास रणनीति के तहत हासिल की।

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