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विमानन कंपनी गो फर्स्ट को अपनी संपत्ति बेचकर चुकाना होगा कर्ज, एनसीएलटी ने दिया आदेश

वित्तीय संकट में फंसी विमानन कंपनी गो फर्स्ट

गो फर्स्ट के 54 विमानों का पंजीकरण किया रद्द

एनसीएलटी ने परिसमापन का दिया आदेश 

नई दिल्ली। वित्तीय संकट में फंसी विमानन कंपनी गो फर्स्ट अब उड़ान नहीं भर सकेगी। राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) ने सोमवार को 17 साल तक करोड़ों लोगों को हवाई सफर कराने वाली गो फर्स्ट के परिसमापन का आदेश दिया है। इसका मतलब है कि कंपनी को अपनी संपत्तियां बेचकर कर्ज चुकाना होगा। वित्तीय समस्याओं के कारण विमानन कंपनी ने मई, 2023 में स्वैच्छिक रूप से दिवालिया समाधान प्रक्रिया के लिए आवेदन किया था। गो फर्स्ट का परिचालन तीन मई, 2023 यानी करीब दो साल से बंद है।एनसीएलटी ने 15 पन्नों के आदेश में कहा, वह कंपनी गो एयरलाइंस (इंडिया) लि. के परिसमापन का आदेश दे रहा है।

अब कर्जदाताओं की समिति (सीओसी) को अपने गठन के बाद और समाधान योजना की पुष्टि से पहले किसी भी समय गो फर्स्ट के परिसमापन का निर्णय लेने का अधिकार है। एनसीएलटी ने कहा, कॉरपोरेट देनदार के परिसमापन के प्रस्ताव को सीओसी ने 100 फीसदी वोटिंग के साथ मंजूरी दी थी। इसलिए, सीओसी के वाणिज्यिक विवेक में हस्तक्षेप करने की कोई योग्यता नहीं दिखती है। इससे दो महीने पहले सुप्रीम कोर्ट ने 7 नवंबर, 2024 को दिवालिया कार्यवाही मामले में बड़ा फैसला देते सुनाते हुए जेट एयरवेज के परिसमापन का आदेश दिया था। जेट एयरवेज ने आखिरी बार अप्रैल, 2019 में उड़ान भरी थी।

एनसीएलटी ने दिनकर तिरुवनंदपुरम वेंकटसुब्रमण्यम को परिसमापक (लिक्विडेटर) नियुक्त किया है, जिन्हें कॉरपोरेट देनदार के वित्तीय मामलों की जांच जारी रखने के लिए कहा गया है। आदेश के मुताबिक, परिसमापक को परिसमापन प्रक्रिया के दौरान उनके निपटान के लिए लंबित आवेदनों का भी पालन करना होगा। परिसमापन को 75 दिन के भीतर एनसीएलटी को एक प्रारंभिक रिपोर्ट देनी होगी।

दिवालिया समाधान प्रक्रिया के दौरान कम-से-कम दो बोलीदाता स्पाइसजेट के प्रमुख अजय सिंह के साथ बिजी बी एयरवेज और शारजाह स्थित विमानन कंपनी स्काई वन सामने आए थे। यात्रा पोर्टल ईजमाईट्रिप के सह-संस्थापक निशांत पिट्टी बिजी बी एयरवेज में बहुलांश शेयरधारक हैं। हालांकि, कर्ज समाधान प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ पाई थी। इसके बाद एनसीएलटी ने गो फर्स्ट के परिसमापन का आदेश दिया है। दिवालिया प्रक्रिया के दौरान नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने गो फर्स्ट के 54 विमानों का पंजीकरण भी रद्द कर दिया। विमानन कंपनी ने 2005-06 में मुंबई से अहमदाबाद के लिए पहली उड़ान के साथ घरेलू परिचालन शुरू किया था। 2018-19 में अंतरराष्ट्रीय उड़ान शुरू की थी।

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