उत्तराखंड विधानसभा का बजट सत्र: नेता प्रतिपक्ष आर्य ने कहा 1671 स्कूल बंद, सरकार बोली- कोई स्कूल नही किया बंद

आयोग से नहीं सुविधाओं से रूकेगा पलायनः प्रीतम सिंह
सरकार शिक्षा के अवसर मुहैया कराने में नाकाम
देहरादून। विधानसभा बजट सत्र के दौरान शनिवार को नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने प्रदेश में पलायन के चलते बंद हो रहे स्कूलों का मुद्दा उठाया, हालांकि शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने अपने उत्तर भाषण में दावा किया कि सरकार ने कोई भी स्कूल बंद नही किया है, जहा छात्र संख्या शून्य हो गई है, वहा क्या किया जाए।
नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने नियम 58 के तहत प्रदेश में शिक्षा की दशा और दिशा पर सवाल खड़े किये। उन्होने कहा कि गावं के गावं खाली हो रहें है। उन्होने कहा कि प्रधानाचार्य के 1909 पद खाली है, उपप्रधानाचार्य के 910 में से मात्र 109 ही भरे गये है। सहायक अध्यापकों के 17 हजार में से 3 हजार पद रिक्त चल रहे है। प्रदेश में 1671 स्कूल बंद हो गये है। सबसे अधिक स्कूल पौडी में 315, चंपावत में 55, देहरादून में 124, नैनीताल में 22 व उत्तरकाशी में 122 स्कूल बंद है। उन्होने स्कूलों में पेयजल, बिजली, पुस्तकालयों की कमी और आरटीई में हो रही धंधली का मामला उठाया।
वहीं, चकराता विधायक प्रीतम सिंह ने कहा कि सरकार शिक्षा के अवसर मुहैया कराने में नाकाम हैं, कही शिक्षक नहीं, कही भवन नहीं, कही शौचायल नहीं, हर अभिभावक चाहता हैं कि बच्चों को अंग्रेजी भाषा का भी ज्ञान हो। सरकार कब नींद से जागेगी।
उन्होने कहा कि 8 हजार करोड़ के बजट में शिक्षा शून्य हैं। अब तो यह कहदेंगे की देश ही आज ही आजाद हुआ। चकराता में 50 एएनएम आज भेजी हैं, जो पहले से खाली चली आ रही थी। 801 प्रवक्ता के 3055 सहायक एलटी के पद खाली हैं। उन्होने कहा कि पलायन आयोग से नहीं सुविधाओं से पलायन रुकेगा।
भुवन कापड़ी ने कहा कि शिक्षा मानव के लिए बहुत जरूरी हैं, खटीमा में 13 प्रवक्ता के पद खाली हैं, 11 हाई स्कूल में से 10 बिना प्रधानाचार्य के चल रहें हैं। स्कूलों के भवन खराब हैं, शिक्षा की मजबूती से ही देश मजबूत होगा। उन्होने कहा कि पशु को गोशाला में रखने के लिए 20 रूपये प्रतिदिन का खर्च दिया जा रहा हैं, मगर स्कूलों में बच्चों को 7 रुपए प्रतिदिन दिया जाना बड़ा गंभीर हैं।
तिलक राज बीहड़ ने कहा कि स्कूलों का उच्चीकरण नहीं हो पा रहा हैं। ममता राकेश ने कहा कि विद्यालय शिक्षा के मंदिर हैं, अटल उत्कर्ष विद्यालयों का परिणाम गिरा हैं। उन्हाने नैतिक शिक्षा पढ़ाए जाने की मांग की। कहा कि चरित्र की शिक्षा स्कूलों में होना चाहिए। स्मार्ट क्लास में प्लास्टर तक नहीं हैं। उन्होने सिकरौढ़ा, हकीमपुर, हलूमजरा रामपुर व अलावलपुर की समस्या उठाई।
उन्हाने स्कूलों में बच्चों से सफाई कराने का भी विरोध किया। इसके बाद स्पीकर ने कहा कि नैतिकता की शिक्षा जरूर दी जाए।
विधायक गोपाल राणा ने कहा कि थारू को जनजाति घोषित किया गया था। उनके लिए कोई सुविधा नहीं हैं। तहसील नानकमत्ता में तिवारी सरकार में 4 इंटर कालेज व 7 स्कूल खोले गए, मगर अब एक भी स्कूल नहीं खोला गया हैं। गोविंदपुर व इस्लाम नगर में 1 हजार बच्चे हैं, स्कूल का उच्चीकरण किया जाय। विक्रम सिंह नेगी ने राजीव गांधी स्कूल का निर्माण कराने की मांग की। रवि बहादुर ने कहा कि खेड़ी
शिखोपुर में उच्चीकरण नहीं होने के कारण बच्चे यूपी जाने को मजबूर हैं। वीरेंद्र कुमार ने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में कुछ करने की इच्छा थी, मगर 3 साल में शिक्षकों की नियुक्ति ही नहीं करा सके। उन्हाने फीस निर्धारण नीति लाने की बात की, जिसे सरकार लाने पर अभी विचार नहीं कर रही। उन्हाने निजी स्कूलों को मानकों के विपरीत मान्यता दिये जाने का भी मामला उठाया। लखपत बुटोला ने कहा कि गेस्ट टीचरों के हस्तांतरण से शिक्षा प्रभावित हो रही हैं। हरीश सिंह धामी ने कहा कि हमारी सरकार में ही गेस्ट टीचरों की नियुक्ति शुरू हुई थी। मेथ और साइंस के टीचर नहीं हैं। बालिका कालेज में शिक्षक नहीं हैं। 15 किमी दूर जाना पड़ रहा हैं। पलायन आयोग का बजट शिक्षा को दिया जाना चाहिए। स्वास्थ्य और शिक्षा से ही पलायन रुकेगा। उच्च शिक्षा के नाम पर पलायन हो रहा हैं। स्कूलों में खेलो के मैदान नहीं हैं। खेल मैदान में हेलीपैड बनाया गया हैं। प्रभारी प्रधानाचार्य शिक्षण कार्य नहीं कर रहें हैं।
शिक्षा मंत्री ने विस्तार से दिया जवाब,सरकार एक भी स्कूल बंद नहीं कर रही, जब बच्चे ही न हों तो विभाग क्या करे
देहरादून। शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने विपक्ष के विधायकों की और से उठाए गये सवालों का विस्तार से जवाब देते हुए कहा कि प्रदेश में 11333 प्राथमिक, 910 हाईस्कूल, 1385 राजकीय इंटर कालेज हैं। प्राथिमिक उच्च विधालयों में 20823 के सापेक्ष 18714शिक्षक कार्यरत है।
रिक्त 2900 पदों पर नियुक्तियां चल रही हैं। 1900 ने ज्वाइन कर लिया हैं। प्राथमिक स्कूलों में हेटमास्टर के 5336 पद हैं जिनमें से 4840 कार्यरत हैं। सहायक अधयापकों में 7231 में से 6623 पदों पर कार्यरत है। उच्च प्राथमिक विधालयों में 904 पद के सापेक्ष 729 कार्यरत हैं।
एलटी के 17708 में से 14405 पदों पर शिक्षक कार्यरत है। 1175 पदों गेस्ट टिचर नियुक्त हैं। प्रवक्ता में 11516 में से 7771 कार्यरत है। 4774 खाली पदों में से 3316 गेस्ट टिचर कार्यरत है। जब की सहायक अधयापकों में 6250 की नियुक्तियां कर दी हैं। हरीश धामी को जवाब देते हुए कहा कि 150 से अधिक शिक्षक धारचूला भेजे गए हैं। सरकार एक भी स्कूल बंद नहीं कर रही। जब बच्चे ही नहीं हैं तो विभाग क्या करे। अगर एक भी बच्चा होगा तो शिक्षक भी देंगे, किताबें दे रहें हैं, अपुदन प्राप्त स्कूलों को भी किताबें दे रहें हैं। 8 वीं पास बालिकाओं को साइकिल दे रहें हैं, भोजन दे रहें हैं। 10 लाख कॉपियां फ्री देंगे। फर्नीचर की कोई कमी नहीं हैं। सभी स्कूलों को 100 फीसदी फर्नीचर, किताबें, शौचालय, पानी, बिजली दे रहे हैं, भवन दे रहें हैं। 17 हजार स्कूल हैं, 3 हजार की रजिस्ट्री नहीं हैं। उन्होने कहा कि जल्द ही 1544 एलटी वाले शिक्षक मिल सकेंगे। 5 साल सबको पहाड़ में नौकरी करनी होगी, किसी विधायक की सिफारिश नहीं मानी जाएगी।
613 लेक्चरर लोकसेवा आयोग को भेजे गए हैं। प्रधानाचार्य की परेशानी हैं, भर्ती करना चाहते थे, मगर 58 विधायकों की मांग पर रोकनी पड़ी। एक हफ्ते में प्रमोशन कर देंगे, मगर मामला कोर्ट में हैं। हमारे हाथ बंधे हुए हैं। हाईस्कूल कम हैं और इंटर ज्यादा हैं। डॉ. धन सिंह रावत ने कहा कि जहा मानक पूरे होंगे उनका उच्चीकराण किया जाएगा। वही 2500 फोर्थ क्लास के कर्मी भर्ती करने जा रहें है। सभी प्रदेश के होंगे, ब्लॉक स्तर पर भर्ती होगी। हर खंड में अधिकारी की तैनाती की जाएगी। सभी टीचरों को बायोमीट्रिक हजारी लगानी होगी। शिकायत मुझे दीजिए। कार्यवाही होगी। हमारी विरासत किताब शुरु की जा रही हैं। उत्तराखंड का इतिहास पढ़ाया जाएगा।