दो दिवसीय कुरान प्रदर्शनी का आगाज:मुख्य अतिथि महाराष्ट्र के पूर्व राज्यपाल और उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री कोश्यारी ने कहा – पवित्र कुरान देता है शांति व सद्भाव का संदेश

कुरान सिखाता है देश के प्रति प्रेम और वफादारी: बंसल
21वीं प्रदर्शनी ‘पवित्र कुरान सुलेख कला के आईने में’ पहले दिन हजारों लोग पहुंचे
दुनिया की 108 भाषाओं के कुरान व कुरानिक एआई केंद्र रहा आकर्षण का केंद्र
देहरादून। पवित्र रमज़ान माह में लगने वाली दो दिवसीय कुरान प्रदर्शनी का शनिवार को आगाज हो गया है, प्रदर्शनी का मुख्य आकर्षण विश्व की सबसे बड़ी पवित्र कुरान एक हजार चार सौ अस्सी फीट गुणा दो फीट 1487 गुणा 2 आकार और 12 गुणा 24 फीट और प्रदर्शनी का कुरानिक एआई केंद्र था।
तस्मिया ऑडिटोरियम टर्नर रोड में आयोजित की जा रही 21वीं प्रदर्शनी ‘पवित्र कुरान सुलेख कला के आईने में’ का उद्घाटन मुख्य अतिथि महाराष्ट्र और गोवा के पूर्व राज्यपाल और उत्तराखंड के पूर्व सीएम भगत सिंह कोश्यारी ने किया।
कार्यक्रम की शुरुआत कारी शमशाद ने पवित्र कुरान के पाठ की, हम्द फर्रुख अहमद ने प्रभावशाली आवाज में प्रस्तुत किया, जिसका अर्थ था कि सर्वशक्तिमान सभी के लिए एक है।
डॉ. एस फारूक ने अतिथियों का स्वागत किया और कहा कि कुरान शांति और सद्भाव का संदेश देता है। उन्होंने बताया कि प्रदर्शनी सभी के लिए दरवाजे खोलती है।
भगत सिंह कोश्यारी ने डॉ. फारूक के प्रयासों की सराहना की और कहा कि उत्तराखंड के लोग भाग्यशाली हैं कि उन्हें ऐसी भव्य प्रदर्शनी देखने को मिली। उन्होंने कहा कि यह प्रदर्शनी एक अंतरराष्ट्रीय आयोजन है और यह पूरे विश्व में सद्भाव का संदेश फैलाएगा। राज्य सभा सांसद नरेश बंसल ने कहा कि सबका मालिक एक है, अल्लाह एक है और वह हम सभी पर कृपा करता है। कुरान देश के प्रति प्रेम और वफादारी सिखाता है।
इस अवसर पर डीएस मान, ब्रिगेडियर केजी बहल, डॉ. आर, के बक्शी, अनामिका जिंदल, आयुष आर्य, प्रदीप वर्मा, डॉ. सैयद फैसल, सैयद मोहम्मद यासर, सैयद फारुख अहमद, इमरान हुसैन, सैयद मुनीर अहमद, जहांगीर अहमद, काजी शहर मौलाना मौहम्मद अहमद कासमी, मुफ्ती सलीम अहमद कासमी, मुफ्ती वसीउल्लाह, मौलाना आर.ए. हक्कानी, मुफ्ती जिया आदि मौजूद रहे। इस अवसर पर डॉ. दलजीत कौर ने भी हम्द पढ़ा और विश्व महिला दिवस के अवसर पर उन्हें सम्मानित किया गया।
दुनिया की सबसे बड़ी कुरान के हो रहे दीदार
प्रदर्शनी में पैगंबर मोहम्मद (स.अ.व.) के तीसरे खलीफा हजरत उस्मान गनी की और से प्रकाशित कराई गई प्रथम कुरान मौजूद है, इसके अलावा 1907 में लुधियाना, भारत में मुद्रित सात रंगों वाली पवित्र कुरान को प्रदर्शनी में प्रमुख स्थान दिया गया है। प्रदर्शनी का मुख्य आकर्षण विश्व की सबसे बड़ी पवित्र कुरान एक हजार चार सौ अस्सी फीट गुणा दो फीट और 12 बाई 24 फीट और प्रदर्शनी का कुरानिक एआई केंद्र था। यहा दुनिया की 108 भाषाओं में कुरान का अनुवाद है। इन अनुवादों के साथ ब्रेल और सांकेतिक भाषा में लिखी गई एक प्रति भी प्रदर्शित की गई है। कुरान का पाठ लॉकेट और पॉकेट कुरान में भी प्रदर्शित किया गया है। 1.75 ग्राम से लेकर 2500 किलोग्राम तक वजन वाली कुरान की प्रतियां, बोलने वाली कलम वाली पवित्र कुरान, खुशबू वाली पवित्र कुरान हैं। प्रदर्शित प्रतियों में प्राचीन पांडुलिपियों से लेकर डिजिटल प्रारूप तक शामिल हैं।