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रहें जागरूक और सावधान : मैक्स अस्पताल देहरादून की महिला रोग विशेषज्ञ डॉ. ज्योति रैना ने कहा- महिलाओं में एंडोमेट्रियोसिस एक जटिल समस्या ,  दुनिया भर में लाखों महिलाएं होती हैं प्रभावित

लक्षणों और इमेजिंग तकनीकों के आधार पर किया जाता है उपचार 

 एस. आलम अंसारी 
देहरादून।मैक्स अस्पताल देहरादून की एसोसिएट डायरेक्टर ऑबसटेटरिकस एवं गायनेकोलॉजी, रोबोटिक एवं लेप्रोस्कॉपिक सर्जरी, गाइनेकोलॉजिक ऑंकोलॉजी
डॉ. ज्योति रैना ने कहा कि महिलाओं में एंडोमेट्रियोसिस एक जटिल और दर्दनाक  समस्या है, जिससे दुनियाभर में लाखों महिलाएं प्रभावित होती हैं। यह एक क्रोनिक बीमारी है, इसमें गर्भाशय की परत (एंडोमेट्रियम) से मिलती-जुलती कोशिकाएं  (टिश्यू) जब गर्भाशय के बाहर बढ़ने लगते हैं, तो इससे सूजन, निशान (स्कैरिंग) और अंगों के आपस में चिपकने (एडहेज़न) की समस्या हो सकती है। यह स्थिति अंडाशय, फैलोपियन ट्यूब, मूत्राशय, आंत और पेट की दीवारों तक फैल सकती है।
एंडोमेट्रियोसिस के प्रमुख लक्षणों में मासिक धर्म के दौरान अत्यधिक दर्द (डिसमेनोरिया), लगातार पेट में हल्का या तेज दर्द,  मासिक धर्म के बीच स्पॉटिंग या अनियमित रक्तस्राव, दर्दनाक मल त्याग या बार-बार पेशाब की समस्या,  गर्भधारण में कठिनाई या बार-बार गर्भपात हैं। इसका उपचार मुख्य रूप से लक्षणों और इमेजिंग तकनीकों के आधार पर किया जाता है, जिनमें  अल्ट्रासाउंड स्कैन, एमआरआई , सीटी स्कैन  ,  लैप्रोस्कोपी – एक सर्जिकल प्रक्रिया, जिसमें पेल्विक कैविटी की जांच की जाती है और एंडोमेट्रियल इम्प्लांट्स की पुष्टि की जाती है।
इस बीमारी का अभी तक कोई स्थायी इलाज नहीं है, लेकिन इसके लक्षणों को नियंत्रित करने के कई तरीके उपलब्ध हैं,  जैसे कि डॉक्टर द्वारा सुझाई गई दर्द निवारक दवाएं लेना। सर्जरी – जब दवाओं से राहत नहीं मिलती या बीमारी गंभीर हो जाती है, तब सर्जरी आवश्यक हो सकती है। सर्जरी, विशेष रूप से उन्नत एंडोमेट्रियोसिस और डीप इंफिल्ट्रेटिंग एंडोमेट्रियोसिस  के मामलों में  इस बीमारी के प्रबंधन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। एंडोमेट्रियोसिस के उपचार में घावों (लेज़न) को हटाने की प्रक्रिया (एक्सिशन) को सबसे प्रभावी तरीका माना जाता है।
आमतौर पर सर्जरी उन महिलाओं के लिए सुझाई जाती है, जो अत्यधिक मासिक धर्म रक्तस्राव, तेज़ दर्द से पीड़ित हैं, दवाओं का असर नहीं हो रहा है, या जिनके एंडोमेट्रियोसिस के बड़े घाव या सिस्ट (गांठ) विकसित हो गए हैं। मिनिमली इनवेसिव सर्जरी ओपन सर्जरी और लैप्रोस्कोपी की तुलना में कई फायदे प्रदान करती है।
रोबोटिक सर्जरी  ने एंडोमेट्रियोसिस के इलाज में क्रांतिकारी बदलाव लाया है। यह तकनीक अधिक सटीकता, बेहतर 3-डी विज़ुअलाइज़ेशन और उच्च स्तर की डेक्सटेरिटी (हाथों की निपुणता) प्रदान करती है, जिससे एंडोमेट्रियल इम्प्लांट्स को पूरी तरह हटाने में मदद मिलती है। रोबोटिक सर्जरी से  कम रक्तस्राव, कम दर्द और तेजी से रिकवरी,  अस्पताल से जल्दी छुट्टी, मूत्राशय और आंत (बाउल) या मूत्राशय (ब्लैडर) की चोट और चिपकने (एडहीज़न) जैसी जटिलताओं के जोखिम को भी कम करती है।इसके अलावा, रोबोटिक सर्जरी एंडोमेट्रियोसिस के पुनरावृत्ति (रिकरेंस) के खतरे को कम करने में मदद करती है, क्योंकि यह एंडोमेट्रियल इम्प्लांट्स को अधिक संपूर्ण तरीके से हटाने की सुविधा देती है।

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