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जीएसटी परिषद की 55वी बैठक में वित्त मंत्री डॉ अग्रवाल ने मजबूती के साथ रखा उत्तराखंड का पक्ष,उठाए कई मुद्दे

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में हुई 55वी बैठक,
विधि समिति व फिटमेंट समिति के संस्तुत विषयों पर हुई विस्तृत चर्चा ,
सचिव वित्त जावलकर और आयुक्त राज्य कर डॉ इक़बाल रहे मौजूद
देहरादून । जीएसटी परिषद की 55वीं  बैठक  शनिवार को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में आयोजित की गयी। बैठक में उत्तराखण्ड राज्य का प्रतिनिधित्व  उत्तराखंड के वित्त मंत्री डॉ प्रेम चंद अग्रवाल ने किया । बैठक में   विधि समिति  तथा फिटमेंट समिति के संस्तुत विषयों पर विस्तृत चर्चा की गयी।
बैठक में राज्य ने सर्वोच्च न्यायालय द्वारा  03.10.2024 को एम/ एस सफारी रिटीट्स  प्राइवेट लिमिटेड के मामले में दिए गए निर्णय के क्रम में जीएसटी अधिनियम की धारा 17 (5)(d) में सशोधन, पान मसाला, गुटखा, तम्बाकू जैसी वस्तुओं पर कर चोरी को रोकने के उद्देश्य से ट्रैक एंड ट्रेस मेकैनिज्म लागू किये जाने के लिए संशोधन, जीएसटीआर-1 के लिए ली जाने वाली विलम्ब शुल्क को समाप्त किये जाने, ऐसे मामलों में जहाँ कोई व्यक्ति अधिनियम के अंतर्गत पंजीकृत नहीं है किन्तु कोई भुगतान करना चाहता है, को टेंपरेरी आईडेंटिफिकेशन नंबर   दिए जाने तथा इनवॉइस मैनेजमेंट सिस्टम (इनवॉइस स्तर पर आईटीसी के मिलान के लिए, जिसके आधार पर आईटीसी एक्सेप्ट रिजेक्ट की जा सकती है) लागू  किये के लिए अधिनियम तथा नियम में किये जाने वाले संशोधन पर सहमति व्यक्त की गयी l
बैठक में  फिटमेंट समिति द्वारा की गई संस्तुतियों के अंतर्गत कर दरों के संबंध में स्पष्टीकरण जारी किए जाने तथा इन विसंगतियों को दूर किये जाने पर विचार विमर्श किया गया।  इस क्रम में राज्य द्वारा समाधान अपनाने वाले व्यापारियों के लिए अपंजीकृत व्यक्ति से कमर्शियल प्रॉपर्टी
किराए पर लिए जाने पर रिज़र्व चार्ज मैकेनिजम  के अंतर्गत करदेयता नहीं होने तथा यदि पिछले वित्तीय वर्ष के दौरान किराए पर दिए गए किसी भी आवास इकाई की आपूर्ति का मूल्य प्रति दिन प्रति इकाई 7500 से अधिक है तो होटल आवास प्रदान करने वाले परिसर में रेस्तरां सेवा के आपूर्तिकर्ता को पूरे वित्तीय वर्ष के लिए रेस्तरां सेवा पर 18 फीसदी की दर से कर का भुगतान करना आवश्यक किये जाने के सम्बन्ध में निर्दिष्ट परिसर की परिभाषा को संशोधित किये जाने तथा  मर्चेंट  एक्सपोर्टर
को की जाने वाली आपूर्ति पर कंपनसेशन सैस  की दर भी 0.1 फीसदी किये जाने पर सहमति व्यक्त की गयी।
इसके अतिरिक्त स्वास्थ्य बीमा तथा जीवन बीमा क्षेत्र में जीएसटी की दर कम किये जाने या इन्हें करमुक्त किये जाने तथा जीएसटी अधिनियम की धारा 9(5) के अंतर्गत ई-कॉमर्स ऑपरेटर के माध्यम से किए गए आपूर्ति के संबंध में की जाने वाली डिलीवरी सेवाओं पर 5 फीसदी कर लगाए जाने सम्बन्धी विषयों पर कोई निर्णय नहीं किया गया तथा उक्त मामलों को अग्रेत्तर परीक्षण करने के लिए स्थगित किया गया।
बैठक में उत्तराखंड की ओर से सचिव वित्त दिलीप जावलकर व आयुक्त राज्य कर  डा अहमद इकबाल सहित अन्य विभागीय अधिकारियों ने प्रतिभाग किया।

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