उत्तराखण्ड

श्रीनगर मेडिकल कॉलेज के 12 डॉक्टरों ने अभीतक किसी सरकारी अस्पताल में अपनी सेवाएं नहीं दी

चिकित्सा शिक्षा विभाग ने कॉलेज के ऐसे 75 चिकित्सकों की लिस्ट की जारी
श्रीनगर। प्रदेश के अस्पतालों में मरीज डॉक्टरों के अभाव में दम तोड़ देते हैं, ये जगजाहिर है। लेकिन सरकारी मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस करने के बाद डॉक्टर अपने बॉन्ड का पालन नहीं कर रहे हैं। ताजा मामला मेडिकल कॉलेज श्रीनगर का है। यहां 12 डॉक्टरों ने अभी तक किसी भी सरकारी अस्पताल में अपनी सेवाएं नहीं दी हैं। उन्हें अब चिकित्सा शिक्षा विभाग ढूंढ रहा है। इसके लिए संबंधित जिलाधिकारियों को पत्र भेज, इनकी खोजबीन करने के आदेश जारी किए गए हैं। साथ ही इन्हें अस्पतालों में ज्वाइनिंग करने के आदेश जारी किए गए हैं।
दरअसल चिकित्सा शिक्षा विभाग ने मेडिकल कॉलेज श्रीनगर के 75 ऐसे डॉक्टरों की लिस्ट जारी की, जिन्होंने प्रदेश के किसी भी सीएससी सेंटर में अपनी ज्वॉइनिंग नहीं दी है और गायब हैं। ऐसे में इन डॉक्टरों की खोजबीन शुरू की जा रही है। इनमें से 55 डॉक्टरों ने या तो सीएचसी सेंटरों में ज्वॉइनिंग दे दी या फिर ये पीजी करने के लिए लिए अन्य संस्थानों में चले गए हैं। वहीं, कुछ डॉक्टरों से बॉन्ड का उल्लंघन करने पर 3 करोड़ रुपये की वसूली की गई है। इसके बाद मार्च 2021 में 25 ऐसे डॉक्टर मिले, जिनको फिर रिमाइंडर भेजा गया। उनमें से डॉक्टर प्रतिभा सिंह, चित्र बिष्ट ने अस्पतालों में अपनी सेवा शुरू कर दी और अर्थदंड के तौर पर 33-33 ला ख का भुगतान किया है।इनमें पांच डॉक्टर ऐसे हैं, जिनका मामला अभी कोर्ट में चल रहा है। लेकिन मेडिकल कॉलेज में 12 ऐसे डॉक्टर हैं, जिनका कुछ भी पता नहीं चल रहा है। ऐसे हालात में उन सभी के गृह जनपदों के जिलाधिकारी को पत्र लि ख उनकी खोजबीन करने के आदेश जारी किए गए हैं। मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल सीएमएस रावत ने बताया कि इन सभी 12 डॉक्टरों का पता किया जा रहा है। बाद में इनसे अर्थदंड वसूला जाएगा। बड़ा सवाल यह उठ रहा है कि सस्ती फीस पर एमबीबीएस करने वाले ये चिकित्सक आखिर क्यों अपनी सेवाएं सरकारी अस्पतालों में नहीं दे रहे हैं जबकि अस्पतालों में इनकी सख्त जरूरत है।

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