पंजाब आइपीएस अफसर निंबले के 18वीं बार तबादले पर विवाद
चंडीगढ़। पंजाब में एक आइपीएस अफसर के 18वीं बार तबादले पर विवाद पैदा हो गया है। पंजाब के चर्चित आइपीएस अधिकारी ध्रुमन निंबले का आठ साल में 18वीं बार ट्रांसफर हुआ है। भगवंत मान सरकार ने निंबले का दो दिन पहले तबादला किया था। इसके बाद विपक्ष ने राज्घ्य की आम आदमी पार्टी पर निशाना साधा है।
आइपीएस अफसर ध्रुमन निंबले के साल 2010 बैच के अधिकारी हैं। निंबले के तबादले को लेकर विपक्ष कांग्रेस ने भगवंत मान पर सवाल उठाए हैं। भगवंत मान सरकार ने दो दिन पहले ही ध्रुमन निंबले का तबादला होशियारपुर से श्री मुक्तसर साहिब कर दिया था।
ध्रुमन की आठ साल में 18 बार ट्रांसफर से हरियाणा के चर्चित आइएएस अधिकारी डा. अशोक खेमका का मामला याद आ गया है। पंजाब कांग्रेस के विधायक परगट सिंह व प्रताप सिंह बाजवा ने ट्वीट कर भगवंत मान सरकार पर हमला किया है। दोनों नेताओं ने कहा कि कुछ दिन पहले होशियारपुर में माइनिंग माफिया से जुड़े गुंडा टैक्स रैकेट का पर्दाफाश करने वाले जिस आईपीएस अधिकारी को सम्मान देना चाहिए था उसका पांच दिन में ही ट्रांसफर कर दिया गया है। परगट और बाजवा ने कहा है कि मुख्यमंत्री भगवंत मान को इस अधिकारी का ट्रांसफर नहीं करना चाहिए, बल्कि उसे सम्मान देना चाहिए था। उम्मीद है कि ये बदलाव नहीं होगा और पंजाब सरकार आइपीएस अधिकारी निंबले को समुचित सम्घ्मान देगी।
ध्यान रहे कि ध्रुमन निंबले ने होशियारपुर में माइनिंग माफिया से जुडेघ् रैकेट का पर्दाफाश किया था। इसमें 1.53 करोड़ रुपये की रिकवरी हुई थी। कांग्रेस सरकार के समय भी ध्रुमन निंबले का दो बार ट्रांसफर हुआ था। ध्रुमन निंबले तरनतारन, मोगा और होशियारपुर में एसएसपी रहे हैं। अपने पोस्टिंग के दौरान उन्होंने अवैध रेत खनन पर पूरी सख्ती की। उन्होंने इन मामलों में अलग अलग जिलों में 100 से ज्यादा एफआईआर दर्ज की।
कांग्रेस नेताओं का कहना है कि सत्ता में आने से पहले आप ने कहा था कि पंजाब में अवैध खनन को खत्म कर दिया जाएगा। लेकिन, अगर खनन माफिया के खिलाफ लड़ने वाले अधिकारियों के इस तरह से ट्रांसफर होंगे तो माइनिंग माफिया को भगवंत मान सरकार कैसे खत्म करेगी।