कोवैक्सीन की दी डोज लेने वालों में मिली उच्च प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया
आईसीएमआर के अध्ययन में सामने आया निष्कर्ष
नई दिल्ली । भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आइसीएमआर) के एक हालिया अध्ययन में कोवैक्सीन टीके की दोनों डोज लिए जाने के बाद संक्रमण के मामलों में कोरोना वायरस के चिंता के स्वरूपों बीटा, डेल्टा और ओमिक्रोन के खिलाफ प्रतिरक्षा शक्ति में काफी वृद्धि देखी गई।कोरोना से उबर चुके लोगों में कोवैक्सीन के टीकाकरण के बाद प्रतिरोधक क्षमता में महत्वपूर्ण वृद्धि देखी गई लेकिन यह श्ब्रेकथ्रूश् या उन मामलों से कम थी जिनमें टीकाकरण के बाद भी लोगों को कोरोना हुआ।
अध्ययन में शामिल एनआइवी, पुणे की वरिष्ठ वैज्ञानिक डा.प्रज्ञा यादव ने कहा कि यह अध्ययन कोरोनारोधी टीके की बूस्टर खुराक या एहतियाती खुराक के महत्व को रेखांकित करता है जो रोग के खिलाफ बेहतर सुरक्षा प्रदान करता है। इस साल फरवरी में कराए गए इस अध्ययन में वायरस के ओमिक्रोन स्वरूप को अलग रखा गया। इसका प्रकाशन पांच अप्रैल को जर्नल आफ इन्फेक्शन में किया गया।
उन्होंने कहा कि भारत में ओमिक्रोन के कारण आई महामारी की तीसरी लहर के असर ने हमें इस स्वरूप के खिलाफ कोवैक्सीन के प्रभाव के अध्ययन के लिए प्रेरित किया। इस अध्ययन के तहत प्रतिभागियों को तीन समूहों में बांटा गया। पहले समूह में कोरोना के साधारण प्रभाव वाले 52 लोग थे जिन्हें कोवैक्सीन की दो डोज दी गई थीं और जिनकी औसत आयु 41.7 वर्ष थी। दूसरे समूह में 41.7 वर्ष की औसत आयु वाले कोरोना से उबर चुके 31 लोग थे जिन्हें कोवैक्सीन की दो खुराक दी जा चुकी थीं। तीसरे समूह में 40 ऐसे लोग थे जिन्हें कोवैक्सीन की दोनों खुराक के बाद संक्रमण पाया गया। इनकी औसत आयु 43.7 वर्ष थी।