यूपी में डॉक्टरों के तबादले को लेकर स्वास्थ्य मंत्री ब्रजेश पाठक और चिकित्सा मुख्य सचिव आमने-सामने
लखनऊ। यूपी हुए डॉक्टरों के तबादले को लेकर राज्य के उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक और अतिरिक्त मुख्य सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद के बीच गतिरोध स्थिति पैदा हो गई है। दरअसल ब्रजेश पाठक यूपी के चिकित्सा और स्वास्थ्य मंत्री भी हैं। ऐसे में जब वो हैदराबाद में भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के लिए गए थे तो राज्य के कई जिलों में डॉक्टरों का तबादला किया गया।
हैदराबाद से वापसी के बाद पाठक तबादलों को लेकर नाराज बताये जा रहे हैं। उन्होंने अतिरिक्त मुख्य सचिव प्रसाद को एक पत्र लिखकर कहा है कि राज्य में डॉक्टरों के स्थानांतरण के लिए पूरी प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया। सूत्रों के हवाले से लिखा कि अमित मोहन प्रसाद ने मंत्री के पत्र के जवाब में बताया कि इन तबादलों में सही प्रक्रिया का पालन किया गया है। जो आमतौर पर हर साल जून के अंत तक किया जाता है।
दरअसल कोविड -19 महामारी के बीच भी अमित मोहन प्रसाद स्वास्थ्य विभाग का नेतृत्व कर रहे थे। तब भी पाठक ने विभाग के कामकाज पर सवाल उठाया था। अमित मोहन प्रसाद और ब्रजेश पाठक के बीच गतिरोध की स्थिति का खुलासा तब हुआ जब 4 जुलाई को पाठक का प्रसाद को लिखा एक पत्र सार्वजनिक हुआ।
हिंदी में लिखे इस पत्र में पाठक ने लिखा, “मुझे पता चला है कि वर्तमान सत्र में जो भी तबादले हुए हैं, उसमें स्थानांतरण नीति का पूरी तरह से पालन नहीं किया गया है। ऐसे में ट्रांसफर किए गए लोगों और उसके कारणों का पूरा विवरण दिया जाए।” पत्र में लिखा गया है कि मुझे जानकारी दी गई है कि लखनऊ सहित राज्य के जिन जिलों में बड़े अस्पतालों में विशेषज्ञ डॉक्टरों की जरूरत है, उन्हें स्थानांतरित कर दिया गया है लेकिन उनके स्थान पर कोई नियुक्ति नहीं हुई है।
उन्होंने लिखा कि लखनऊ राज्य की राजधानी है, जहां पहले से ही विशेषज्ञ डॉक्टरों की कमी है और गंभीर हालत में मरीजों को बेहतर इलाज के लिए दूसरे जिलों से भी लखनऊ रेफर किया जाता है। वहीं ब्रजेश पाठक ने लखनऊ के महत्वपूर्ण और बड़े अस्पतालों से इतनी बड़ी संख्या में डॉक्टरों के तबादलों के बाद चिकित्सा सेवाओं के बेहतर ढंग से संचालन के लिए की गई व्यवस्थाओं की भी जानकारी मांगी है।”
ब्रजेश पाठक ने इस तरह से पहली अपनी नाराजगी जाहिर नहीं की है। उन्होंने कोविड -19 महामारी के बीच भी ऐसा किया था। उस दौरान वो योगी सरकार में कानून मंत्री थे।