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अमित शाह ने स्थानीय स्तर पर अलर्ट पहुंचाने का तंत्र खड़ा करने पर दिया जोर, कहा- समय पर करें आपदा के प्रति सतर्क

नई दिल्ली। प्राकृतिक आपदा से जान-माल की रक्षा के लिए समय रहते इससे प्रभावित इलाकों में आम लोगों को सतर्क करना जरूरी है। आपदा प्रबंधन पर दो दिन के सेमिनार का उद्घाटन करते हुए गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि आपदा की सटीक जानकारी मुहैया कराने के लिए कई एप तैयार किए गए हैं। लेकिन इससे निचले स्तर पर अलर्ट किए गए बगैर उचित परिणाम नहीं मिल सकता।
पिछले 20 वर्षो को आपदा प्रबंधन के क्षेत्र का स्वर्ण काल बताते हुए अमित शाह ने कहा कि बड़े-बड़े आपदाओं में लोगों की जान बचाने में हम काफी सफल हुए हैं। लेकिन बिजली गिरने जैसी प्राकृतिक आपदा में प्रतिक्रिया की अवधि काफी कम होने के कारण उतनी सफलता नहीं मिल सकी है। उनके अनुसार, बिजली गिरने की सटीक जानकारी उपलब्ध कराने के लिए दामिनी एप मौजूद है। लेकिन निचले स्तर तक इसके माध्यम से लोगों को सतर्क किए जाने की जरूरत है। इसके लिए उन्होंने एमसीसी, एनएसएस, होमगार्ड और महिला स्वयं सहायता समूहों को इस काम से जोड़ने की जरूरत बताई। इनके माध्यम से किसी क्षेत्र में बिजली गिरने या अन्य आपदा की जानकारी बहुत कम समय में लोगों तक पहुंचाकर जान बचाई जा सकती है।
अमित शाह ने आपदा के दौरान राष्ट्रीय स्तर पर राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) और राज्य स्तर पर राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) के कामकाज की सराहना की। लेकिन उन्होंने यह भी साफ कर दिया कि दूर-दराज के इलाकों व गांवों में इस फोर्स के पहुंचने में थोड़ा वक्त लग जाता है। इसके लिए स्थानीय स्तर पर युवाओं को आपदा प्रबंधन का प्रशिक्षण देने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में हर गांव और हर मुहल्ले में ऐसे प्रशिक्षित युवाओं को तैयार करना होगा, जो आपदा के दौरान एनडीआरएफ या एसडीआरएफ की टीम के पहुंचने के पहले राहत व बचाव कार्य में लग सकें। शाह ने एनडीआरएफ की उपलब्धियों का जिक्र करते हुए कहा कि इतने कम समय में यह विश्व के बेहतरीन आपदा प्रबंधन बल के रूप में सामने आया है। इसने कई देशों में राहत और बचाव का काम किया है।

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