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ठेकेदार की आत्महत्या मामले में कर्नाटक के मंत्री केएस ईश्वरप्पा ने मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई को सौंपा अपना इस्तीफा

बेंगलुरू। ठेकेदार के आत्महत्या मामले में घिरे कर्नाटक के ग्रामीण विकास और पंचायत राज मंत्री केएस ईश्वरप्पा ने त्यागपत्र दे दिया है। शुक्रवार शाम को उन्होंने अपना त्यागपत्र मुख्यमंत्री बासवराज बोम्मई को सौंप दिया। मुख्यमंत्री आवास के बाहर मौजूद ईश्वरप्पा के समर्थकों ने उनसे त्यागपत्र नहीं देने की अपील की। उन्होंने कांग्रेस नेताओं के खिलाफ नारेबाजी भी की। इससे पहले बासवराज बोम्मई ने कहा कि ईश्वरप्पा के त्यागपत्र को सरकार के लिए किसी तरह का झटका नहीं माना जा सकता है। ईश्वरप्पा को गिरफ्तार करने की मांग कर रही कांग्रेस से उन्होंने कहा कि वह खुद ही जांचकर्ता, अभियोजक और न्यायाधीश न बने। जांच की जा रही है और सच्चाई सामने आ जाएगी।
ठेकेदार संतोष पाटिल के आत्महत्या मामले को लेकर विपक्ष राज्य मंत्री केएस ईश्वरप्पा को बर्खास्त करने की लगातार मांग उठा रहा था। वहीं भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआई) के सांसद बिनाय विश्वम ने कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई को पत्र लिखकर मंत्री केएस ईश्वरप्पा को राज्य मंत्रिमंडल से हटाने और ठेकेदार संतोष पाटिल की मौत के खिलाफ केएस ईश्वरप्पा पर सख्त कार्रवाई की मांग कर रहा था। अपने पत्र में, उन्होंने लिखा था कि संतोष पाटिल ने 12 अप्रैल को उडिपी के एक लाज में श्कर्नाटक के ग्रामीण विकास मंत्री केएस ईश्वरप्पा और उनके सहयोगियों बसवराज और रमेश द्वारा परेशान किए जाने के बाद आत्महत्या कर ली थी।
कर्नाटक के ग्रामीण विकास एवं पंचायत राज मंत्री केएस ईश्वरप्पा पर ठेके के लिए 40 फीसद कमीशन मांगने का आरोप लगाने वाला ठेकेदार बेलगावी जिला निवासी संतोष के. पाटिल पिछले मंगलवार सुबह तटवर्ती कस्बे उडुपी के एक लाज में मृत पाया गया था। पुलिस के मुताबिक, बेलगावी जिला निवासी संतोष के. पाटिल का शव प्राइवेट लाज में पाया गया। उसके साथी समीप के कमरे में ठहरे हुए थे। राज्य के गृह मंत्री अरागा जननेन्द्र ने कहा कि मामले की जांच की जाएगी।
पाटिल ने कुछ मीडिया कार्यालयों को संदेश भेज कर कहा था कि वह आत्महत्या करने जा रहा है और उसकी मौत के लिए ईश्वरप्पा जिम्मेदार हैं। इस घटना पर अपनी प्रतिक्रिया में ईश्वरप्पा ने कहा कि उन्हें आत्महत्या की जानकारी नहीं है।
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30 मार्च को पाटिल ने खुद को भाजपा कार्यकर्ता बताते हुए आरोप लगाया था कि आरडीपीआर विभाग में उसने एक काम कराया और भुगतान चाहता है, लेकिन ईश्वरप्पा चार करोड़ रुपये में से 40 फीसद कमीशन मांग रहे हैं। मंत्री ने आरोप खारिज करते हुए मामला दर्ज करा दिया था।

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